పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ అల్ ఫతహ్
اِنَّاۤ اَرْسَلْنٰكَ شَاهِدًا وَّمُبَشِّرًا وَّنَذِیْرًا ۟ۙ
(ऐ रसूल!) हमने आपको गवाह बनाकर भेजा है। आप क़ियामत के दिन अपनी उम्मत के बारे में गवाही देंगे। और ईमान वालों को उस चीज़ की खुशख़बरी देने वाला बनाकर भेजा है, जो दुनिया में उनके लिए विजय और सशक्तिकरण तैयार किया गया है, और जो आख़िरत में उनके लिए आनंद तैयार किया गया। तथा काफ़िरों को उस चीज़ से डराने वाला बनाकर भेजा है, जो दुनिया में उनके लिए ईमान वालों के हाथों अपमान और पराजय तैयार किया गया है और जो आख़िरत में दर्दनाक यातना तैयार की गई है, जो उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• صلح الحديبية بداية فتح عظيم على الإسلام والمسلمين.
• हुदैबियह की संधि इस्लाम और मुसलमानों की एक महान विजय की शुरुआत है।

• السكينة أثر من آثار الإيمان تبعث على الطمأنينة والثبات.
• 'सकीनत' (सुकून एवं शांति) ईमान का एक प्रभाव है, जिससे संतोष और स्थिरता आती है।

• خطر ظن السوء بالله، فإن الله يعامل الناس حسب ظنهم به سبحانه.
• अल्लाह के बारे में बुरा गुमान रखने का खतरा, क्योंकि अल्लाह लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करता है जैसा वे उसके बारे में सोचते हैं।

• وجوب تعظيم وتوقير رسول الله صلى الله عليه وسلم.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का सम्मान और आदर करना ज़रूरी है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ అల్ ఫతహ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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