పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం * - అనువాదాల విషయసూచిక

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భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (146) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అరాఫ్
سَاَصْرِفُ عَنْ اٰیٰتِیَ الَّذِیْنَ یَتَكَبَّرُوْنَ فِی الْاَرْضِ بِغَیْرِ الْحَقِّ ؕ— وَاِنْ یَّرَوْا كُلَّ اٰیَةٍ لَّا یُؤْمِنُوْا بِهَا ۚ— وَاِنْ یَّرَوْا سَبِیْلَ الرُّشْدِ لَا یَتَّخِذُوْهُ سَبِیْلًا ۚ— وَاِنْ یَّرَوْا سَبِیْلَ الْغَیِّ یَتَّخِذُوْهُ سَبِیْلًا ؕ— ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا وَكَانُوْا عَنْهَا غٰفِلِیْنَ ۟
मैं अपनी आयतों (निशानियों) से उन लोगों[48] को फेर दूँगा, जो धरती में नाहक़ बड़े बनते[49] हैं। और यदि वे प्रत्येक निशानी देख लें, तब भी उसपर ईमान नहीं लाते। और यदि वे भलाई का मार्ग देख लें, तो उसे मार्ग नहीं बनाते और यदि गुमराही का मार्ग देखें, तो उसे मार्ग बना लेते हैं। यह इस कारण कि उन्होंने हमारी आयतों (निशानियों) को झुठलाया और वे उनसे ग़ाफ़िल थे।
48. अर्थात तुम्हें उनपर विजय दूँगा जो अवज्ञाकारी हैं, जैसे उस समय की अमालिक़ा इत्यादि जातियों पर। 49. अर्थात जो जान-बूझकर अवज्ञा करेगा, अल्लाह का नियम यही है कि वह तर्कों तथा प्रकाशों से प्रभावित होने की योग्यता खो देगा। इस का यह अर्थ नहीं कि अल्लाह किसी को अकारण कुपथ पर बाध्य कर देता है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
 
భావార్ధాల అనువాదం వచనం: (146) సూరహ్: సూరహ్ అల్-అరాఫ్
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పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అనువాదాల విషయసూచిక

ఖుర్ఆన్ యొక్క అర్థాలను హిందీలోకి అనువదించడం. దాని అనువాదకులు అజీజుల్ హఖ్ ఉమరి.

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