அல்குர்ஆன் மொழிபெயர்ப்பு - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - மொழிபெயர்ப்பு அட்டவணை


மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (44) அத்தியாயம்: ஸூரா அத்தவ்பா
لَا یَسْتَاْذِنُكَ الَّذِیْنَ یُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَالْیَوْمِ الْاٰخِرِ اَنْ یُّجَاهِدُوْا بِاَمْوَالِهِمْ وَاَنْفُسِهِمْ ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌۢ بِالْمُتَّقِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) जो लोग अल्लाह और क़ियामत के दिन पर सच्चा ईमान रखते हैं, उनका यह काम नहीं है कि अपने धनों और अपनी जानों के साथ अल्लाह के मार्ग में जिहाद करने से पीछे रहने की आपसे अनुमति माँगें, बल्कि उनका हाल यह होना चाहिए कि जब उनसे निकलने को कहा जाए, तो निकल पड़ें और अपने धनों और अपनी जानों के साथ जिहाद करें। और अल्लाह अपने उन डर रखने वाले बंदों को जानता है, जो आपसे उसी समय अनुमति माँगते हैं, जब उनके साथ कोई ऐसी मजबूरी हो, जो उन्हें आपके साथ निकलने से रोकती हो।
அரபு விரிவுரைகள்:
இப்பக்கத்தின் வசனங்களிலுள்ள பயன்கள்:
• وجوب الجهاد بالنفس والمال كلما دعت الحاجة.
• जरूरत पड़ने पर जान तथा माल के साथ जिहाद करना वाजिब है।

• الأيمان الكاذبة توجب الهلاك.
• झूठी शपथ विनाश का कारण है।

• وجوب الاحتراز من العجلة، ووجوب التثبت والتأني، وترك الاغترار بظواهر الأمور، والمبالغة في التفحص والتريث.
• जल्दबाज़ी से बचना, ठीक से छानबीन कर लेना, ज़ाहिरी बातों के धोखे में न पड़ना और मामले की तह तक पहुँचना ज़रूरी है।

• من عناية الله بالمؤمنين تثبيطه المنافقين ومنعهم من الخروج مع عباده المؤمنين، رحمة بالمؤمنين ولطفًا من أن يداخلهم من لا ينفعهم بل يضرهم.
• ईमान वालों के लिए अल्लाह की देखभाल, कि उसने मुनाफ़िकों को हतोत्साहित कर दिया और उन्हें अपने मोमिन बंदों के साथ निकलने से रोक दिया, ताकि ऐसे लोग उनके साथ शामिल न हो सकें, जो उनके लिए लाभकारी होने के बजाय हानिकारक सिद्ध हों।

 
மொழிபெயர்ப்பு வசனம்: (44) அத்தியாயம்: ஸூரா அத்தவ்பா
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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