పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (199) సూరహ్: సూరహ్ ఆలె ఇమ్రాన్
وَاِنَّ مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ لَمَنْ یُّؤْمِنُ بِاللّٰهِ وَمَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْكُمْ وَمَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْهِمْ خٰشِعِیْنَ لِلّٰهِ ۙ— لَا یَشْتَرُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ ثَمَنًا قَلِیْلًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ اَجْرُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَرِیْعُ الْحِسَابِ ۟
सभी अह्ले किताब एक समान नहीं हैं। उनमें से एक गिरोह ऐसा भी है, जो अल्लाह पर और तुम्हारी ओर उतारी गई हिदायत एवं सत्य पर ईमान रखते हैं, तथा उस पर भी ईमान रखते हैं जो कुछ उनकी पुस्तकों में उतारा गया है। वे अल्लाह के रसूलों के बीच कोई अंतर नहीं करते हैं। वे अल्लाह के आगे, उसके पास जो कुछ (प्रतिफल) है उसकी इच्छा में, समर्पित और विनम्र रहते हैं। वे अल्लाह की आयतों के बदले इस दुनिया की सामग्री का थोड़ा-सा मूल्य नहीं लेते हैं। इन गुणों से विशिष्ट इन लोगों के लिए उनके पालनहार के पास बहुत बड़ा बदला है। निःसंदेह अल्लाह कर्मों का शीघ्र हिसाब लेने वाला और उनपर शीघ्र बदला देने वाला है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الأذى الذي ينال المؤمن في سبيل الله فيضطره إلى الهجرة والخروج والجهاد من أعظم أسباب تكفير الذنوب ومضاعفة الأجور.
• अल्लाह के रास्ते में मोमिन को मिलने वाला वह कष्ट, जिसकी वजह से वह हिजरत करने तथा घर-बार छोड़ने और जिहाद करने को मजबूर होता है, वह पापों को मिटाने और सवाब (सत्कर्म के फल) को बढ़ाने के सबसे बड़ा कारणों में से है।

• ليست العبرة بما قد ينعم به الكافر في الدنيا من المال والمتاع وإن عظم؛ لأن الدنيا زائلة، وإنما العبرة بحقيقة مصيره في الآخرة في دار الخلود.
• ऐतिबार इस बात का नहीं है कि इस दुनिया में काफ़िर धन-दौलत का आनंद ले सकता है, भले ही वह बहुत अधिक हो। क्योंकि दुनिया क्षणभंगुर है। बल्कि ऐतिबार इस बात का है कि आखिरत में अनंत काल के घर में उसका परिणाम क्या हुोगा।

• من أهل الكتاب من يشهدون بالحق الذي في كتبهم، فيؤمنون بما أنزل إليهم وبما أنزل على المؤمنين، فهؤلاء لهم أجرهم مرتين.
• अह्ले किताब में से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपनी पुस्तकों में मौजूद सत्य की गवाही देते हैं। चुनांचे वे उसपर ईमान रखते हैं, जो उनकी ओर उतारा गया था और उसपर भी, जो मोमिनों पर उतारा गया है। ऐसे लोगों को दुगुना बदला मिलेगा।

• الصبر على الحق، ومغالبة المكذبين به، والجهاد في سبيله، هو سبيل الفلاح في الآخرة.
• सत्य पर जमे रहना और उसे झुठलाने वालों को परास्त करना और उसके लिए जिहाद करना, आखिरत में सफलता का रास्ता है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (199) సూరహ్: సూరహ్ ఆలె ఇమ్రాన్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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