పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం * - అనువాదాల విషయసూచిక

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భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (12) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ముమ్తహనహ్
یٰۤاَیُّهَا النَّبِیُّ اِذَا جَآءَكَ الْمُؤْمِنٰتُ یُبَایِعْنَكَ عَلٰۤی اَنْ لَّا یُشْرِكْنَ بِاللّٰهِ شَیْـًٔا وَّلَا یَسْرِقْنَ وَلَا یَزْنِیْنَ وَلَا یَقْتُلْنَ اَوْلَادَهُنَّ وَلَا یَاْتِیْنَ بِبُهْتَانٍ یَّفْتَرِیْنَهٗ بَیْنَ اَیْدِیْهِنَّ وَاَرْجُلِهِنَّ وَلَا یَعْصِیْنَكَ فِیْ مَعْرُوْفٍ فَبَایِعْهُنَّ وَاسْتَغْفِرْ لَهُنَّ اللّٰهَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
ऐ नबी! जब आपके पास ईमान वाली स्त्रियाँ[9] आएँ, जो आपसे इस बात पर 'बैअत' करें कि वे किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाएँगी और न चोरी करेंगी, न व्यभिचार करेंगी, न अपनी संतान को क़त्ल करेंगी, न कोई बोहतान (झूठा अभियोग) लगाएँगी जिसे उन्होंने अपने हाथों तथा पैरों के सामने गढ़ लिया हो और न किसी नेक काम में आपकी अवज्ञा करेंगी, तो आप उनसे 'बैअत' ले लें तथा उनके लिए अल्लाह से क्षमा की याचना करें। निःसंदेह अल्लाह अति क्षमाशील, अत्यंत दयावान् है।
9. ह़दीस में है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) इस आयत द्वारा उनकी परीक्षा लेते और जो मान लेती उससे कहते कि जाओ मैंने तुमसे वचन ले लिया। और आपने (अपनी पत्नियों के अलावा) कभी किसी नारी के हाथ को हाथ नहीं लगाया। (सह़ीह़ बुख़ारी : 93, 94, 95, 4891)
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (12) సూరహ్: సూరహ్ అల్-ముమ్తహనహ్
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పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అనువాదాల విషయసూచిక

ఖుర్ఆన్ యొక్క అర్థాలను హిందీలోకి అనువదించడం. దాని అనువాదకులు అజీజుల్ హఖ్ ఉమరి.

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