పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (58) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంకబూత్
وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَنُبَوِّئَنَّهُمْ مِّنَ الْجَنَّةِ غُرَفًا تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— نِعْمَ اَجْرُ الْعٰمِلِیْنَ ۟ۗۖ
जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और उससे निकट करने वाले अच्छे कार्य किए, हम उन्हें जन्नत में ऊँचे-ऊँचे भवनों में निवास देंगे, जिनके नीचे से नहरे बहती हैं। वे उनमें हमेशा के लिए रहेंगे, उनमें उन्हें विनाश का सामना नहीं होगा। अल्लाह की आज्ञा के अनुसार काम करने वालों का यह क्या ही अच्छा बदला है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• استعجال الكافر بالعذاب دليل على حمقه.
• काफ़िर का अज़ाब के लिए जल्दी मचाना, उसकी मूर्खता का प्रमाण है।

• باب الهجرة من أجل سلامة الدين مفتوح.
• धर्म की सुरक्षा के लिए हिजरत का द्वार खुला हुआ है।

• فضل الصبر والتوكل على الله.
• सब्र और अल्लाह पर भरोसा रखने की फ़ज़ीलत।

• الإقرار بالربوبية دون الإقرار بالألوهية لا يحقق لصاحبه النجاة والإيمان.
• अल्लाह की पूज्यता का इक़रार किए बिना, रुबूबियत का इक़रार करने से न आदमी मोमिन हो सकता है और न उसे मुक्ति मिल सकती है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (58) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంకబూత్
సూరాల విషయసూచిక పేజీ నెంబరు
 
పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - అనువాదాల విషయసూచిక

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

మూసివేయటం