పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (62) సూరహ్: సూరహ్ అల్-హజ్
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ وَاَنَّ مَا یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ هُوَ الْبَاطِلُ وَاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْعَلِیُّ الْكَبِیْرُ ۟
रात को दिन में दाखिल करने और दिन को रात में दाखिल करने का यह क्रम इसलिए है, क्योंकि अल्लाह ही सत्य है, उसका धर्म सत्य है, उसका वादा सत्य है और उसका ईमान वालों की मदद करना सत्य है, और यह कि मुश्रिक लोग जिन मूर्तियों की अल्लाह को छोड़कर पूजा करते हैं, वे झूठी और निराधार हैं, और यह कि अल्लाह ही अपनी मख़्लूक़ से व्यक्तित्व, सम्मान और शक्ति की दृष्टि से बहुत ऊँचा है, जो बहुत महान है, जिसके लिए बड़ाई, महानता और प्रताप है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• مكانة الهجرة في الإسلام وبيان فضلها.
• इस्लाम में हिजरत का स्थान और उसकी श्रेष्ठता का वर्णन।

• جواز العقاب بالمثل.
• बराबर का बदला लेने का सबूत।

• نصر الله للمُعْتَدَى عليه يكون في الدنيا أو الآخرة.
• अत्याचार के शिकार व्यक्ति के लिए अल्लाह की मदद इस दुनिया में या आख़िरत में होगी।

• إثبات الصفات العُلَا لله بما يليق بجلاله؛ كالعلم والسمع والبصر والعلو.
• अल्लाह के लिए उसकी महिमा के योग्य सर्वोच्च गुणों को साबित करना, जैसे : जानना, सुनना, देखना और ऊँचा होना।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (62) సూరహ్: సూరహ్ అల్-హజ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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