పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (5) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంకబూత్
مَنْ كَانَ یَرْجُوْا لِقَآءَ اللّٰهِ فَاِنَّ اَجَلَ اللّٰهِ لَاٰتٍ ؕ— وَهُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
जो व्यक्ति क़ियामत के दिन बदला पाने के लिए अल्लाह से मिलने की आशा रखता हो, उसे जान लेना चाहिए कि अल्लाह ने उसके लिए जो नियमित समय नियत किया है, वह शीघ्र ही आने वाला है। और वह अपने बंदों की बातों को सुनने वाला, उनके कार्यों को जानने वाला है। उससे इनमें से कोई भी चीज़ छूट नहीं सकती और वह उन्हें इसका बदला देगा।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• النهي عن إعانة أهل الضلال.
• पथभ्रष्ट लोगों की मदद करने से निषेध।

• الأمر بالتمسك بتوحيد الله والبعد عن الشرك به.
• अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) पर क़ायम रहने और शिर्क से दूर रहने का आदेश।

• ابتلاء المؤمنين واختبارهم سُنَّة إلهية.
• ईमान वालों की परीक्षा लेना और उन्हें आज़माना एक ईश्वरीय नियम है।

• غنى الله عن طاعة عبيده.
• अल्लाह अपने बंदों की आज्ञाकारिता से बेनियाज़ है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (5) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంకబూత్
సూరాల విషయసూచిక పేజీ నెంబరు
 
పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - అనువాదాల విషయసూచిక

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

మూసివేయటం