పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (17) సూరహ్: సూరహ్ అల్-హదీద్
اِعْلَمُوْۤا اَنَّ اللّٰهَ یُحْیِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ؕ— قَدْ بَیَّنَّا لَكُمُ الْاٰیٰتِ لَعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟
जान लो कि अल्लाह धरती को उसके सूखने के बाद उसमें पौधे उगाकर पुनर्जीवित करता है।निःसंदेह हमने (ऐ लोगो!) तुम्हारे लिए अल्लाह की शक्ति और एकेश्वरवाद के प्रमाण और तर्क स्पष्ट कर दिए हैं, ताकि तुम उन्हें समझो और जान जाओ कि जिस (अल्लाह) ने धरती को उसकी मृत्यु के बाद पुनर्जीवित किया है, वह तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हें पुनर्जीवित करने में सक्षम है, तथा तुम्हारे दिलों को उनकी कठोरता के बाद नरम करने में सक्षम है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• امتنان الله على المؤمنين بإعطائهم نورًا يسعى أمامهم وعن أيمانهم.
• अल्लाह का ईमान वालों पर यह उपकार कि उन्हें एक प्रकाश प्रदान करेगा, जो उनके सामने और उनके दाहिनी ओर चल रहा होगा।

• المعاصي والنفاق سبب للظلمة والهلاك يوم القيامة.
• पाप और निफ़ाक़ (पाखंड) क़ियामत के दिन अंधकार और विनाश का कारण हैं।

• التربُّص بالمؤمنين والشك في البعث، والانخداع بالأماني، والاغترار بالشيطان: من صفات المنافقين.
• ईमान वालों की पराजय की ताक में रहना, पुनर्जीवन पर शक करना, कामनाओं के धोखे में रहना और शैतान द्वारा धोखा खाना : मुनाफ़िक़ों की विशेषताओं में से हैं।

• خطر الغفلة المؤدية لقسوة القلوب.
• दिलों को सख़्त बना देने वाली ग़फ़लत (लापरवाही) का ख़तरा।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (17) సూరహ్: సూరహ్ అల్-హదీద్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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