పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (65) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ఇస్రా
اِنَّ عِبَادِیْ لَیْسَ لَكَ عَلَیْهِمْ سُلْطٰنٌ ؕ— وَكَفٰی بِرَبِّكَ وَكِیْلًا ۟
(ऐ इबलीस) निःसंदेह मेरे आज्ञापालन के मार्ग पर चलने वाले मोमिन बंदों पर तेरा कोई बस नहीं चलेगा। क्योंकि अल्लाह तेरी बुराई से उनकी रक्षा करता है। और जो अपने मामलों में अल्लाह पर भरोसा करे, वह उसके लिए संरक्षक के रूप में काफ़ी है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• من رحمة الله بالناس عدم إنزاله الآيات التي يطلبها المكذبون حتى لا يعاجلهم بالعقاب إذا كذبوا بها.
• लोगों पर अल्लाह की दया में से उन निशानियों को न उतारना भी है, जिनकी झुठलाने वाले लोग माँग करते थे, ताकि ऐसा न हो कि यदि वे उन्हें झुठला दें, तो उन्हें जल्द दंडित करना पड़े।

• ابتلى الله العباد بالشيطان الداعي لهم إلى معصية الله بأقواله وأفعاله.
• अल्लाह ने बंदों को शैतान के द्वारा आज़माया है, जो अपनी बातों और कर्मों के माध्यम से उन्हें अल्लाह की अवज्ञा की ओर बुलाता है।

• من صور مشاركة الشيطان للإنسان في الأموال والأولاد: ترك التسمية عند الطعام والشراب والجماع، وعدم تأديب الأولاد.
• धन और संतान में इनसान के साथ शैतान की साझेदारी के कुछ रूप इस प्रकार हैं : खाने, पीने और संभोग करते समय अल्लाह का नाम न लेना और बच्चों को इस्लामी शिष्टाचार न सिखाना।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (65) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ఇస్రా
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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