Check out the new design

పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అజీజుల్ హఖ్ ఉమ్రీ * - అనువాదాల విషయసూచిక

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

భావార్ధాల అనువాదం సూరహ్: అన్-నబఅ   వచనం:

अन्-नबा

عَمَّ یَتَسَآءَلُوْنَ ۟ۚ
वे आपस में किस चीज़ के विषय में प्रश्न कर रहे हैं?
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
عَنِ النَّبَاِ الْعَظِیْمِ ۟ۙ
बहुत बड़ी सूचना के विषय में।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
الَّذِیْ هُمْ فِیْهِ مُخْتَلِفُوْنَ ۟ؕ
जिसमें वे मतभेद करने वाले हैं।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
كَلَّا سَیَعْلَمُوْنَ ۟ۙ
हरगिज़ नहीं, शीघ्र ही वे जान लेंगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
ثُمَّ كَلَّا سَیَعْلَمُوْنَ ۟
फिर हरगिज़ नहीं, शीघ्र ही वे जान लेंगे।[1]
1. (1-5) इन आयतों में उनको धिक्कारा गया है, जो प्रलय की हँसी उड़ाते हैं। जैसे उनके लिए प्रलय की सूचना किसी गंभीर चिंता के योग्य नहीं। परंतु वह दिन दूर नहीं जब प्रलय उनके आगे आ जाएगी और वे विश्व विधाता के सामने उत्तरदायित्व के लिए उपस्थित होंगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
اَلَمْ نَجْعَلِ الْاَرْضَ مِهٰدًا ۟ۙ
क्या हमने धरती को बिछौना नहीं बनाया?
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّالْجِبَالَ اَوْتَادًا ۟ۙ
और पर्वतों को मेखें?
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّخَلَقْنٰكُمْ اَزْوَاجًا ۟ۙ
तथा हमने तुम्हें जोड़े-जोड़े पैदा किया।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّجَعَلْنَا نَوْمَكُمْ سُبَاتًا ۟ۙ
तथा हमने तुम्हारी नींद को आराम (का साधन) बनाया।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّجَعَلْنَا الَّیْلَ لِبَاسًا ۟ۙ
और हमने रात को आवरण बनाया।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّجَعَلْنَا النَّهَارَ مَعَاشًا ۟ۚ
और हमने दिन को कमाने के लिए बनाया।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَبَنَیْنَا فَوْقَكُمْ سَبْعًا شِدَادًا ۟ۙ
तथा हमने तुम्हारे ऊपर सात मज़बूत (आकाश) बनाए।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّجَعَلْنَا سِرَاجًا وَّهَّاجًا ۟ۙ
और हमने एक प्रकाशमान् तप्त दीप (सूर्य) बनाया।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّاَنْزَلْنَا مِنَ الْمُعْصِرٰتِ مَآءً ثَجَّاجًا ۟ۙ
और हमने बदलियों से मूसलाधार पानी उतारा।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
لِّنُخْرِجَ بِهٖ حَبًّا وَّنَبَاتًا ۟ۙ
ताकि हम उसके द्वारा अन्न और वनस्पति उगाएँ।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّجَنّٰتٍ اَلْفَافًا ۟ؕ
और घने-घने बाग़।[2]
2. (6-16) इन आयतों में अल्लाह की शक्ति और प्रतिपालन (रूबूबिय्यत) के लक्षण दर्शाए गए हैं, जो यह साक्ष्य देते हैं कि प्रतिकार (बदले) का दिन आवश्यक है, क्योंकि जिसके लिए इतनी बड़ी व्यवस्था की गई हो और उसे कर्मों के अधिकार भी दिए गए हों, तो उसके कर्मों का पुरस्कार या दंड तो मिलना ही चाहिए।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
اِنَّ یَوْمَ الْفَصْلِ كَانَ مِیْقَاتًا ۟ۙ
निःसंदेह निर्णय (फ़ैसले) का दिन एक नियत समय है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
یَّوْمَ یُنْفَخُ فِی الصُّوْرِ فَتَاْتُوْنَ اَفْوَاجًا ۟ۙ
जिस दिन सूर में फूँक मारी जाएगी, तो तुम दल के दल चले आओगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّفُتِحَتِ السَّمَآءُ فَكَانَتْ اَبْوَابًا ۟ۙ
और आकाश खोल दिया जाएगा, तो उसमें द्वार ही द्वार हो जाएँगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّسُیِّرَتِ الْجِبَالُ فَكَانَتْ سَرَابًا ۟ؕ
और पर्वत चलाए जाएँगे, तो वे मरीचिका बन जाएँगे।[3]
3. (17-20) इन आयतों में बताया जा रहा है कि निर्णय का दिन अपने निश्चित समय पर आकर रहेगा, उस दिन आकाश तथा धरती में एक बड़ी उथल-पुथल होगी। इसके लिए सूर में एक फूँक मारने की देर है। फिर जिसकी सूचना दी जा रही है तुम्हारे सामने आ जाएगी। तुम्हारे मानने या न मानने का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। और सब अपना ह़िसाब देने के लिए अल्लाह के न्यायालय की ओर चल पड़ेंगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
اِنَّ جَهَنَّمَ كَانَتْ مِرْصَادًا ۟ۙ
निःसंदेह जहन्नम घात में है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
لِّلطَّاغِیْنَ مَاٰبًا ۟ۙ
सरकशों का ठिकाना है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
لّٰبِثِیْنَ فِیْهَاۤ اَحْقَابًا ۟ۚ
जिसमें वे अनगिनत वर्षों तक रहेंगे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
لَا یَذُوْقُوْنَ فِیْهَا بَرْدًا وَّلَا شَرَابًا ۟ۙ
वे उसमें न कोई ठंड चखेंगे और न पीने की चीज़।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
اِلَّا حَمِیْمًا وَّغَسَّاقًا ۟ۙ
सिवाय अत्यंत गर्म पानी और बहती पीप के।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
جَزَآءً وِّفَاقًا ۟ؕ
यह पूरा-पूरा बदला है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
اِنَّهُمْ كَانُوْا لَا یَرْجُوْنَ حِسَابًا ۟ۙ
निःसंदेह वे हिसाब से नहीं डरते थे।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَّكَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا كِذَّابًا ۟ؕ
तथा उन्होंने हमारी आयतों को बुरी तरह झुठलाया।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
وَكُلَّ شَیْءٍ اَحْصَیْنٰهُ كِتٰبًا ۟ۙ
और हमने हर चीज़ को लिखकर संरक्षित कर रखा है।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
فَذُوْقُوْا فَلَنْ نَّزِیْدَكُمْ اِلَّا عَذَابًا ۟۠
तो चखो, हम तुम्हारे लिए यातना ही अधिक करते रहेंगे।[4]
4. (21-30) इन आयतों में बताया गया है कि जो ह़िसाब की आशा नहीं रखते और हमारी आयतों को नहीं मानते हमने उनकी एक-एक करतूत को गिनकर अपने यहाँ लिख रखा है। और उनकी ख़बर लेने के लिए नरक घात लगाए तैयार है, जहाँ उनके कुकर्मों का भरपूर बदला दिया जाएगा।
అరబీ భాషలోని ఖుర్ఆన్ వ్యాఖ్యానాలు:
 
భావార్ధాల అనువాదం సూరహ్: అన్-నబఅ
సూరాల విషయసూచిక పేజీ నెంబరు
 
పవిత్ర ఖురాన్ యొక్క భావార్థాల అనువాదం - హిందీ అనువాదం - అజీజుల్ హఖ్ ఉమ్రీ - అనువాదాల విషయసూచిక

దానిని అనువదించిన అజీజుల్ హఖ్ ఉమ్రీ.

మూసివేయటం