அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (33) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அன்ஆம்
قَدْ نَعْلَمُ اِنَّهٗ لَیَحْزُنُكَ الَّذِیْ یَقُوْلُوْنَ فَاِنَّهُمْ لَا یُكَذِّبُوْنَكَ وَلٰكِنَّ الظّٰلِمِیْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ یَجْحَدُوْنَ ۟
हम जानते हैं कि (ऐ रसूल!) आपको इस बात से बड़ा दुख होता है कि वे ज़ाहिरी तौर पर आपको झुठलाते हैं। इसलिए आप जान लें कि वे आपको अपने दिल से नहीं झुठलाते; क्योंकि वे आपकी सच्चाई तथा अमानत-दारी को जानते हैं। लेकिन वे अत्याचारी लोग हैं, जो बाह्य रूप से आपकी आज्ञा का खंडन करते हैं, जबकि वे अपने दिल में उसपर विश्वास करते हैं।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• من عدل الله تعالى أنه يجمع العابد والمعبود والتابع والمتبوع في عَرَصات القيامة ليشهد بعضهم على بعض.
• यह अल्लाह के न्याय में से है कि वह क़ियामत के मैदान में उपासक और उपास्य, अनुसरणकर्ता तथा जिसका अनुसरण किया गया है, सबको इकट्ठा करेगा, ताकि वे एक-दूसरे के विरुद्ध गवाही दें।

• ليس كل من يسمع القرآن ينتفع به، فربما يوجد حائل مثل ختم القلب أو الصَّمَم عن الانتفاع أو غير ذلك.
• हर कोई जो क़ुरआन सुनता है, वह उससे लाभान्वित नहीं होता है, क्योंकि लाभान्वित होने में कोई चीज़ बाधित हो सकती है, जैसे कि दिल पर मुहर लगा दिया जाना या लाभ उठाने से बहरापन, या कुछ और।

• بيان أن المشركين وإن كانوا يكذبون في الظاهر فهم يستيقنون في دواخلهم بصدق النبي عليه الصلاة والسلام.
• इस बात का वर्णन कि मुश्रिक, भले ही ज़ाहिरी तौर पर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाते थे, परंतु वे अपने दिलों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सच्चाई के प्रति आश्वस्त थे।

• تسلية النبي عليه الصلاة والسلام ومواساته بإعلامه أن هذا التكذيب لم يقع له وحده، بل هي طريقة المشركين في معاملة الرسل السابقين.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को यह बताकर सांत्वना देना कि यह इनकार अकेले उनके साथ नहीं हुआ है। बल्कि, पिछले रसूलों के साथ व्यवहार करने में बहुदेववादियों का यही तरीक़ा रहा है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (33) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அன்ஆம்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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