పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (94) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంబియా
فَمَنْ یَّعْمَلْ مِنَ الصّٰلِحٰتِ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَلَا كُفْرَانَ لِسَعْیِهٖ ۚ— وَاِنَّا لَهٗ كٰتِبُوْنَ ۟
उनमें से जो व्यक्ति भी नेक अमल करेगा और वह अल्लाह, उसके रसूल और आख़िरत के दिन पर ईमान रखने वाला होगा, तो उसके अच्छे कार्य को नकारा नहीं जाएगा, बल्कि अल्लाह उसका आदर करते हुए उसके प्रतिफल को कई गुना कर देगा, और वह उसे उस दिन अपने कर्म पत्र में लिखा हुआ पाएगा, जिस दिन मरणोपरांत दोबारा जीवित होगा, तो वह उसे देखकर प्रसन्न हो जाएगा।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• التنويه بالعفاف وبيان فضله.
• पाक दामनी (सतीत्व) की प्रशंसा और उसके महत्व का बयान।

• اتفاق الرسالات السماوية في التوحيد وأسس العبادات.
• तौहीद (एकेश्वरवाद) और इबादतों के मूलाधारों में सभी आसमानी धर्मों का सहमत होना।

• فَتْح سد يأجوج ومأجوج من علامات الساعة الكبرى.
• याजूज और माजूज के बाँध का खुलना, क़ियामत की बड़ी निशानियों में से एक है।

• الغفلة عن الاستعداد ليوم القيامة سبب لمعاناة أهوالها.
• क़ियामत के दिन के लिए तैयारी से गाफ़िल होना, उसकी भयावहता को भुगतने का एक कारण है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (94) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంబియా
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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