పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (9) సూరహ్: సూరహ్ మర్యమ్
قَالَ كَذٰلِكَ ۚ— قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ وَّقَدْ خَلَقْتُكَ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ تَكُ شَیْـًٔا ۟
फ़रिश्ते ने कहा : मामला ऐसा ही है जैसा आपने कहा कि आपकी पत्नी बच्चा जनने के योग्य नहीं है और आप बुढ़ापे की चरम सीमा को पहुँच चुके हैं तथा आपकी हड्डियाँ भी कमज़ोर हो चुकी हैं। परंतु आपके रब ने कहा है : तेरे रब का बाँझ माता और बुढ़ापे की चरम सीमा को पहुँचे हुए पिता से यहया को पैदा करना आसान है। हालाँकि मैंने (ऐ ज़करिय्या) तुझे इससे पहले पैदा किया है, जबकि तू कुछ भी चर्चा योग्य नहीं था; क्योंकि तेरा अस्तित्व ही नहीं था।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الضعف والعجز من أحب وسائل التوسل إلى الله؛ لأنه يدل على التَّبَرُّؤِ من الحول والقوة، وتعلق القلب بحول الله وقوته.
• अपनी कमज़ोरी और लाचारी प्रकट करना अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के सबसे प्रिय साधनों में से है। क्योंकि यह खुद के शक्ति एवं सामर्थ्य से रहित होने और अल्लाह की शक्ति एवं सामर्थ्य के प्रति हृदय के लगाव को दर्शाता है।

• يستحب للمرء أن يذكر في دعائه نعم الله تعالى عليه، وما يليق بالخضوع.
• बेहतर यह है कि आदमी दुआ करते समय अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों का उल्लेख करे, और जो उसकी विनम्रता के उपयुक्त हो।

• الحرص على مصلحة الدين وتقديمها على بقية المصالح.
• धर्म के हित का ख्याल रखना और उसे बाक़ी हितों पर प्राथमिकता देना।

• تستحب الأسماء ذات المعاني الطيبة.
• अच्छे अर्थ वाले नाम पसंदीदा हैं।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (9) సూరహ్: సూరహ్ మర్యమ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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