పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (44) సూరహ్: సూరహ్ ఇబ్రాహీమ్
وَاَنْذِرِ النَّاسَ یَوْمَ یَاْتِیْهِمُ الْعَذَابُ فَیَقُوْلُ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا رَبَّنَاۤ اَخِّرْنَاۤ اِلٰۤی اَجَلٍ قَرِیْبٍ ۙ— نُّجِبْ دَعْوَتَكَ وَنَتَّبِعِ الرُّسُلَ ؕ— اَوَلَمْ تَكُوْنُوْۤا اَقْسَمْتُمْ مِّنْ قَبْلُ مَا لَكُمْ مِّنْ زَوَالٍ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) अपनी उम्मत को क़ियामत के दिन की यातना से डराएँ। उस समय कुफ़्र और शिर्क के द्वारा अपने ऊपर अत्याचार करने वाले लोग कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमें मोहलत दे दे और हमसे यातना को टाल दे और हमें थोड़े समय के लिए दुनिया में वापस भेज दे, हम तुझपर ईमान लाएँगे और उन रसूलों का पालन करेंगे, जिन्हें तूने हमारी ओर भेजा था। तब उन्हें फटकार लगाते हुए जवाब दिया जाएगा : क्या तुमने दुनिया के जीवन में, मरणोपरांत पुनर्जीवित किए जाने का इनकार करते हुए यह क़सम नहीं खाई थी कि तुम्हें दुनिया के जीवन से आख़िरत की ओर स्थानांतरित नहीं होना है?!
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• تصوير مشاهد يوم القيامة وجزع الخلق وخوفهم وضعفهم ورهبتهم، وتبديل الأرض والسماوات.
• क़ियामत के दिन के दृश्यों, तथा लोगों की घबराहट, दहशत, डर, कमज़ोरी और भय का चित्रण और धरती एवं आकाशों के बदल जाने का बयान।

• وصف شدة العذاب والذل الذي يلحق بأهل المعصية والكفر يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन गुनाहगारों और काफ़िरों को मिलने वाली यातना और अपमान की गंभीरता का वर्णन।

• أن العبد في سعة من أمره في حياته في الدنيا، فعليه أن يجتهد في الطاعة، فإن الله تعالى لا يتيح له فرصة أخرى إذا بعثه يوم القيامة.
• बंदा दुनिया के जीवन में अपने मामले के बारे में विस्तार में होता है। इसलिए उसे नेक कार्य करने में भरपूर प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अल्लाह उसे क़ियामत के दिन उठाने के बाद दूसरा अवसर नहीं देगा।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (44) సూరహ్: సూరహ్ ఇబ్రాహీమ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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