పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - అనువాదాల విషయసూచిక


భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (27) సూరహ్: సూరహ్ అల్-జిన్
اِلَّا مَنِ ارْتَضٰی مِنْ رَّسُوْلٍ فَاِنَّهٗ یَسْلُكُ مِنْ بَیْنِ یَدَیْهِ وَمِنْ خَلْفِهٖ رَصَدًا ۟ۙ
सिवाय उस रसूल के, जिसे अल्लाह सर्वशक्तिमान पसंद कर ले। तो वह उसे जिस चीज़ से चाहता है, सूचित कर देता है, तथा वह उस रसूल के आगे और उसके पीछे फ़रिश्तों का पहरा लगा देता है, जो उसकी रक्षा करते हैं, ताकि उस रसूल के अलावा कोई और उससे अवगत न हो सके।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ఈ పేజీలోని వచనాల ద్వారా లభించే ప్రయోజనాలు:
• الجَوْر سبب في دخول النار.
• अत्याचार जहन्नम में जाने का एक कारण हैl

• أهمية الاستقامة في تحصيل المقاصد الحسنة.
• अच्छे उद्देश्यों को प्राप्त करने में सत्य मार्ग पर दृढ़ता का महत्व।

• حُفِظ الوحي من عبث الشياطين.
• वह़्य को शैतानों के खिलवाड़ से संरक्षित किया गया है।

 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (27) సూరహ్: సూరహ్ అల్-జిన్
సూరాల విషయసూచిక పేజీ నెంబరు
 
పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - అనువాదాల విషయసూచిక

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

మూసివేయటం