పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (34) సూరహ్: సూరహ్ ముహమ్మద్
اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْا عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ثُمَّ مَاتُوْا وَهُمْ كُفَّارٌ فَلَنْ یَّغْفِرَ اللّٰهُ لَهُمْ ۟
निश्चय जिन लोगों ने अल्लाह का इनकार किया और खुद को तथा अन्य लोगों को अल्लाह के धर्म से रोका, फिर तौबा करने से पहले अपने कुफ़्र ही की अवस्था में मर गए - तो अल्लाह उनके गुनाहों को हरगिज़ माफ नहीं करेगा, बल्कि उनपर उनकी पकड़ करेगा और उन्हें जहन्नम में दाखिल करेगा, जहाँ वे हमेशा रहेंगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• سرائر المنافقين وخبثهم يظهر على قسمات وجوههم وأسلوب كلامهم.
• मुनाफ़िक़ो के दिल के भेद और उनकी दुष्टता उनके चेहरे की लकीरों और उनके बात करने की शैली पर प्रकट होती है।

• الاختبار سُنَّة إلهية لتمييز المؤمنين من المنافقين.
• ईमान वालों को मुनाफ़िक़ों से अलग करने के लिए परीक्षण एक ईश्वरीय नियम है।

• تأييد الله لعباده المؤمنين بالنصر والتسديد.
• अल्लाह, अपने ईमान वाले बंदों को विजय प्रदान करके और उन्हें सीधे रास्ते पर लगाकर, उनका समर्थन करता है।

• من رفق الله بعباده أنه لا يطلب منهم إنفاق كل أموالهم في سبيل الله.
• यह अल्लाह की अपने बंदों पर कृपा है कि वह उन्हें अपना सारा धन अल्लाह के रास्ते में खर्च करने के लिए नहीं कहता है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (34) సూరహ్: సూరహ్ ముహమ్మద్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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