పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం * - అనువాదాల విషయసూచిక

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భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంకబూత్
وَوَصَّیْنَا الْاِنْسَانَ بِوَالِدَیْهِ حُسْنًا ؕ— وَاِنْ جٰهَدٰكَ لِتُشْرِكَ بِیْ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ فَلَا تُطِعْهُمَا ؕ— اِلَیَّ مَرْجِعُكُمْ فَاُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
और हमने मनुष्य को अपने माँ-बाप के साथ भलाई करने की ताकीद[5] की है और यदि वे तुझपर ज़ोर डालें कि तू मेरे साथ उस चीज़ को साझी ठहराए, जिसका तुझको कोई ज्ञान नहीं, तो उनकी बात न मान।[6] तुम्हें मेरी ओर ही लौटकर आना है। फिर मैं तुम्हें बताऊँगा जो तुम किया करते थे।
5. ह़दीस में है कि जब सा'द बिन अबी वक़्क़ास इस्लाम लाए, तो उनकी माँ ने दबाव डाला और शपथ ली कि जब तक इस्लाम न छोड़ दें, वह न उनसे बात करेगी और न खाएगी न पिएगी, इसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ मुस्लिम : 1748) 6. इस्लाम का यह नियम है, जैसा कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कथन है कि "किसी के आदेश का पालन अल्लाह की अवज्ञा में नहीं है।" (मुसनद अह़्मद : 1/66, सिलसिला सह़ीह़ा - अल्बानी : 179)
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (8) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అంకబూత్
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పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అనువాదాల విషయసూచిక

ఖుర్ఆన్ యొక్క అర్థాలను హిందీలోకి అనువదించడం. దాని అనువాదకులు అజీజుల్ హఖ్ ఉమరి.

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