அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (1) அத்தியாயம்: ஸூரா அத்தஹ்ரீம்

सूरा अत्-तह़रीम

சூராவின் இலக்குகளில் சில:
الدعوة إلى إقامة البيوت على تعظيم حدود الله وتقديم مرضاته وحده.
घरों को अल्लाह की सीमाओं का सम्मान करने और केवल उसी की प्रसन्नता को प्राथमिकता देने पर स्थापित करने का आह्वान।

یٰۤاَیُّهَا النَّبِیُّ لِمَ تُحَرِّمُ مَاۤ اَحَلَّ اللّٰهُ لَكَ ۚ— تَبْتَغِیْ مَرْضَاتَ اَزْوَاجِكَ ؕ— وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
ऐ रसूल! आप अपनी दासी मारिया से सहवास को क्यों हराम ठहराते हैं, जिसे अल्लाह ने आपके लिए हलाल किया है, आप इससे अपनी पत्नियों को खुश करना चाहते हैं, क्योंकि वे आपके मारिया के पास जाने को अप्रिय समझती हैं?! अल्लाह आपको माफ़ करने वाला, आप पर दया करने वाला है।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• مشروعية الكَفَّارة عن اليمين.
• क़सम का कफ़्फ़ारा देने की वैधता।

• بيان منزلة النبي صلى الله عليه وسلم عند ربه ودفاعه عنه.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अपने पालनहार के निकट स्थिति तथा उसका आपकी रक्षा करने का वर्णन।

• من كرم المصطفى صلى الله عليه وسلم مع زوجاته أنه كان لا يستقصي في العتاب فكان يعرض عن بعض الأخطاء إبقاءً للمودة.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अपनी पत्नियों के साथ उदारता का एक प्रतीक यह है कि आप किसी व्यवहार पर निंदा करते समय एक-एक ग़लती का उल्लेख नहीं करते थे। बल्कि स्नेह को बनाए रखने के लिए कुछ ग़लतियों को नज़र अंदाज़ कर देते थे।

• مسؤولية المؤمن عن نفسه وعن أهله.
• मोमिन की अपने और अपने परिवार के प्रति ज़िम्मेदारी।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (1) அத்தியாயம்: ஸூரா அத்தஹ்ரீம்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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