పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (48) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ఖలమ్
فَاصْبِرْ لِحُكْمِ رَبِّكَ وَلَا تَكُنْ كَصَاحِبِ الْحُوْتِ ۘ— اِذْ نَادٰی وَهُوَ مَكْظُوْمٌ ۟ؕ
अतः (ऐ रसूल) आपके पालनहार ने उन्हें मोहलत देकर ढील देने का जो निर्णय किया है, उसके लिए धैर्य से काम लें और अपने समुदाय से ऊबने में मछली वाले नबी यूनुस अलैहिस्सलाम की तरह न हो जाएँ; जब उन्होंने अपने पालनहार को इस दशा में पुकार कि वह समुद्र के अंधेरे और मछली के पेट के अंधेरे में व्यथित थे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الصبر خلق محمود لازم للدعاة وغيرهم.
• धैर्य एक प्रशंसनीय चरित्र है, जो अल्लाह की ओर बुलाने वालों तथा अन्य लोगों के लिए आवश्यक है।

• التوبة تَجُبُّ ما قبلها وهي من أسباب اصطفاء الله للعبد وجعله من عباده الصالحين.
• तौबा पहले के गुनाहों को मिटा देती है, तथा यह अल्लाह के बंदे को चुन लेने और उसे अपने सदाचारी बंदों में से बनाने के कारणों में से है।

• تنوّع ما يرسله الله على الكفار والعصاة من عذاب دلالة على كمال قدرته وكمال عدله.
• अल्लाह काफ़िरों और अवज्ञाकारियों पर जो यातना भेजता है, उसकी विविधता, उसकी पूर्ण शक्ति और उसके पूर्ण न्याय का संकेत है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (48) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ఖలమ్
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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