పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (35) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ఖసస్
قَالَ سَنَشُدُّ عَضُدَكَ بِاَخِیْكَ وَنَجْعَلُ لَكُمَا سُلْطٰنًا فَلَا یَصِلُوْنَ اِلَیْكُمَا ۚۛ— بِاٰیٰتِنَا ۚۛ— اَنْتُمَا وَمَنِ اتَّبَعَكُمَا الْغٰلِبُوْنَ ۟
अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम की प्रार्थना स्वीकार करते हुए कहा : (ऐ मूसा!) हम अवश्य तुम्हें शक्ति देंगे तुम्हारे साथ तुम्हारे भाई हारून को सहायक रसूल बनाकर। तथा हम तुम दोनों को तर्क एवं समर्थन प्रदान करेंगे। अतः वे तुम दोनों तक उस बुराई के साथ नहीं पहुँच सकेंगे जिसे तुम नापसंद करते हो। हमारी उन निशानियों के कारण जिनके साथ हमने तुम दोनों को भेजा है, तुम दोनों और तुम्हारा अनुसरण करने वाले ईमान वाले लोग ही विजयी रहेंगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الوفاء بالعقود شأن المؤمنين.
• अनुबंधों को पूरा करना मोमिनों की शान (वैभव) है।

• تكليم الله لموسى عليه السلام ثابت على الحقيقة.
• मूसा अलैहिस्सलाम से अल्लाह का वार्तालाप करना वास्तविक रूप से साबित है।

• حاجة الداعي إلى الله إلى من يؤازره.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले को ऐसे व्यक्ति की की ज़रूरत होती है जो उसका समर्थन करे।

• أهمية الفصاحة بالنسبة للدعاة.
• अल्लाह के धर्म की ओर बुलाने वालों के लिए वाक्पटुता का महत्व।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (35) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ఖసస్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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