పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం * - అనువాదాల విషయసూచిక

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భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (3) సూరహ్: సూరహ్ అద్-దుఖ్ఖాన్
اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ فِیْ لَیْلَةٍ مُّبٰرَكَةٍ اِنَّا كُنَّا مُنْذِرِیْنَ ۟
निःसंदेह हमने इसे[1] एक बरकत वाली रात में उतारा है। निःसंदेह हम डराने वाले थे।
1. बरकत वाली रात से अभिप्राय "लैलतुल क़द्र" है। यह रमज़ान के महीने के अंतिम दशक की एक विषम रात्रि होती है। यहाँ आगे बताया जा रहा है कि इसी रात्रि में पूरे वर्ष होने वाले विषय का निर्णय किया जाता है। इस शुभ रात की विशेषता तथा प्रधानता के लिए सूरतुल-क़द्र देखिए। इसी शुभ रात्रि में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर क़ुरआन उतरने का आरंभ हुआ। फिर 23 वर्षों तक आवश्यकतानुसार विभिन्न समय में उतरता रहा। (देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत संख्या : 185)
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (3) సూరహ్: సూరహ్ అద్-దుఖ్ఖాన్
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పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అనువాదాల విషయసూచిక

ఖుర్ఆన్ యొక్క అర్థాలను హిందీలోకి అనువదించడం. దాని అనువాదకులు అజీజుల్ హఖ్ ఉమరి.

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