పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం * - అనువాదాల విషయసూచిక

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (32) సూరహ్: సూరహ్ అన్-నిసా
وَلَا تَتَمَنَّوْا مَا فَضَّلَ اللّٰهُ بِهٖ بَعْضَكُمْ عَلٰی بَعْضٍ ؕ— لِلرِّجَالِ نَصِیْبٌ مِّمَّا اكْتَسَبُوْا ؕ— وَلِلنِّسَآءِ نَصِیْبٌ مِّمَّا اكْتَسَبْنَ ؕ— وَسْـَٔلُوا اللّٰهَ مِنْ فَضْلِهٖ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمًا ۟
तथा अल्लाह ने जिस चीज़ के द्वारा तुममें से कुछ को दूसरों पर प्रतिष्ठा प्रदान की है, उसकी कामना न करो। पुरुषों के लिए उसमें से हिस्सा है, जो उन्होंने कमाया[27] और स्त्रियों के लिए उसमें से हिस्सा है, जो उन्होंने कमाया है। तथा अल्लाह से उसका अनुग्रह माँगते रहो। निःसंदेह, अल्लाह सब कुछ जानने वाला है।
27. क़ुरआन उतरने से पहले संसार का यह साधारण विश्वव्यापी विचार था कि नारी का कोई स्थायी अस्तित्व नहीं है। उसे केवल पुरुषों की सेवा और काम वासना के लिए बनाया गया है। क़ुरआन इस विचार के विरुद्ध यह कहता है कि अल्लाह ने मानव को नर तथा नारी दो लिंगों में विभाजित कर दिया है। और दोनों ही समान रूप से अपना-अपना अस्तित्व, अपने-अपने कर्तव्य तथा कर्म रखते हैं। और जैसे आर्थिक कार्यालय के लिए एक लिंग की आवश्यक्ता है, वैसे ही दूसरे की भी है। मानव के सामाजिक जीवन के लिए यह दोनों एक दूसरे के सहायक हैं।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (32) సూరహ్: సూరహ్ అన్-నిసా
సూరాల విషయసూచిక పేజీ నెంబరు
 
పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అనువాదాల విషయసూచిక

ఖుర్ఆన్ యొక్క అర్థాలను హిందీలోకి అనువదించడం. దాని అనువాదకులు అజీజుల్ హఖ్ ఉమరి.

మూసివేయటం