அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (21) அத்தியாயம்: ஸூரா நூஹ்
قَالَ نُوْحٌ رَّبِّ اِنَّهُمْ عَصَوْنِیْ وَاتَّبَعُوْا مَنْ لَّمْ یَزِدْهُ مَالُهٗ وَوَلَدُهٗۤ اِلَّا خَسَارًا ۟ۚ
नूह (अलैहिस्सलाम) ने कहा : ऐ मेरे रब! मेरी जाति के लोगों ने उस चीज़ में मेरी अवज्ञा की, जो मैंने उन्हें तेरे एकेश्वरवाद (तौहीद) और अकेले तेरी इबादत करने का आदेश दिया। और उनमें से निचले स्तर के लोगों ने अपने सरदारों का अनुसरण किया, जिन्हें तू ने धन और संतान की नेमत प्रदान की है। परन्तु तू ने उन्हें जो कुछ प्रदान किया, उसने उन्हें गुमराही के अलावा किसी चीज़ में नहीं बढ़ाया।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• الاستغفار سبب لنزول المطر وكثرة الأموال والأولاد.
• अल्लाह से गुनाहों की क्षमा माँगना, बारिश के उरने तथा धन और संतान की बहुतायत का कारण है।

• دور الأكابر في إضلال الأصاغر ظاهر مُشَاهَد.
• छोटे लोगों को गुमराह करने में बड़ों की भूमिका स्पष्ट और दर्शनीय है।

• الذنوب سبب للهلاك في الدنيا، والعذاب في الآخرة.
• पाप, दुनिया में विनाश और आख़िरत में यातना का कारण है।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (21) அத்தியாயம்: ஸூரா நூஹ்
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