அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (8) அத்தியாயம்: ஸூரா அஸ்ஸுக்ருப்
فَاَهْلَكْنَاۤ اَشَدَّ مِنْهُمْ بَطْشًا وَّمَضٰی مَثَلُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
अंततः हमने उन समुदायों को विनष्ट कर दिया, जो अधिक बलवान थे। इसलिए हम उनसे कमज़ोर लोगों को विनष्ट करने से विवश नहीं हो सकते। और क़ुरआन में पिछले समुदायों, जैसे आद, समूद, लूत अलैहिस्सलाम की जाति और मद्यन वालों के विनाश का हाल गुज़र चुका है।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• سمي الوحي روحًا لأهمية الوحي في هداية الناس، فهو بمنزلة الروح للجسد.
• लोगों का मार्गदर्शन करने में वह़्य के महत्व के कारण वह़्य को 'रूह़' (आत्मा) कहा गया है। क्योंकि यह शरीर के लिए आत्मा के समान स्थिति में है।

• الهداية المسندة إلى الرسول صلى الله عليه وسلم هي هداية الإرشاد لا هداية التوفيق.
• रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सौंपा गया मार्गदर्शन (हिदायत) केवल सत्यमार्ग को दर्शाना है, सत्यमार्ग को ग्रहण करने का सामर्थ्य (तौफीक़) प्रदान करना नहीं है।

• ما عند المشركين من توحيد الربوبية لا ينفعهم يوم القيامة.
• मुश्रिकों के पास जो रुबूबियत का तौहीद (यानी अल्लाह को एकमात्र पालनहार स्वीकारने की मान्यता) है, वह क़ियामत के दिन उन्हें लाभ नहीं देगा।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (8) அத்தியாயம்: ஸூரா அஸ்ஸுக்ருப்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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