அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (13) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அஃராப்
قَالَ فَاهْبِطْ مِنْهَا فَمَا یَكُوْنُ لَكَ اَنْ تَتَكَبَّرَ فِیْهَا فَاخْرُجْ اِنَّكَ مِنَ الصّٰغِرِیْنَ ۟
अल्लाह ने उससे कहा : जन्नत से उतर जा। तुझे यहाँ अहंकार करने का अधिकार नहीं है; क्योंकि यह अच्छे तथा पवित्र लोगों का घर है। इसलिए तेरा इसमें रहना उचित नहीं है। निश्चय - ऐ इबलीस! - तू तुच्छ और अपमानित है, भले ही तू अपने आपको आदम से अधिक प्रतिष्ठित समझता हो।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• دلّت الآيات على أن من عصى مولاه فهو ذليل.
• इन आयतों से पता चलता है कि जो कोई अपने स्वामी की अवज्ञा करता है, वह अपमानित होता है।

• أعلن الشيطان عداوته لبني آدم، وتوعد أن يصدهم عن الصراط المستقيم بكل أنواع الوسائل والأساليب.
• शैतान ने आदम की संतान के प्रति अपनी शत्रुता की घोषणा की, और उन्हें हर तरह के साधनों और तरीकों से सीधे रास्ते से रोकने की धमकी दी।

• خطورة المعصية وأنها سبب لعقوبات الله الدنيوية والأخروية.
• अवज्ञा की गंभीरता तथा यह दुनिया एवं आख़िरत में अल्लाह के दंड का कारण है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (13) அத்தியாயம்: ஸூரா அல்அஃராப்
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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