పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (24) సూరహ్: సూరహ్ అర్-రోమ్
وَمِنْ اٰیٰتِهٖ یُرِیْكُمُ الْبَرْقَ خَوْفًا وَّطَمَعًا وَّیُنَزِّلُ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَیُحْیٖ بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّعْقِلُوْنَ ۟
और उसकी शक्ति और एकता को दर्शाने वाली उसकी महान निशानियों में से : यह भी है कि वह तुम्हें आसमान में बिजली (की चमक) दिखाता है, और तुम्हारे लिए उसमें बिजली का भय और बारिश की लालच एकत्र कर देता है। और तुम्हारे लिए आसमान से बारिश का पानी उतारता है, फिर उसके द्वारा सूखी धरती को, उसमें पौधे उगाकर जीवित कर देता है। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए स्पष्ट प्रमाण और संकेत हैं, जो समझ-बूझ रखते हैं। चुनाँचे वे इनसे मौत के बाद हिसाब और बदला के लिए पुनर्जीवित किए जाने का प्रमाण ग्रहण करते हैं।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• إعمار العبد أوقاته بالصلاة والتسبيح علامة على حسن العاقبة.
• बंदे का अपने समय को नमाज़ और तसबीह में बिताना, अच्छे अंत की निशानी है।

• الاستدلال على البعث بتجدد الحياة، حيث يخلق الله الحي من الميت والميت من الحي.
• जीवन के नवीकरण से मरणोपरांत दोबारा जीवित होने का प्रमाण निष्कर्षित करना, क्योंकि अल्लाह जीवित को मृत से और मृत को जीवित से पैदा करता है।

• آيات الله في الأنفس والآفاق لا يستفيد منها إلا من يُعمِل وسائل إدراكه الحسية والمعنوية التي أنعم الله بها عليه.
• इनसानों के स्वयं अपने अंदर और संसार में फैली हुई अल्लाह की निशानियों से वही लाभ उठाता है, जो अल्लाह के प्रदान किए हुए बोधन के मूर्त एवं अमूर्त साधनों को काम में लाता है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (24) సూరహ్: సూరహ్ అర్-రోమ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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