పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (32) సూరహ్: సూరహ్ అర్-రహ్మాన్
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الجمع بين البحر المالح والعَذْب دون أن يختلطا من مظاهر قدرة الله تعالى.
• खारे सागर और मीठे सागर को इस तरह एकत्र कर देना कि उनका पानी आपस में न मिले, अल्लाह की शक्ति की अभिव्यक्तियों में से एक है।

• ثبوت الفناء لجميع الخلائق، وبيان أن البقاء لله وحده حضٌّ للعباد على التعلق بالباقي - سبحانه - دون من سواه.
• सभी प्राणियों के विनाश को साबित करना और यह वर्णन करना कि बक़ा (अनश्वरता) केवल अल्लाह के लिए है, बंदों को इस बात का उपदेश है कि वे अपना नाता केवल सदैव बाकी रहने वाली हस्ती से जोड़ें, उसके सिवा किसी और से नहीं।

• إثبات صفة الوجه لله على ما يليق به سبحانه دون تشبيه أو تمثيل.
• अल्लाह के लिए उसकी महिमा के योग्य 'चेहरे' की विशेषता साबित करना, लेकिन उसे किसी और के जैसा न बताना और न उसका उदाहरण देना।

• تنويع عذاب الكافر.
• काफ़िर की सज़ा में विविधता का वर्णन।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (32) సూరహ్: సూరహ్ అర్-రహ్మాన్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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