அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (53) அத்தியாயம்: ஸூரா புஸ்ஸிலத்
سَنُرِیْهِمْ اٰیٰتِنَا فِی الْاٰفَاقِ وَفِیْۤ اَنْفُسِهِمْ حَتّٰی یَتَبَیَّنَ لَهُمْ اَنَّهُ الْحَقُّ ؕ— اَوَلَمْ یَكْفِ بِرَبِّكَ اَنَّهٗ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ شَهِیْدٌ ۟
हम शीघ्र ही मुसलमानों को विजय प्रदान करके क़ुरैश के काफ़िरों को धरती के कोने-कोने में अपनी निशानियाँ दिखाएँगे, तथा मक्का पर विजय देकर स्वयं उनके अपने भीतर भी अपनी निशानियाँ दिखाएँगे; यहाँ तक कि उनके लिए इस तरह स्पष्ट हो जाए जो शक को दूर कर दे कि यह क़ुरआन वह सत्य पुस्तक है जिसमें कोई संदेह नहीं है। क्या इन मुश्रिकों को यह जानने के लिए कि यह कुरआन सत्य है, अल्लाह की यह गवाही काफ़ी नहीं है कि यह उसी की ओर से उतरा है?! भला अल्लाह से बड़ी गवाही किसकी हो सकती है?! यदि उन्हें सत्य की तलाश होती, तो उनके लिए अपने पालनहार की गवाही पर्याप्त होती।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• علم الساعة عند الله وحده.
• क़ियामत का ज्ञान केवल अल्लाह के पास है।

• تعامل الكافر مع نعم الله ونقمه فيه تخبط واضطراب.
• अल्लाह की नेमतों एवं प्रकोपों के प्रति काफ़िर के व्यवहार में उथल-पुथल और विकलता पाई जाती है।

• إحاطة الله بكل شيء علمًا وقدرة.
• सब कुछ अल्लाह के ज्ञान और शक्ति के घेरे में है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (53) அத்தியாயம்: ஸூரா புஸ்ஸிலத்
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