పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (63) సూరహ్: సూరహ్ అష్-షుఅరా
فَاَوْحَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسٰۤی اَنِ اضْرِبْ بِّعَصَاكَ الْبَحْرَ ؕ— فَانْفَلَقَ فَكَانَ كُلُّ فِرْقٍ كَالطَّوْدِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ
हमने यह आदेश देते हुए मूसा की ओर वह़्य की कि अपनी लाठी को सागर पर मारो। अतः उन्होंने उसपर मारा, जिससे सागर फट गया और बनी-इसराईल के गोत्रों की संख्या के बराबर बारह मार्ग बन गए। समुद्र से फटकर अलग हुआ हर टुकड़ा बड़े पहाड़ की तरह इतना बड़ा और दृढ़ था कि उसमें से कुछ भी पानी नहीं बह सकता था।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الله مع عباده المؤمنين بالنصر والتأييد والإنجاء من الشدائد.
• अल्लाह अपनी मदद, समर्थन और विपत्तियों से मुक्ति प्रदान करने के साथ अपने मोमिन बंदों के संग होता है।

• ثبوت صفتي العزة والرحمة لله تعالى.
• अल्लाह तआला के लिए 'इज़्ज़त' और 'रह़मत' के गुणों का सबूत।

• خطر التقليد الأعمى.
• अंधी तक़्लीद (अंधभक्ति) का ख़तरा।

• أمل المؤمن في ربه عظيم.
• मोमिन की अपने रब में आशा बहुत बड़ी होती है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (63) సూరహ్: సూరహ్ అష్-షుఅరా
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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