పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (10) సూరహ్: సూరహ్ అల్-హష్ర్
وَالَّذِیْنَ جَآءُوْ مِنْ بَعْدِهِمْ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَا اغْفِرْ لَنَا وَلِاِخْوَانِنَا الَّذِیْنَ سَبَقُوْنَا بِالْاِیْمَانِ وَلَا تَجْعَلْ فِیْ قُلُوْبِنَا غِلًّا لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا رَبَّنَاۤ اِنَّكَ رَءُوْفٌ رَّحِیْمٌ ۟۠
और जो इन लोगों के बाद आए और क़ियामत के दिन तक भलाई के साथ उनका अनुसरण किया, वे कहते हैं : ऐ हमारे पालनहार! हमें क्षमा कर दे और हमारे उन इस्लामी भाइयों को भी क्षमा कर दे, जो हमसे पहले अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए हैं। तथा हमारे दिलों में किसी मोमिन के प्रति घृणा तथा द्वेष न रख। ऐ हामारे पालनहार! निश्चय तू अपने बंदों के प्रति बहुत स्नेहक, उनपर अत्यंत दयालु है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• رابطة الإيمان لا تتأثر بتطاول الزمان وتغير المكان.
• ईमान का बंधन समय के लंबे होने और स्थान के परिवर्तन से प्रभावित नहीं होता है।

• صداقة المنافقين لليهود وغيرهم صداقة وهمية تتلاشى عند الشدائد.
• यहूदियों और अन्य लोगों के साथ मुनाफ़िक़ों की दोस्ती एक भ्रामक (नकली) दोस्ती होती है, जो कठिनाइयों के समय हवा हो जाती है।

• اليهود جبناء لا يواجهون في القتال، ولو قاتلوا فإنهم يتحصنون بِقُرَاهم وأسلحتهم.
• यहूदी कायर हैं, आमने-सामने युद्ध नहीं कर सकते। और यदि युद्ध करें भी, तो अपनी बस्तियों में क़िलेबंद और हथियारों से लेस होकर।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (10) సూరహ్: సూరహ్ అల్-హష్ర్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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