పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (75) సూరహ్: సూరహ్ యూనుస్
ثُمَّ بَعَثْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ مُّوْسٰی وَهٰرُوْنَ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ بِاٰیٰتِنَا فَاسْتَكْبَرُوْا وَكَانُوْا قَوْمًا مُّجْرِمِیْنَ ۟
फिर कुछ समय के बाद, हमने इन रसूलों के पश्चात मूसा और उनके भाई हारून अलैहिमस्सलाम को मिस्र के राजा फ़िरऔन और उसकी क़ौम के सरदारों की ओर भेजा। हमने उन दोनों को उनकी सत्यता को दर्शाने वाली निशानियों के साथ भेजा था। परंतु उन्होंने घमंड के कारण उन दोनों के लाए हुए धर्म को मानने से इनकार कर दिया। दरअसल, वे अल्लाह के साथ कुफ़्र करने और उसके रसूलों को झुठलाने के कारण अपराधी लोग थे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• سلاح المؤمن في مواجهة أعدائه هو التوكل على الله.
• अपने शत्रुओं का सामना करते समय मोमिन का हथियार अल्लाह पर भरोसा करना है।

• الإصرار على الكفر والتكذيب بالرسل يوجب الختم على القلوب فلا تؤمن أبدًا.
• कुफ़्र और रसूलों को झुठलाने पर अड़े रहना दिलों पर मुहर लगने का कारण है। इसलिए ऐसे लोग कभी ईमान नहीं लाएँगे।

• حال أعداء الرسل واحد، فهم دائما يصفون الهدى بالسحر أو الكذب.
• रसूलों के दुश्मनों की स्थिति एक जैसी होती है, वे मार्गदर्शन को हमेशा जादू या झूठ बताते हैं।

• إن الساحر لا يفلح أبدًا.
• जादूगर कभी सफल नहीं होता।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (75) సూరహ్: సూరహ్ యూనుస్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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