அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (20) அத்தியாயம்: ஸூரா அஸ்ஸுக்ருப்
وَقَالُوْا لَوْ شَآءَ الرَّحْمٰنُ مَا عَبَدْنٰهُمْ ؕ— مَا لَهُمْ بِذٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ ۗ— اِنْ هُمْ اِلَّا یَخْرُصُوْنَ ۟ؕ
उन्होंने तक़दीर को तर्क (बहाना) बनाते हुए कहा : अगर अल्लाह चाहता कि हम फ़रिश्तों की पूजा न करें, तो हम उनकी पूजा न करते। अतः उसका हमसे यह चाहना उसकी संतुष्टि को इंगित करता है। उन्हें अपनी इस बात का कोई ज्ञान नहीं है, वे केवल झूठ बोल रहे हैं।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• كل نعمة تقتضي شكرًا.
• हर नेमत के लिए आभार प्रकट करने की आवश्यकता होती है।

• جور المشركين في تصوراتهم عن ربهم حين نسبوا الإناث إليه، وكَرِهوهنّ لأنفسهم.
• मुश्रिकों का अपने पालनहार के प्रति धारणा में अन्याय और अनौचित्य, जब उन्होंने नारियों को उससे संबंधित किया और अपने लिए उन्हें नापसंद किया।

• بطلان الاحتجاج على المعاصي بالقدر.
• गुनाहों पर तक़दीर को तर्क (बहाना) बनाना अमान्य है।

• المشاهدة أحد الأسس لإثبات الحقائق.
• अवलोकन तथ्यों को साबित करने का एक आधार है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (20) அத்தியாயம்: ஸூரா அஸ்ஸுக்ருப்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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