పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (37) సూరహ్: సూరహ్ అర్-రోమ్
اَوَلَمْ یَرَوْا اَنَّ اللّٰهَ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟
क्या उन्होंने यह नहीं देखा कि अल्लाह अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है, उसकी रोज़ी का विस्तार कर देता है, उसके लिए एक परीक्षण के रूप में कि वह आभार प्रकट करता है या कृतघ्नता दिखाता है? तथा उनमें से जिसके लिए चाहता है, उसकी रोज़ी तंग कर देता है, उसके लिए एक परीक्षण के तौर पर कि वह सब्र करता है या क्रुद्ध होता है?! निश्चित रूप से कुछ के लिए आजीविका का विस्तार करने और कुछ के लिए रोज़ी को तंग करने में, ईमान वालों के लिए अल्लाह की दया और करुणा के बहुत-से संकेत हैं।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• فرح البطر عند النعمة، والقنوط من الرحمة عند النقمة؛ صفتان من صفات الكفار.
• नेमत मिलने पर खुशी से इतराना और कष्ट आने पर दया से निराश हो जाना; काफिरों की दो विशेषताएँ हैं।

• إعطاء الحقوق لأهلها سبب للفلاح.
• हक़ वालों को उनका हक़ देना, सफलता का एक कारण है।

• مَحْقُ الربا، ومضاعفة أجر الإنفاق في سبيل الله.
• सूद का मिटा दिया जाना और अल्लाह के रास्ते में खर्च करने के सवाब को कई गुना कर दिया जाना।

• أثر الذنوب في انتشار الأوبئة وخراب البيئة مشاهد.
• महामारियों के फैलने और पर्यावरण के विनाश पर पापों का प्रभाव दृष्टिगोचर है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (37) సూరహ్: సూరహ్ అర్-రోమ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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