పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (23) సూరహ్: సూరహ్ అల్-జిన్
اِلَّا بَلٰغًا مِّنَ اللّٰهِ وَرِسٰلٰتِهٖ ؕ— وَمَنْ یَّعْصِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ فَاِنَّ لَهٗ نَارَ جَهَنَّمَ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًا ۟ؕ
लेकिन जो कुछ मेरे अधिकार में है, वह यह है कि अल्लाह ने मुझे जो कुछ तुम्हें पहुँचाने का आदेश दिया है, वह तुम्हें पहुँचा दूँ, और उसका संदेश जिसके साथ उसने मुझे तुम्हारे पास भेजा है। और जो अल्लाह तथा उसके रसूल की अवज्ञा करेगा, उसका अंजाम जहन्नम में प्रवेश है, जहाँ वह हमेशा रहेगा, उससे वह कभी भी नहीं निकलेगा।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الجَوْر سبب في دخول النار.
• अत्याचार जहन्नम में जाने का एक कारण हैl

• أهمية الاستقامة في تحصيل المقاصد الحسنة.
• अच्छे उद्देश्यों को प्राप्त करने में सत्य मार्ग पर दृढ़ता का महत्व।

• حُفِظ الوحي من عبث الشياطين.
• वह़्य को शैतानों के खिलवाड़ से संरक्षित किया गया है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (23) సూరహ్: సూరహ్ అల్-జిన్
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