పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (5) సూరహ్: సూరహ్ అత్-తహ్రీమ్
عَسٰی رَبُّهٗۤ اِنْ طَلَّقَكُنَّ اَنْ یُّبْدِلَهٗۤ اَزْوَاجًا خَیْرًا مِّنْكُنَّ مُسْلِمٰتٍ مُّؤْمِنٰتٍ قٰنِتٰتٍ تٰٓىِٕبٰتٍ عٰبِدٰتٍ سٰٓىِٕحٰتٍ ثَیِّبٰتٍ وَّاَبْكَارًا ۟
यदि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम तुम्हें तलाक़ दे दें, तो बहुत संभावित है कि उनका पालनहार उन्हें तुमसे बेहतर पत्नियाँ प्रदान कर दे, जो उसके आदेश को मानने वाली हों, उसपर तथा उसके रसूल पर ईमान रखने वाली हों, अल्लाह का आज्ञापालन करने वाली हों, अपने गुनाहों से तौबा करने वाली हों, अपने पालनहार की इबादत करने वाली हों, रोज़ा रखने वाली हों, जिनमें से कुछ पहले से शादीशुदा तथा कुछ कुँवारियाँ हों। लेकिन नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उन्हें तलाक नहीं दी।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• مشروعية الكَفَّارة عن اليمين.
• क़सम का कफ़्फ़ारा देने की वैधता।

• بيان منزلة النبي صلى الله عليه وسلم عند ربه ودفاعه عنه.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अपने पालनहार के निकट स्थिति तथा उसका आपकी रक्षा करने का वर्णन।

• من كرم المصطفى صلى الله عليه وسلم مع زوجاته أنه كان لا يستقصي في العتاب فكان يعرض عن بعض الأخطاء إبقاءً للمودة.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अपनी पत्नियों के साथ उदारता का एक प्रतीक यह है कि आप किसी व्यवहार पर निंदा करते समय एक-एक ग़लती का उल्लेख नहीं करते थे। बल्कि स्नेह को बनाए रखने के लिए कुछ ग़लतियों को नज़र अंदाज़ कर देते थे।

• مسؤولية المؤمن عن نفسه وعن أهله.
• मोमिन की अपने और अपने परिवार के प्रति ज़िम्मेदारी।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (5) సూరహ్: సూరహ్ అత్-తహ్రీమ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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