పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (124) సూరహ్: సూరహ్ అస్-సాఫ్ఫాత్
اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
जब उन्होंने अपनी जाति बनी इसराईल से कहा, जिनकी ओर वह रसूल बनाकर भेजे गए थे : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुम अल्लाह के आदेशों का पालन करके, जिसमें तौहीद शामिल है, और उसके निषेधों से बचकर, जिसमें शिर्क शामिल है, उससे डरते नहीं हो?!
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• قوله: ﴿فَلَمَّآ أَسْلَمَا﴾ دليل على أن إبراهيم وإسماعيل عليهما السلام كانا في غاية التسليم لأمر الله تعالى.
• अल्लाह तआला का फ़रमान : {فَلَمَّآ أَسْلَمَا} इस बात का प्रमाण है कि इबराहीम और इसमाईल अलैहिमस्सलाम अल्लाह के आदेश के प्रति अत्यंत समर्पित थे।

• من مقاصد الشرع تحرير العباد من عبودية البشر.
• शरीयत का एक उद्देश्य लोगों को मानव दासता से आज़ाद कराना है।

• الثناء الحسن والذكر الطيب من النعيم المعجل في الدنيا.
• अच्छी प्रशंसा और शुभ-चर्चा दुनिया में शीघ्र प्राप्त होने वाली नेमतों में से है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (124) సూరహ్: సూరహ్ అస్-సాఫ్ఫాత్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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