పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (20) సూరహ్: సూరహ్ యూనుస్
وَیَقُوْلُوْنَ لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْهِ اٰیَةٌ مِّنْ رَّبِّهٖ ۚ— فَقُلْ اِنَّمَا الْغَیْبُ لِلّٰهِ فَانْتَظِرُوْا ۚ— اِنِّیْ مَعَكُمْ مِّنَ الْمُنْتَظِرِیْنَ ۟۠
तथा मुश्रिक (बहुदेववादी) लोग कहते हैं : मुहम्मद - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - पर उनके पालनहार की तरफ़ से उनकी सच्चाई को दर्शाने वाली कोई निशानी क्यों नहीं उतारी गईॽ तो (ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : निशानियों का उतरना परोक्ष की बात है, जिसे अल्लाह ही जानता है। इसलिए तुम उन भौतिक निशानियों की प्रतीक्षा करो, जिनका तुमने सुझाव दिया है। मैं भी तुम्हारे साथ उनकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• عظم الافتراء على الله والكذب عليه وتحريف كلامه كما فعل اليهود بالتوراة.
• अल्लाह पर झूठा आरोप लगाना, उसपर झूठ बोलना तथा उसकी वाणी को विकृत करना, जैसा कि यहूदियों ने तौरात के साथ किया था, बहुत गंभीर है।

• النفع والضر بيد الله عز وجل وحده دون ما سواه.
• लाभ और हानि केवल अल्लाह के हाथ में है, किसी और के नहीं।

• بطلان قول المشركين بأن آلهتهم تشفع لهم عند الله.
• बहुदेववादियों के इस कथन की अमान्यता कि उनके पूज्य अल्लाह के निकट उनकी सिफ़ारिश करेंगे।

• اتباع الهوى والاختلاف على الدين هو سبب الفرقة.
• इच्छाओं के पीछे चलना और धर्म में विभेद करना विभाजन का कारण है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (20) సూరహ్: సూరహ్ యూనుస్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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