పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ హూద్
وَلَىِٕنْ اَخَّرْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ اِلٰۤی اُمَّةٍ مَّعْدُوْدَةٍ لَّیَقُوْلُنَّ مَا یَحْبِسُهٗ ؕ— اَلَا یَوْمَ یَاْتِیْهِمْ لَیْسَ مَصْرُوْفًا عَنْهُمْ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟۠
यदि हम मुश्रिकों से दुनिया के जीवन में उस यातना को कुछ दिनों के लिए विलंबित कर दें, जिसके वे हक़दार हैं, तो वे मज़ाक उड़ाते हुए, उसके लिए जल्दी मचाते हुए कहेंगे : हमसे किस चीज़ ने यातना को रोक रखा है? सुन लो, जिस सज़ा के वे हक़दार हैं, उसका अल्लाह के पास एक समय निर्धारित है। और जिस दिन वह उनपर आ जाएगी, तो उन्हें कोई उसे उनसे टालने वाला नहीं मिलेगा। बल्कि वह उनपर आकर रहेगी और वे उस यातना से घिर जाएँगे जिसके लिए वे उपहास और मज़ाक़ को तौर पर जल्दी मचा रहे थे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• سعة علم الله تعالى وتكفله بأرزاق مخلوقاته من إنسان وحيوان وغيرهما.
• अल्लाह के ज्ञान की व्यापकता और उसका मनुष्यों, जानवरों और अन्य सहित अपनी सभी सृष्टियों की आजीविका की ज़िम्मेदारी उठाना।

• بيان علة الخلق؛ وهي اختبار العباد بامتثال أوامر الله واجتناب نواهيه.
• सृष्टि की रचना के कारण का वर्णन; और वह अल्लाह के आदेशों के अनुपालन और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचने में बंदों का परीक्षण है।

• لا ينبغي الاغترار بإمهال الله تعالى لأهل معصيته، فإنه قد يأخذهم فجأة وهم لا يشعرون.
• गुनाहगारों के लिए अल्लाह की छूट से धोखा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि वह अचानक उन्हें पकड़ सकता है और उन्हें एहसास भी नहीं होगा।

• بيان حال الإنسان في حالتي السعة والشدة، ومدح موقف المؤمن المتمثل في الصبر والشكر.
• संपन्नता और कठिनाई की स्थिति में मानवीय स्थिति का वर्णन तथा सब्र और शुक्र के रूप में प्रदर्शित मोमिन की स्थिति की प्रशंसा।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ హూద్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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