அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (35) அத்தியாயம்: ஸூரா அஸ்ஸுக்ருப்
وَزُخْرُفًا ؕ— وَاِنْ كُلُّ ذٰلِكَ لَمَّا مَتَاعُ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ؕ— وَالْاٰخِرَةُ عِنْدَ رَبِّكَ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟۠
तथा हम उनके लिए सोना बना देते। ये सारी चीज़ें सांसारिक जीवन की सुख सामग्री के सिवा कुछ नहीं हैं। इनका लाभ बहुत कम है, क्योंकि ये बाकी रहने वाली नहीं हैं। और आख़िरत में जो नेमत है, वह (ऐ रसूल!) आपके पालनहार के निकट उन लोगों के लिए उत्तम है, जो अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, डरते हैं।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• خطر الإعراض عن القرآن.
• क़ुरआन से मुँह मोड़ना घातक है।

• القرآن شرف لرسول الله صلى الله عليه وسلم ولأمته.
• क़ुरआन रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपकी उम्मत के लिए एक सम्मान है।

• اتفاق الرسالات كلها على نبذ الشرك.
• सभी नबियों के संदेश शिर्क को अस्वीकार करने पर सहमत हैं।

• السخرية من الحق صفة من صفات الكفر.
• सत्य का मज़ाक़ उड़ाना, काफ़िरों की विशेषताओं में से एक है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (35) அத்தியாயம்: ஸூரா அஸ்ஸுக்ருப்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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