அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (3) அத்தியாயம்: ஸூரா அத்தலாக்
وَّیَرْزُقْهُ مِنْ حَیْثُ لَا یَحْتَسِبُ ؕ— وَمَنْ یَّتَوَكَّلْ عَلَی اللّٰهِ فَهُوَ حَسْبُهٗ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ بَالِغُ اَمْرِهٖ ؕ— قَدْ جَعَلَ اللّٰهُ لِكُلِّ شَیْءٍ قَدْرًا ۟
और उसे वहाँ से रोज़ी देगा, जहाँ से वह सोच भी नहीं सकता और वह उसके दिमाग में भी नहीं आया होगा। और जो अपने कामों में अल्लाह पर भरोसा करता है, अल्लाह उसके लिए काफ़ी है। निश्चय अल्लाह अपने आदेश को लागू करने वाला है। वह किसी चीज़ से विवश नहीं है और कोई चीज़ उससे नहीं छूटती। अल्लाह ने हर चीज़ का एक नियत समय निर्धारित कर रखा है, जहाँ तक उसे पहुँचना है। चुनाँचे कठिनाई का एक नियत समय निर्धारित है तथा समृद्धि का एक नियत समय निर्धारित है। अतः दोनों में से कोई भी इनसान पर हमेशा नहीं रहती।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• خطاب النبي صلى الله عليه وسلم خطاب لأمته ما لم تثبت له الخصوصية.
• नबी - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - को संबोधन, आपकी उम्मत के लिए भी संबोधन है, जब तक कि आप - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - के लिए विशिष्टता साबित न हो जाए।

• وجوب السكنى والنفقة للمطلقة الرجعية.
• रजई तलाक़ दी गई महिला के लिए आवास और भरण-पोषण की अनिवार्यता।

• النَّدْب إلى الإشهاد حسمًا لمادة الخلاف.
• विवाद की जड़ को समाप्त करने के लिए गवाह बनाने का आह्वान।

• كثرة فوائد التقوى وعظمها.
• तक़वा के बहुत-से बड़े-बड़े लाभ हैं।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (3) அத்தியாயம்: ஸூரா அத்தலாக்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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