పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (64) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంబియా
فَرَجَعُوْۤا اِلٰۤی اَنْفُسِهِمْ فَقَالُوْۤا اِنَّكُمْ اَنْتُمُ الظّٰلِمُوْنَ ۟ۙ
उन्होंने अपने मन में विचार और चिंतन किया, तो उनके लिए यह स्पष्ट हो गया कि उनकी मूर्तियाँ लाभ या हानि पहुँचाने की मालिक नहीं हैं। इसलिए वे अल्लाह को छोड़कर उनकी पूजा करने के कारण खुद ही ज़ालिम हैं।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• جواز استخدام الحيلة لإظهار الحق وإبطال الباطل.
• सत्य को प्रकट करने और असत्य को ग़लत साबित करने के लिए ह़ीला उपयोग करने की अनुमति।

• تعلّق أهل الباطل بحجج يحسبونها لهم، وهي عليهم.
• असत्यवादी ऐसे तर्कों का सहारा लेते हैं, जिन्हें वे अपने हित में समझते हैं, जबकि दरअसल वे उनके विरुद्ध होते हैं।

• التعنيف في القول وسيلة من وسائل التغيير للمنكر إن لم يترتّب عليه ضرر أكبر.
• सख़्त लहजा अपनाना बुराई को मिटाने का एक साधन है, यदि उसके परिणाम स्वरूप उससे बड़ा नुक़सान न हो।

• اللجوء لاستخدام القوة برهان على العجز عن المواجهة بالحجة.
• बल प्रयोग का सहारा लेना, तर्क के साथ सामना करने में असमर्थता का प्रमाण है।

• نَصْر الله لعباده المؤمنين، وإنقاذه لهم من المحن من حيث لا يحتسبون.
• अल्लाह अपने मोमिन बंदों की इस तरह सहायता करता और उन्हें विपत्तियों से बचाता है कि वे सोच भी नहीं सकते।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (64) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంబియా
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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