పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ అల్-జాథియహ్
یَّسْمَعُ اٰیٰتِ اللّٰهِ تُتْلٰی عَلَیْهِ ثُمَّ یُصِرُّ مُسْتَكْبِرًا كَاَنْ لَّمْ یَسْمَعْهَا ۚ— فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟
यह काफ़िर क़ुरआन में अल्लाह की उन आयतों को सुनता है, जो उसके सामने पढ़ी जाती हैं, फिर वह अपने अभिमान के कारण सत्य का पालन करने से उपेक्षा करते हुए, अपने कुफ़्र और पाप की गतिविधि को जारी रखता है। मानो कि उसने उन आयतों को सुना ही नहीं, जो उसके सामने पढ़ी जाती हैं। तो (ऐ रसूल!) आप उसे आख़िरत में एक बुरी चीज़ की सूचना दे दीजिए और वह एक दर्दनाक यातना है जो उसका इंतज़ार कर रही है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الكذب والإصرار على الذنب والكبر والاستهزاء بآيات الله: صفات أهل الضلال، وقد توعد الله المتصف بها.
• झूठ बोलना, पाप पर अड़े रहना, अहंकार करना और अल्लाह की आयतों का मज़ाक उड़ाना : पथ-भ्रष्ट लोगों की विशेषताएँ हैं और अल्लाह ने ऐसे लोगों को धमकी दी है।

• نعم الله على عباده كثيرة، ومنها تسخير ما في الكون لهم.
• अल्लाह की अपने बंदों पर बहुत-सी नेमतें हैं, जिनमें से एक ब्रह्मांड की समस्त चीज़ों को उनके लिए वशीभूत करना है।

• النعم تقتضي من العباد شكر المعبود الذي منحهم إياها.
• नेमतों की अपेक्षा यह है कि बंदे उस पूज्य का शुक्रिया अदा करें, जिसने उन्हें ये नेमतें प्रदान की हैं।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ అల్-జాథియహ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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