పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (107) సూరహ్: సూరహ్ హూద్
خٰلِدِیْنَ فِیْهَا مَا دَامَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ اِلَّا مَا شَآءَ رَبُّكَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ فَعَّالٌ لِّمَا یُرِیْدُ ۟
वे उसमें सदैव रहेंगे, जब तक आकाश और धरती विद्यमान् हैं, वे उससे बाहर नहीं निकलेंगे। परन्तु अल्लाह एकेश्वरवादी अवज्ञाकारियों में से जिसे निकालना चाहे (उसे निकाल सकता है)। निःसंदेह (ऐ रसूल) आपका पालनहार जो चाहे, उसे कर गुज़रने वाला है। उसे कोई विवश नहीं कर सकता।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• التحذير من اتّباع رؤساء الشر والفساد، وبيان شؤم اتباعهم في الدارين.
• बुराई और भ्रष्टाचार के प्रमुखों के पीछे चलने के खिलाफ चेतावनी और दोनों लोक में उनके अनुयायियों के दुर्भाग्य का वर्णन।

• تنزه الله تعالى عن الظلم في إهلاك أهل الشرك والمعاصي.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान का बहुदेववादियों और पापियों को नष्ट करने में अन्याय से पवित्र होना।

• لا تنفع آلهة المشركين عابديها يوم القيامة، ولا تدفع عنهم العذاب.
• बहुदेववादियों के पूज्य क़ियामत के दिन अपने उपासकों को न कुछ लाभ पहुँचाएँगे और न उनसे अज़ाब दूर कर सकेंगे।

• انقسام الناس يوم القيامة إلى: سعيد خالد في الجنان، وشقي خالد في النيران.
• क़यामत के दिन लोगों का दो गिरोहों में विभाजित होना : एक गिरोह भाग्यवानों का होगा, जो सदैव जन्नत में होगा और दूसरा अभागों का, जो सदैव दोज़ख में होगा।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (107) సూరహ్: సూరహ్ హూద్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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