పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (79) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంబియా
فَفَهَّمْنٰهَا سُلَیْمٰنَ ۚ— وَكُلًّا اٰتَیْنَا حُكْمًا وَّعِلْمًا ؗ— وَّسَخَّرْنَا مَعَ دَاوٗدَ الْجِبَالَ یُسَبِّحْنَ وَالطَّیْرَ ؕ— وَكُنَّا فٰعِلِیْنَ ۟
तो हमने दाऊद के बजाय, उनके बेटे सुलैमान को इस मामले का सही निर्णय सुझा दिया। जबकि दाऊद और सुलैमान में से हर एक को हमने नुबुव्वत और शरीयत के अहकाम का ज्ञान दिया था। ऐसा नहीं था कि ये चीज़ें केवल सुलैमान को प्रदान की गई हों। और हमने पहाड़ों को दाऊद के अधीन कर दिया था, जो उनके साथ अल्लाह की पवित्रता बयान करते थे। और पक्षियों को भी उनके अधीन कर दिया था। और ये मामले की समझ, हुक्म और ज्ञान प्रदान करने वाले तथा वस्तुओं को उनके अधीन करने वाले हम ही थे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• فعل الخير والصلاة والزكاة، مما اتفقت عليه الشرائع السماوية.
• अच्छा कार्य करना, नमाज़ पढ़ना और ज़कात देना, ऐसे कार्य हैं, जिनपर आसमानी शरीयतें सहमत हैं।

• ارتكاب الفواحش سبب في وقوع العذاب المُسْتَأْصِل.
• अश्लील (अनैतिक) कार्य करना विनाशकारी यातना के आने का कारण है।

• الصلاح سبب في الدخول في رحمة الله.
• धर्म-परायणता अल्लाह की दया में दाखिल होने का कारण है।

• الدعاء سبب في النجاة من الكروب.
• दुआ, संकट से मुक्ति का कारण है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (79) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంబియా
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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