పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (94) సూరహ్: సూరహ్ హూద్
وَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا شُعَیْبًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَاَخَذَتِ الَّذِیْنَ ظَلَمُوا الصَّیْحَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دِیَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟ۙ
और जब शुऐब की जाति के लोगों को नष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, तो हमने अपनी दया से शुऐब और उनके साथ ईमान लाने वालों को बचा लिया। और उसकी जाति के अत्याचारियों को एक विनाशकारी भयानक ध्वनि ने पकड़ लिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई और वे इस तरह औंधे पड़े हुए थे कि उनके चेहरे मिट्टी से चिपक गए थे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• ذمّ الجهلة الذين لا يفقهون عن الأنبياء ما جاؤوا به من الآيات.
• ऐसे अज्ञानियों की निंदा, जो नबियों की लाई हुई निशानियों को नहीं समझते।

• ذمّ وتسفيه من اشتغل بأوامر الناس، وأعرض عن أوامر الله.
• ऐसे लोगों की निंदा की गई है और उन्हें मूर्ख बताया गया है, जो लोगों की आज्ञाओं का पालन करते हैं, और अल्लाह के आदेशों से उपेक्षा करते हैं।

• بيان دور العشيرة في نصرة الدعوة والدعاة.
• धर्म प्रचार एवं धर्म प्रचारकों के समर्थन में क़बीले की भूमिका का वर्णन।

• طرد المشركين من رحمة الله تعالى.
• मुश्रिकों का अल्लाह की दया से निष्कासन।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (94) సూరహ్: సూరహ్ హూద్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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