పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (5) సూరహ్: సూరహ్ అస్-సఫ్
وَاِذْ قَالَ مُوْسٰی لِقَوْمِهٖ یٰقَوْمِ لِمَ تُؤْذُوْنَنِیْ وَقَدْ تَّعْلَمُوْنَ اَنِّیْ رَسُوْلُ اللّٰهِ اِلَیْكُمْ ؕ— فَلَمَّا زَاغُوْۤا اَزَاغَ اللّٰهُ قُلُوْبَهُمْ ؕ— وَاللّٰهُ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الْفٰسِقِیْنَ ۟
और (ऐ रसूल) उस समय को याद करें, जब मूसा अलैहिस्लाम ने अपनी जाति के लोगों से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम मेरे आदेश का उल्लंघन करके मुझे कष्ट क्यों देते हो, जबकि तुम जानते हो कि मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का रसूल हूँ?! फिर जब वे उस सत्य से विचलित हो गए और हट गए, जो मूसा अलैहिस्सलाम उनके पास लेकर आए थे, तो अल्लाह ने उनके दिलों को सत्य और सत्यनिष्ठा (धर्मपरायणता) से हटा दिया। और अल्लाह उन लोगों को सत्य की तौफ़ीक़ नहीं देता, जो उसकी अवज्ञा करने वाले हों।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• مشروعية مبايعة ولي الأمر على السمع والطاعة والتقوى.
• शासक की बात सुनने और मानने तथा धर्मपरायणता पर उसके प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा करने की वैधता।

• وجوب الصدق في الأفعال ومطابقتها للأقوال.
• कार्यों में सत्यता की अनिवार्यता और उनका कथनों के अनुरूप होना।

• بيَّن الله للعبد طريق الخير والشر، فإذا اختار العبد الزيغ والضلال ولم يتب فإن الله يعاقبه بزيادة زيغه وضلاله.
• अल्लाह ने बंदे के लिए अच्छाई और बुराई का मार्ग स्पष्ट कर दिया है। अब यदि बंदा विपथन और पथभ्रष्टता को चुनता है और तौबा नहीं करता, तो अल्लाह उसके विपथन और पथभ्रष्टता को बढ़ाकर उसे दंडित करता है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (5) సూరహ్: సూరహ్ అస్-సఫ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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