పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (77) సూరహ్: సూరహ్ యూసుఫ్
قَالُوْۤا اِنْ یَّسْرِقْ فَقَدْ سَرَقَ اَخٌ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ ۚ— فَاَسَرَّهَا یُوْسُفُ فِیْ نَفْسِهٖ وَلَمْ یُبْدِهَا لَهُمْ ۚ— قَالَ اَنْتُمْ شَرٌّ مَّكَانًا ۚ— وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا تَصِفُوْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने कहा : यदि इसने चोरी की है, तो कोई आश्चर्य नहीं है। क्योंकि इसकी इस चोरी से पहले इसके एक सगे भाई ने भी चोरी की थी। उनका अभिप्रेत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम थे। किंतु यूसुफ़ ने उनकी इस बात से अपने आहत होने को गुप्त रखा, और इसे उनके सामने प्रकट नहीं किया। उन्होंने अपने दिल में उनसे कहा : तुम जो ईर्ष्या रखते हो और पहले जो दुर्व्यवहार कर चुके हो, इस स्थान पर स्वयं वही बुराई है। और तुम जो यह मिथ्यारोपण कर रहे हो, अल्लाह उसे सबसे अधिक जानता है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• جواز الحيلة التي يُتَوصَّل بها لإحقاق الحق، بشرط عدم الإضرار بالغير.
• सत्य को सत्यापित करने के लिए उपाय करने की वैधता, बशर्ते कि दूसरों को कोई हानि न पहुँचाई जाए।

• يجوز لصاحب الضالة أو الحاجة الضائعة رصد جُعْل «مكافأة» مع تعيين قدره وصفته لمن عاونه على ردها.
• जिसका कोई सामान या ज़रूरत की कोई चीज़ खो जाए, वह उसे लौटाने में उसकी मदद करने वाले के लिए पारिश्रमिक के तौर पर इनाम का ऐलान कर सकता है, उसकी राशि और उसके विवरण के निर्धारण के साथ।

• التغافل عن الأذى والإسرار به في النفس من محاسن الأخلاق.
• कष्ट की अनदेखी करना और उसे अपने मन में गुप्त रखना, अच्छी नैतिकता में से है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (77) సూరహ్: సూరహ్ యూసుఫ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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