அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (17) அத்தியாயம்: ஸூரா புஸ்ஸிலத்
وَاَمَّا ثَمُوْدُ فَهَدَیْنٰهُمْ فَاسْتَحَبُّوا الْعَمٰی عَلَی الْهُدٰی فَاَخَذَتْهُمْ صٰعِقَةُ الْعَذَابِ الْهُوْنِ بِمَا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟ۚ
रहे सालेह अलैहिस्सलाम की जाति 'समूद' समुदाय के लोग, तो हमने उनके सामने सत्य के रास्ते को स्पष्ट करके उनका मार्गदर्शन किया। लेकिन उन्होंने सत्य की ओर मार्गदर्शन पर गुमराही को प्राथमिकता दी। तो उन्हें, उनके कुफ़्र और पापों के कारण, अपमानजनक दंड के वज्र ने नष्ट कर दिया।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• الإعراض عن الحق سبب المهالك في الدنيا والآخرة.
• सत्य से मुँह मोड़ना दुनिया एवं आख़िरत में हलाकतों का सबब है।

• التكبر والاغترار بالقوة مانعان من الإذعان للحق.
• अभिमान तथा शक्ति का धोखा सत्य का पालन करने से रोकने वाली चीज़ें हैं।

• الكفار يُجْمَع لهم بين عذاب الدنيا وعذاب الآخرة.
• काफ़िरो को दुनिया एवं आख़िरत दोनों जगहों की यातना का सामना करना पड़ेगा।

• شهادة الجوارح يوم القيامة على أصحابها.
• इनसानी शरीर के अंग क़ियामत के दिन उनके विरुद्ध गवाही देंगे।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (17) அத்தியாயம்: ஸூரா புஸ்ஸிலத்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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