قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ترجمے کی لسٹ


معانی کا ترجمہ سورت: سورۂ ھود   آیت:

सूरा हूद

سورہ کے بعض مقاصد:
تثبيت النبي والمؤمنين بقصص الأنبياء السابقين، وتشديد الوعيد للمكذبين.
पिछले नबियों की कहानियों के साथ नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और मोमिनों का सुदृढीकरण तथा झुठलाने वालों को दंड की सख़्त धमकी।

الٓرٰ ۫— كِتٰبٌ اُحْكِمَتْ اٰیٰتُهٗ ثُمَّ فُصِّلَتْ مِنْ لَّدُنْ حَكِیْمٍ خَبِیْرٍ ۟ۙ
(अलिफ़, लाम, रा) इस प्रकार के अक्षरों के बारे में सूरतुल-बक़रा के आरंभ में बात गुज़र चुकी है। क़ुरआन एक ऐसी किताब है, जिसकी आयतें संरचना और अर्थ के रूप से सुदृढ़ की गई हैं। अतः आप उनमें किसी प्रकार का विकार (दोष) और कमी नहीं पाएँगे। फिर हलाल व हराम, आदेश व निषेध, वादा व धमकी, कहानियों और अन्य बातों का उल्लेख करके उन्हें स्पष्ट कर दिया गया है। यह क़ुरआन उस अल्लाह की ओर से है, जो अपने प्रबंधन और विधान में हिकमत वाला है, अपने बंदों की स्थितियों और उनका सुधार करने वाली चीज़ों को जानने वाला है।
عربی تفاسیر:
اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنَّنِیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ وَّبَشِیْرٌ ۟ۙ
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित होने वाली इन आयतों का विषयवस्तु : बंदों को अल्लाह के साथ किसी अन्य की इबादत करने से मना करना है। (ऐ लोगो!) निःसंदेह मैं तुम्हें अल्लाह की यातना से डराने वाला हूँ, यदि तुमने उसके साथ कुफ़्र किया और उसकी अवज्ञा की, तथा मैं तुम्हें उसके सवाब की शुभ सूचना देने वाला हूँ, यदि तुम उसपर ईमान लाए और उसकी शरीयत के अनुसार कार्य करते रहे।
عربی تفاسیر:
وَّاَنِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ یُمَتِّعْكُمْ مَّتَاعًا حَسَنًا اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی وَّیُؤْتِ كُلَّ ذِیْ فَضْلٍ فَضْلَهٗ ؕ— وَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ كَبِیْرٍ ۟
(ऐ लोगो!) अपने पालनहार से अपने पापों की क्षमा माँगो और तुमने उसके हक़ में जो कोताही की है, उसपर पश्चाताप करते हुए उसकी ओर पलट आओ। वह तुम्हें तुम्हारे सांसारिक जीवन में तुम्हारी निश्चित अवधि के समाप्त होने तक उत्तम सामग्री प्रदान करेगा, और हर उस व्यक्ति को जो अतिरिक्त आज्ञाकारिता और सत्कर्म करता है, उसके अतिरिक्त कार्य का संपूर्ण प्रतिकार प्रदान करेगा, उसमें कोई कमी नहीं करेगा। लेकिन यदि तुम उस बात पर ईमान लाने से उपेक्षा करते हो, जो मैं अपने पालनहार की ओर से लेकर आया हूँ, तो मैं तुमपर एक भयानक दिन की यातना से डरता हूँ, और वह क़ियामत का दिन है।
عربی تفاسیر:
اِلَی اللّٰهِ مَرْجِعُكُمْ ۚ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
क़ियामत के दिन (ऐ लोगो!) तुम्हें केवल अल्लाह की ओर पलटना है, और पवित्र अल्लाह हर चीज़ की शक्ति रखता है, कोई चीज़ उसे विवश नहीं कर सकती। अतः तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हें जीवित करके उठाना और तुम्हारा हिसाब व किताब लेना उसे विवश नहीं कर सकता।
عربی تفاسیر:
اَلَاۤ اِنَّهُمْ یَثْنُوْنَ صُدُوْرَهُمْ لِیَسْتَخْفُوْا مِنْهُ ؕ— اَلَا حِیْنَ یَسْتَغْشُوْنَ ثِیَابَهُمْ ۙ— یَعْلَمُ مَا یُسِرُّوْنَ وَمَا یُعْلِنُوْنَ ۚ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
सुन लो! निःसंदेह ये बहुदेववादी अपने सीनों को मोड़ लेते हैं, ताकि वे अपने सीनों में मौजूद संदेह को अल्लाह से छिपा सकें, वे उससे अनभिज्ञ होने के कारण ऐसा करते हैं। सुनो! जब वे अपने सिर को अपने कपड़ों से ढक लेते हैं, तो अल्लाह जानता है जो कुछ वे छिपाते हैं और जो कुछ वे प्रकट करते हैं। निःसंदेह वह सीनों की छिपाई हुई चीज़ों को भी जानता है।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• إن الخير والشر والنفع والضر بيد الله دون ما سواه.
• निःसंदेह भलाई और बुराई तथा लाभ एवं हानि केवल अल्लाह के हाथ में है, किसी और के अधिकार में नहीं है।

• وجوب اتباع الكتاب والسُّنَّة والصبر على الأذى وانتظار الفرج من الله.
• क़ुरआन और सुन्नत का पालन करना, तकलीफ़ व नुकसान के समय धैर्य रखना और अल्लाह की ओर से आसानी व राहत की प्रतीक्षा करना अनिवार्य है।

• آيات القرآن محكمة لا يوجد فيها خلل ولا باطل، وقد فُصِّلت الأحكام فيها تفصيلًا تامَّا.
• क़ुरआन की आयतें सुदृढ़ हैं, उनमें कोई दोष व विकार और असत्य बात नहीं पाई जाती है और उनमें अहकाम (धार्मिक प्रावधानों) को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है।

• وجوب المسارعة إلى التوبة والندم على الذنوب لنيل المطلوب والنجاة من المرهوب.
वांछित चीज़ को प्राप्त करने तथा भयावह एवं अप्रिय चीज़ से बचने के लिए पापों से तौबा करने और उनपर पछतावा करने में जल्दी करना चाहिए।

وَمَا مِنْ دَآبَّةٍ فِی الْاَرْضِ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ رِزْقُهَا وَیَعْلَمُ مُسْتَقَرَّهَا وَمُسْتَوْدَعَهَا ؕ— كُلٌّ فِیْ كِتٰبٍ مُّبِیْنٍ ۟
धरती पर चलने वाला जो भी प्राणी है, अल्लाह ने अपनी कृपा से उसकी आजीविका की ज़िम्मेदारी ले रखी है। अल्लाह महिमावान धरती पर उसके बसने के स्थान को जानता है, तथा वह उस स्थान का भी ज्ञान रखता है, जहाँ उसकी मृत्यु आनी है। इस तरह, सभी प्राणी और उनकी आजीविका और उनके ठहरने की जगहें और उनकी मृत्यु के स्थान, एक स्पष्ट पुस्तक अर्थात 'लौह़े मह़फ़ूज़' (संरक्षित पट्टिका) में अंकित हैं।
عربی تفاسیر:
وَهُوَ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ فِیْ سِتَّةِ اَیَّامٍ وَّكَانَ عَرْشُهٗ عَلَی الْمَآءِ لِیَبْلُوَكُمْ اَیُّكُمْ اَحْسَنُ عَمَلًا ؕ— وَلَىِٕنْ قُلْتَ اِنَّكُمْ مَّبْعُوْثُوْنَ مِنْ بَعْدِ الْمَوْتِ لَیَقُوْلَنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
वही महिमावान अल्लाह है, जिसने विशाल आकाशों तथा विस्तृत धरती को और उनमें पाई जाने वाली सारी वस्तुओं को छ: दिनों में पैदा किया। और उनकी रचना से पूर्व उसका सिंहासन पानी पर था। ताकि (ऐ लोगो!) वह तुम्हारा परीक्षण करे कि तुम में से कौन अल्लाह को प्रसन्न करने वाला सबसे अच्छा काम करता है, तथा तुम में से कौन उसे क्रोधित करने वाला सबसे बुरा काम करता है। फिर वह हर एक को वह बदला दे, जिसका वह हक़दार है। तथा (ऐ नबी!) यदि आप कहें : (ऐ लोगो!) तुम अपनी मृत्यु के बाद हिसाब-किताब के लिए पुनः जीवित किए जाओगे, तो निश्चय ही अल्लाह के साथ कुफ़्र करने वाले और मरणोपरांत पुनर्जीवन का इनकार करने वाले कहेंगे : आप जिस क़ुरआन को पढ़ते हैं, वह स्पष्ट जादू के अलावा कुछ नहीं है। अतः वह स्पष्ट रूप से असत्य है।
عربی تفاسیر:
وَلَىِٕنْ اَخَّرْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ اِلٰۤی اُمَّةٍ مَّعْدُوْدَةٍ لَّیَقُوْلُنَّ مَا یَحْبِسُهٗ ؕ— اَلَا یَوْمَ یَاْتِیْهِمْ لَیْسَ مَصْرُوْفًا عَنْهُمْ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟۠
यदि हम मुश्रिकों से दुनिया के जीवन में उस यातना को कुछ दिनों के लिए विलंबित कर दें, जिसके वे हक़दार हैं, तो वे मज़ाक उड़ाते हुए, उसके लिए जल्दी मचाते हुए कहेंगे : हमसे किस चीज़ ने यातना को रोक रखा है? सुन लो, जिस सज़ा के वे हक़दार हैं, उसका अल्लाह के पास एक समय निर्धारित है। और जिस दिन वह उनपर आ जाएगी, तो उन्हें कोई उसे उनसे टालने वाला नहीं मिलेगा। बल्कि वह उनपर आकर रहेगी और वे उस यातना से घिर जाएँगे जिसके लिए वे उपहास और मज़ाक़ को तौर पर जल्दी मचा रहे थे।
عربی تفاسیر:
وَلَىِٕنْ اَذَقْنَا الْاِنْسَانَ مِنَّا رَحْمَةً ثُمَّ نَزَعْنٰهَا مِنْهُ ۚ— اِنَّهٗ لَیَـُٔوْسٌ كَفُوْرٌ ۟
और यदि हम मनुष्य को अपनी तरफ़ से कोई अनुग्रह प्रदान करें, जैसे स्वास्थ्य एवं धन-संपत्ति आदि, फिर उससे उस अनुग्रह को छीन लें, तो वह अल्लाह की दया से बहुत निराश हो जाता है और उसकी नेमतों का बड़ा कृतघ्न बन जाता है। जब अल्लाह उन्हें उससे छीन लेता है, तो वह उन्हें भूल जाता है।
عربی تفاسیر:
وَلَىِٕنْ اَذَقْنٰهُ نَعْمَآءَ بَعْدَ ضَرَّآءَ مَسَّتْهُ لَیَقُوْلَنَّ ذَهَبَ السَّیِّاٰتُ عَنِّیْ ؕ— اِنَّهٗ لَفَرِحٌ فَخُوْرٌ ۟ۙ
और यदि हम उसे गरीबी और बीमारी के पश्चात आजीविका में विस्तार और स्वास्थ्य का मज़ा चखा दें, तो वह अवश्य कहेगा : विपत्ति मुझसे दूर हो गई और तकलीफ़ ख़त्म हो गई। वह इस पर अल्लाह का शुक्रिया अदा नहीं करता। वह ख़ुशी से इतराता फिरता है और अल्लाह की प्रदान की हुई नेमतों पर लोगों के सामने शेखी बघारता और गर्व करता है।
عربی تفاسیر:
اِلَّا الَّذِیْنَ صَبَرُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ كَبِیْرٌ ۟
परन्तु जिन लोगों ने तकलीफों एवं आज्ञाकारिता पर धैर्य से काम लिया तथा गुनाहों से दूर रहे और अच्छे कार्य करते रहे, तो उनका मामला दूसरा है। वे निराशा से पीड़ित नहीं होते, न अल्लाह की नेमतों की नाशुक्री करते और न ही लोगों के सामने शेखी पघारते हैं। इन विशेषताओं से सुसज्जित लोगों के लिए उनके पालनहार कि ओर से उनके गुनाहों की क्षमा है तथा आख़िरत में उनके लिए बड़ा प्रतिफल है।
عربی تفاسیر:
فَلَعَلَّكَ تَارِكٌ بَعْضَ مَا یُوْحٰۤی اِلَیْكَ وَضَآىِٕقٌ بِهٖ صَدْرُكَ اَنْ یَّقُوْلُوْا لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْهِ كَنْزٌ اَوْ جَآءَ مَعَهٗ مَلَكٌ ؕ— اِنَّمَاۤ اَنْتَ نَذِیْرٌ ؕ— وَاللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ وَّكِیْلٌ ۟ؕ
ऐसा लगता है कि (ऐ रसूल) आप (उनके कुफ़्र, हठधर्मी तथा निशानियों के सुझाव का सामना करने के कारण) कुछ ऐसी चीज़ों को पहुँचाने का काम छोड़ देने वाले हैं, जिन्हें पहुँचाने का अल्लाह ने आपको आदेश दिया है और उनपर अमल करना उनके लिए कठिन है। तथा उन बातों को पहुँचाने से आपका दिल इसलिए तंग हो रहा है कि वे यह न कह दें : उस (मुह़म्मद) पर कोई ख़ज़ाना क्यों नहीं उतारा गया, जिससे वह धनी हो जाता, या उसके साथ कोई फ़रिश्ता क्यों नहीं आया, जो उसके सच्चे नबी होने की पुष्टि करता। अतः इन बातों की वजह से आप अपनी ओर की जाने वाली वह़्य की कुछ चीज़ों को न छोड़ें। आप तो केवल डराने वाले हैं। आप उसी का प्रचार करते हैं जिसके प्रचार का अल्लाह ने आपको आदेश दिया है। वे लोग जिन निशानियों का प्रस्ताव रख रहे हैं, उन्हें प्रस्तुत करना आपका कर्तव्य नहीं है। और अल्लाह प्रत्येक चीज़ का संरक्षक है।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• سعة علم الله تعالى وتكفله بأرزاق مخلوقاته من إنسان وحيوان وغيرهما.
• अल्लाह के ज्ञान की व्यापकता और उसका मनुष्यों, जानवरों और अन्य सहित अपनी सभी सृष्टियों की आजीविका की ज़िम्मेदारी उठाना।

• بيان علة الخلق؛ وهي اختبار العباد بامتثال أوامر الله واجتناب نواهيه.
• सृष्टि की रचना के कारण का वर्णन; और वह अल्लाह के आदेशों के अनुपालन और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचने में बंदों का परीक्षण है।

• لا ينبغي الاغترار بإمهال الله تعالى لأهل معصيته، فإنه قد يأخذهم فجأة وهم لا يشعرون.
• गुनाहगारों के लिए अल्लाह की छूट से धोखा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि वह अचानक उन्हें पकड़ सकता है और उन्हें एहसास भी नहीं होगा।

• بيان حال الإنسان في حالتي السعة والشدة، ومدح موقف المؤمن المتمثل في الصبر والشكر.
• संपन्नता और कठिनाई की स्थिति में मानवीय स्थिति का वर्णन तथा सब्र और शुक्र के रूप में प्रदर्शित मोमिन की स्थिति की प्रशंसा।

اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ؕ— قُلْ فَاْتُوْا بِعَشْرِ سُوَرٍ مِّثْلِهٖ مُفْتَرَیٰتٍ وَّادْعُوْا مَنِ اسْتَطَعْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
बल्कि क्या मुश्रिक लोग यह कहते हैं कि मुहम्मद ने कुरआन स्वयं गढ़ लिया है और यह अल्लाह की वह़्य नहीं है। (ऐ रसूल) आप उन्हें चुनौती देते हुए कह दीजिए : तुम भी इस कुरआन के समान गढ़ी हुई दस सूरतें ले आओ, जिनमें तुम उस क़ुरआन की तरह सच्चाई का पालन न करो, जिसके बारे में तुम्हारा दावा है कि वह गढ़ा हुआ है। तथा तुम जिसे भी बुला सकते हो, बुला लो; ताकि इस काम पर उसकी मदद ले सको, यदि तुम अपने इस दावा में सच्चे हो कि कुरआन गढ़ा हुआ है।
عربی تفاسیر:
فَاِلَّمْ یَسْتَجِیْبُوْا لَكُمْ فَاعْلَمُوْۤا اَنَّمَاۤ اُنْزِلَ بِعِلْمِ اللّٰهِ وَاَنْ لَّاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ— فَهَلْ اَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ ۟
यदि वे तुम्हारी माँग पूरी न करें क्योंकि वे ऐसा करने में सक्षम नहीं है, तो (ऐ ईमान वालो) निश्चित रूप से जान लो कि अल्लाह ने क़ुरआन को अपने रसूल पर अपने ज्ञान के साथ उतारा है और यह मनगढ़ंत नहीं है। तथा यह भी ज्ञान में रखो कि अल्लाह के सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। अब क्या तुम इन निश्चित तर्कों के बाद उसके आगे झुकने को तैयार हो?
عربی تفاسیر:
مَنْ كَانَ یُرِیْدُ الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا وَزِیْنَتَهَا نُوَفِّ اِلَیْهِمْ اَعْمَالَهُمْ فِیْهَا وَهُمْ فِیْهَا لَا یُبْخَسُوْنَ ۟
जो व्यक्ति अपने कर्म से सांसारिक जीवन और उसका नश्वर आनंद चाहता है, वह उससे आख़िरत का इरादा नहीं रखता, हम उन्हें उनके कर्मों का बदला इसी दुनिया में स्वास्थ्य, शांति और आजीविका में विस्तार के रूप में दे देते हैं, उनके कार्य के प्रतिफल में कुछ भी कमी नहीं की जाती।
عربی تفاسیر:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ لَیْسَ لَهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ اِلَّا النَّارُ ۖؗ— وَحَبِطَ مَا صَنَعُوْا فِیْهَا وَبٰطِلٌ مَّا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
इस प्रकार का निंदित इरादा रखने वाले लोगों के लिए क़ियामत के दिन आग के सिवा कोई अन्य बदला नहीं है, जिसमें वे प्रवेश करेंगे और उनके कर्मों का प्रतिफल अकारथ हो जाएगा तथा उनके कार्य बरबाद हो जाएँगे। क्योंकि वे दुनिया में ईमान वाले नहीं थे और उनका इरादा सही नहीं था। चुनाँचे अपने कर्मों से उनका उद्देश्य अल्लाह की प्रसन्नता तथा आख़िरत नहीं था।
عربی تفاسیر:
اَفَمَنْ كَانَ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖ وَیَتْلُوْهُ شَاهِدٌ مِّنْهُ وَمِنْ قَبْلِهٖ كِتٰبُ مُوْسٰۤی اِمَامًا وَّرَحْمَةً ؕ— اُولٰٓىِٕكَ یُؤْمِنُوْنَ بِهٖ ؕ— وَمَنْ یَّكْفُرْ بِهٖ مِنَ الْاَحْزَابِ فَالنَّارُ مَوْعِدُهٗ ۚ— فَلَا تَكُ فِیْ مِرْیَةٍ مِّنْهُ ۗ— اِنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, जिनके पास उनके पालनहार की ओर से प्रमाण है और उनके समर्थन हेतु उनके पालनहार की ओर से एक साक्षी जिबरील अलैहिस्सलाम भी मौजूद हैं। तथा इससे पहले उनकी नुबुव्वत की गवाही वह तौरात भी देती है, जो मूसा अलैहिस्सलाम पर लोगों के लिए आदर्श तथा दया के रूप में उतारी गई थी। वह और उनके साथ ईमान लाने वाले लोग, उन काफिरों के समान नहीं हो सकते, जो गुमराही में भटक रहे हैं। वे लोग क़ुरआन पर तथा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर विश्वास रखते हैं, जिनपर क़ुरआन उतरा है। उन समूहों में से जो भी उसका इनकार करेगा, क़ियामत के दिन उसके वादा की जगह (ठिकाना) दोज़ख है। अतः (ऐ रसूल!) आप कुरआन के बारे में और उन लोगों के ठिकाने के संबंध में संदेह न करें। क्योंकि यह ऐसा सत्य है जो संदेह से परे है। लेकिन अधिकतर लोग स्पष्ट सबूतों और खुले प्रमाणों के बाद भी ईमान नहीं लाते।
عربی تفاسیر:
وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ یُعْرَضُوْنَ عَلٰی رَبِّهِمْ وَیَقُوْلُ الْاَشْهَادُ هٰۤؤُلَآءِ الَّذِیْنَ كَذَبُوْا عَلٰی رَبِّهِمْ ۚ— اَلَا لَعْنَةُ اللّٰهِ عَلَی الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
उस व्यक्ति से बढ़कर अत्याचारी कोई नहीं है, जो अल्लाह की ओर साझी अथवा संतान की निस्बत करके उसपर झूठ गढ़े। जो लोग अल्लाह पर झूठ गढते हैं, उन्हें क़ियामत के दिन उनके पालनहार के समक्ष उनके कर्मों के बारे में पूछने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। फरिश्तों तथा रसूलों में से उनके विरद्ध गवाही देने वाले कहेंगे : यही वे लोग हैं, जिन्होंने अल्लाह पर उसकी ओर साझी तथा बेटे की निस्बत करके झूठ गढ़ा था। सुन लो, अल्लाह पर झूठ गढ़कर स्वयं पर अत्याचार करने वालों को अल्लाह ने अपनी दया से निष्कासित कर दिया।
عربی تفاسیر:
الَّذِیْنَ یَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَیَبْغُوْنَهَا عِوَجًا ؕ— وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ كٰفِرُوْنَ ۟
जो लोगों को अल्लाह के सीधे रास्ते से रोकते हैं और चाहते हैं कि उसका मार्ग सही दिशा से मुड़ जाए, ताकि उसपर कोई न चले। तथा वे मृत्यु के बाद पुनर्जीवित किए जाने का इनकार करते और उसे नहीं मानते हैं।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• تحدي الله تعالى للمشركين بالإتيان بعشر سور من مثل القرآن، وبيان عجزهم عن الإتيان بذلك.
• अल्लाह तआला का मुश्रिकों को कुरआन जैसी दस सूरतें लाने की चुनौती और ऐसा करने में उनकी असमर्थता का वर्णन

• إذا أُعْطِي الكافر مبتغاه من الدنيا فليس له في الآخرة إلّا النار.
• जब काफ़िर को दुनिया से उसकी इच्छाओं को दे दिया गया, तो उसके लिए आख़िरत में आग के सिवा कुछ भी नहीं है।

• عظم ظلم من يفتري على الله الكذب وعظم عقابه يوم القيامة.
• जो अल्लाह पर झूठा आरोप लगाए, वह बहुत बड़ा अत्याचारी है और क़यामत के दिन बहुत बड़ी सज़ा का सामना करेगा।

اُولٰٓىِٕكَ لَمْ یَكُوْنُوْا مُعْجِزِیْنَ فِی الْاَرْضِ وَمَا كَانَ لَهُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ اَوْلِیَآءَ ۘ— یُضٰعَفُ لَهُمُ الْعَذَابُ ؕ— مَا كَانُوْا یَسْتَطِیْعُوْنَ السَّمْعَ وَمَا كَانُوْا یُبْصِرُوْنَ ۟
इन विशेषताओं वाले लोग यदि उनपर अल्लाह की यातना आ जाए, तो धरती में उससे भागने में सक्षम नहीं हैं, और न तो उनके पास अल्लाह के सिवा समर्थक और सहायक हैं, जो उनसे अल्लाह के अज़ाब को टाल सकें। उनके स्वयं अपने आपको तथा दूसरों को अल्लाह के मार्ग से रोकने के कारण, क़ियामत के दिन उनकी यातना बढ़ा दी जाएगी। वे दुनिया में, सत्य और मार्गदर्शन की बात स्वीकार करने के तौर पर नहीं सुन सकते थे तथा वे ब्रह्मांड में अल्लाह की निशानियों को ऐसी दृष्टि से नहीं देखते थे जो उन्हें लाभान्वित करे; क्योंकि वे सत्य से अति विमुख थे।
عربی تفاسیر:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟
इन विशेषताओं वाले लोग ही हैं, जिन्होंने अल्लाह के साथ साझेदार बनाने के कारण, अपने आपको विनाश की खाइयों में डालकर, अपना घाटा किया। और उनके गढ़े हुए साझेदार और सिफ़ारिशी उनसे दूर हो गए।
عربی تفاسیر:
لَا جَرَمَ اَنَّهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ هُمُ الْاَخْسَرُوْنَ ۟
वास्तव में, क़ियामत के दिन यही लोग सबसे अधिक घाटे का सौदा करने वाले ठहरेंगे, क्योंकि उन्होंने ईमान के बदले कुफ्र, आख़िरत के बदले दुनिया और दया के बदले यातना को अपना लिया।
عربی تفاسیر:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَاَخْبَتُوْۤا اِلٰی رَبِّهِمْ ۙ— اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
निःसंदेह जो लोग अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए और अच्छे कार्य किए, तथा अल्लाह के प्रति विनम्र और विनीत हो गए, वही लोग जन्नत वाले हैं, जिसमें वे सदैव रहेंगे।
عربی تفاسیر:
مَثَلُ الْفَرِیْقَیْنِ كَالْاَعْمٰی وَالْاَصَمِّ وَالْبَصِیْرِ وَالسَّمِیْعِ ؕ— هَلْ یَسْتَوِیٰنِ مَثَلًا ؕ— اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟۠
काफिरों और मोमिनों के पक्षों का उदाहरण अंधे की तरह है, जो देख नहीं सकता, और बहरे की तरह है, जो सुन नहीं सकता। यह उदाहरण काफिरों के पक्ष का है, जो सत्य को स्वीकार करने के इरादे से नहीं सुनता और न ही उसे ऐसी दृष्टि से देखता है जो उन्हें लाभान्वित करे। तथा दूसरे पक्ष का उदाहरण सुनने और देखने वाले की तरह है। यह मोमिनों के पक्ष का उदाहरण है, जो सुनता और देखता है। क्या ये दोनों पक्ष अपनी स्थिति और विशेषता में समान हो सकते हैं?! वे दोनों कभी समान नहीं हो सकते। क्या तुम इन दोनों की असमानता से कोई सीख नहीं लेते?!
عربی تفاسیر:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا اِلٰی قَوْمِهٖۤ ؗ— اِنِّیْ لَكُمْ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
हमने नूह़ अलैहिस्सलाम को उनकी जाति की ओर रसूल बनाकर भेजा। तो उन्होंने उनसे कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं तुम्हें अल्लाह के अज़ाब से डराने वाला हूँ तथा मुझे तुम्हारी ओर जो कुछ देकर भेजा गया है, उसे खोल-खोलकर बताने वाला हूँ।
عربی تفاسیر:
اَنْ لَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ اَلِیْمٍ ۟
और मैं तुम्हें अकेले अल्लाह की इबादत करने की ओर आमंत्रित करता हूँ। अतः तुम केवल उसी की इबादत करो। निःसंदेह मैं तुमपर एक दर्दनाक दिन की यातना से डरता हूँ।
عربی تفاسیر:
فَقَالَ الْمَلَاُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ مَا نَرٰىكَ اِلَّا بَشَرًا مِّثْلَنَا وَمَا نَرٰىكَ اتَّبَعَكَ اِلَّا الَّذِیْنَ هُمْ اَرَاذِلُنَا بَادِیَ الرَّاْیِ ۚ— وَمَا نَرٰی لَكُمْ عَلَیْنَا مِنْ فَضْلٍۢ بَلْ نَظُنُّكُمْ كٰذِبِیْنَ ۟
उनकी क़ौम के कुफ़्र करने वाले गणमान्य और प्रमुख लोगों ने कहा : हमें तुम्हारा आमंत्रण स्वीकार नहीं है। क्योंकि तुम्हारे अंदर कोई ऐसी विशेषता नहीं है, जो हमारे पास न हो। चुनाँचे तुम भी हमारी तरह ही इनसान हो। तथा इसलिए कि हम देखते हैं कि तुम्हारा अनुसरण हमारे निचले स्तर के लोगों ने किया है, जैसा कि यह हमारी राय से हमें दिखाई दिया है। और इसलिए भी कि तुम्हारे पास कोई अतिरिक्त सम्मान, धन और प्रतिष्ठा नहीं है, जो तुम्हें इस योग्य बनाता हो कि हम तुम्हारा अनुसरण करें। बल्कि हम तो तुम्हें तुम्हारे दावे में झूठा समझते हैं।
عربی تفاسیر:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِهٖ فَعُمِّیَتْ عَلَیْكُمْ ؕ— اَنُلْزِمُكُمُوْهَا وَاَنْتُمْ لَهَا كٰرِهُوْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : ऐ मेरी जाती के लोगो! मुझे बताओ कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक प्रमाण पर हूँ, जो मेरे सच्चे नबी होने की गवाही देता हो और तुमपर मुझे सच्चा मानना (मुझ पर विश्वास करना) अनिवार्य करता हो, तथा उसने मुझे अपनी ओर से दया अर्थात नुबुव्वत एवं रिसालत प्रदान की हो, लेकिन उसके बारे में तुम्हारी अज्ञानता के कारण वह तुम्हें दिखाई न दी, तो क्या हम तुम्हें उसपर ईमान लाने के लिए विवश कर सकते हैं और ज़बरदस्ती उसे तुम्हारे ह्रदय में डाल सकते हैं?! हम ऐसा नहीं कर सकते। क्योंकि जो ईमान की तौफीक देता है, वह केवल अल्लाह है।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• الكافر لا ينتفع بسمعه وبصره انتفاعًا يقود للإيمان، فهما كالمُنْتَفِيَين عنه بخلاف المؤمن.
• काफ़िर अपने सुनने और देखने की शक्तियों से इस प्रकार लाभ नहीं उठाता जो उसे ईमान की ओर ले जाए। इसलिए वे दोनों शक्तियाँ ऐसी ही हैं जैसे उसके पास हैं ही नहीं। जबकि मोमिन का मामला इसके विपरीत है।

• سُنَّة الله في أتباع الرسل أنهم الفقراء والضعفاء لخلوِّهم من الكِبْر، وخُصُومهم الأشراف والرؤساء.
• रसूलों के अनुयायियों के बारे में अल्लाह का नियम यह रहा है कि वे ग़रीब और कमज़ोर होते हैं, क्योंकि वे अहंकार से मुक्त होते हैं। जबकि उनके विरोधी गणमान्य एवं प्रमुख लोग होते हैं।

• تكبُّر الأشراف والرؤساء واحتقارهم لمن دونهم في غالب الأحيان.
• अधिकांश मामलों में गणमान्य एवं प्रमुख लोगों का अभिमान और अपने से कमतर लोगों के लिए उनकी अवमानना।

وَیٰقَوْمِ لَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مَالًا ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ وَمَاۤ اَنَا بِطَارِدِ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا ؕ— اِنَّهُمْ مُّلٰقُوْا رَبِّهِمْ وَلٰكِنِّیْۤ اَرٰىكُمْ قَوْمًا تَجْهَلُوْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! इस संदेश को पहुँचाने पर मैं तुमसे कोई धन नहीं चाहता, मेरा बदला तो केवल अल्लाह पर है। और मैं अपनी बैठक से ग़रीब मोमिनों को दूर नहीं कर सकता, जिन्हें निष्कासित करने की तुम माँग कर रहे हो। वे क़ियामत के दिन अपने पालनहार से मिलने वाले हैं और वह उन्हें उनके ईमान का बदला देने वाला है। लेकिन मैं देख रहा हूँ कि तुम इस दावत (इसलाम के संदेश) की वास्तविकता से अनभिज्ञ हो, तभी तो कमज़ोर मोमिनों को निष्कासित करने की माँग करते हो।
عربی تفاسیر:
وَیٰقَوْمِ مَنْ یَّنْصُرُنِیْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ طَرَدْتُّهُمْ ؕ— اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! यदि मैं इन मोमिनों को किसी दोष के बिना नाहक़ निष्कासित कर दूँ, तो मुझसे अल्लाह की सज़ा को कौन हटाएगा? क्या तुम शिक्षा ग्रहण नहीं करते और वह कार्य करने का प्रयास नहीं करते, जो तुम्हारे लिए सबसे अच्छा और सबसे लाभदायक हो?
عربی تفاسیر:
وَلَاۤ اَقُوْلُ لَكُمْ عِنْدِیْ خَزَآىِٕنُ اللّٰهِ وَلَاۤ اَعْلَمُ الْغَیْبَ وَلَاۤ اَقُوْلُ اِنِّیْ مَلَكٌ وَّلَاۤ اَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ تَزْدَرِیْۤ اَعْیُنُكُمْ لَنْ یُّؤْتِیَهُمُ اللّٰهُ خَیْرًا ؕ— اَللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا فِیْۤ اَنْفُسِهِمْ ۖۚ— اِنِّیْۤ اِذًا لَّمِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं तुमसे यह नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के ख़ज़ाने हैं, जिनमें उसकी आजीविका है और यदि तुम ईमान ग्रहण कर लिए, तो मैं उसे तुमपर खर्च करूंगा। तथा मैं तुमसे यह नहीं कहता हूँ कि मेरे पास ग़ैब (परोक्ष) का ज्ञान है और न मैं तुमसे यह कहता हूँ कि मैं फ़रिश्तों में से हूँ, बल्कि मैं भी तुम्हारी तरह एक इनसान हूँ। तथा मैं उन ग़रीबों के विषय में, जिन्हें तुम्हारी आँखें तुच्छ और हीन समझती हैं, यह नहीं कहता कि अल्लाह उन्हें हरगिज़ तौफीक और मार्गदर्शन नहीं प्रदान करेगा। अल्लाह उनके इरादों और स्थितियों को अधिक जानता है। यदि मैं ऐसा दावा करूँ, तो मैं उन अत्याचारियों में से हो जाऊँगा, जो अल्लाह की यातना के हक़दार हैं।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا یٰنُوْحُ قَدْ جَادَلْتَنَا فَاَكْثَرْتَ جِدَالَنَا فَاْتِنَا بِمَا تَعِدُنَاۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
उन लोगों ने हठपूर्वक और घमंड करते हुए कहा : ऐ नूह! तुमने हमसे झगड़ा किया और बहस की और हमारा झगड़ा और बहस बहुत हो चुकी। अब ऐसा करो कि जिस यातना का हमसे वादा करते हो, उसे हम पर ले ही आओ, यदि तुम अपने दावे में सच्चे हो।
عربی تفاسیر:
قَالَ اِنَّمَا یَاْتِیْكُمْ بِهِ اللّٰهُ اِنْ شَآءَ وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : मैं अज़ाब लेकर नहीं आऊँगा। उसे तो तुम्हारे पास अल्लाह ही लाएगा, यदि वह चाहेगा। और यदि अल्लाह तुम्हें सज़ा देना चाहे, तो तुम उसके अज़ाब से बच नहीं सकते।
عربی تفاسیر:
وَلَا یَنْفَعُكُمْ نُصْحِیْۤ اِنْ اَرَدْتُّ اَنْ اَنْصَحَ لَكُمْ اِنْ كَانَ اللّٰهُ یُرِیْدُ اَنْ یُّغْوِیَكُمْ ؕ— هُوَ رَبُّكُمْ ۫— وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟ؕ
और मेरा तुम्हें नसीहत और उपदेश करना तुम्हें कोई लाभ नहीं देगा, यदि अल्लाह तुम्हें सीधे मार्ग से भटकाना चाहता हो और तुम्हारे हठ के कारण तुम्हें मार्गदर्शन से वंचित कर दे। वह तुम्हारा पालनहार है। अतः वही तुम्हारे मामले का मालिक है और यदि वह चाहे तो तुम्हें कुपथ कर दे। क़ियामत के दिन तुम अकेले उसी की ओर लौटकर जाओगे। फिर वह तुम्हें तुम्हारे कार्यों का बदला देगा।
عربی تفاسیر:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ؕ— قُلْ اِنِ افْتَرَیْتُهٗ فَعَلَیَّ اِجْرَامِیْ وَاَنَا بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تُجْرِمُوْنَ ۟۠
नूह की जाति के लोगों के कुफ़्र का कारण यह है कि वे दावा करते हैं कि यह धर्म, जिसे नूह़ अलैहिस्लाम लेकर आए हैं, उसे उन्होंने अल्लाह पर गढ़ लिया है। आप (ऐ रसूल) उनसे कह दीजिए : यदि मैंने इसे गढ़ लिया है, तो मेरे गुनाह की सज़ा केवल मेरे ऊपर होगी। और मैं तुम्हारे झुठलाने के गुनाह में से कुछ भी नहीं उठाऊँगा। क्योंकि मैं उससे निर्दोष हूँ।
عربی تفاسیر:
وَاُوْحِیَ اِلٰی نُوْحٍ اَنَّهٗ لَنْ یُّؤْمِنَ مِنْ قَوْمِكَ اِلَّا مَنْ قَدْ اٰمَنَ فَلَا تَبْتَىِٕسْ بِمَا كَانُوْا یَفْعَلُوْنَ ۟ۚ
और अल्लाह ने नूह़ की ओर वह़्य की : (ऐ नूह!) तुम्हारी जाति में से जो लोग पहले ईमान ला चुके हैं, अब उनके सिवा और कोई ईमान नहीं लाएगा। अतः (ऐ नूह) तुम इस लंबी अवधि के दौरान उनके झुठलाने और मज़ाक उड़ाने के कारण दु:खी न हो।
عربی تفاسیر:
وَاصْنَعِ الْفُلْكَ بِاَعْیُنِنَا وَوَحْیِنَا وَلَا تُخَاطِبْنِیْ فِی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۚ— اِنَّهُمْ مُّغْرَقُوْنَ ۟
और तुम हमारी आँखों के सामने, हमारे संरक्षण में और नाव बनाने की विधि से संबंधित हमारी वह़्य का पालन करते हुए, एक नाव बनाओ। और तुम मुझसे कुफ्र करके अपने ऊपर अत्याचार करने वालों को मोहलत देने की बात मत करना। वे - अनिवार्य रूप से - बाढ़ के द्वारा डुबाए जाने वाले हैं। यह उनके कुफ्र पर अड़े रहने की सज़ा है।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• عفة الداعية إلى الله وأنه يرجو منه الثواب وحده.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले का आत्म संयम व सदाचार और यह कि वह केवल अल्लाह से बदले की उम्मीद रखता है।

• حرمة طرد فقراء المؤمنين، ووجوب إكرامهم واحترامهم.
• ग़रीब मोमिनों को धुतकारना हराम है तथा उनका आदर-सम्मान ज़रूरी है।

• استئثار الله تعالى وحده بعلم الغيب.
• ग़ैब (परोक्ष) का ज्ञान अकेले अल्लाह सर्वशक्तिमान का एकाधिकार है।

• مشروعية جدال الكفار ومناظرتهم.
• काफिरों से तर्क-वितर्क और बहस करना वैध है।

وَیَصْنَعُ الْفُلْكَ ۫— وَكُلَّمَا مَرَّ عَلَیْهِ مَلَاٌ مِّنْ قَوْمِهٖ سَخِرُوْا مِنْهُ ؕ— قَالَ اِنْ تَسْخَرُوْا مِنَّا فَاِنَّا نَسْخَرُ مِنْكُمْ كَمَا تَسْخَرُوْنَ ۟ؕ
नूह अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के आदेश का पालन किया और नाव बनाना आरंभ कर दिया। जब भी उनकी जाति के प्रमुख और सरदार लोग उनके पास से गुज़रते, तो वे इस कारण उन्हें नाव बनाते हुए देखकर मज़ाक उड़ाते कि उनकी भूमि में पानी या नदियाँ नहीं हैं। जब वे बार-बार उनका मज़ाक उड़ाने लगे तो नूह़ अलैहिस्सलाम ने कहा : (ऐ मेरी जाति के सरदारो) यदि तुम आज हमारे नाव बनाने का मज़ाक उड़ाते हो, तो हम भी इस बात पर तुम्हारा मज़ाक़ उड़ाते हैं कि तुम अपने अंजाम अर्थात डूबकर मरने से बेख़बर हो।
عربی تفاسیر:
فَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ۙ— مَنْ یَّاْتِیْهِ عَذَابٌ یُّخْزِیْهِ وَیَحِلُّ عَلَیْهِ عَذَابٌ مُّقِیْمٌ ۟
तो तुम्हें शीघ्र ही मालूम हो जाएगा कि कौन है जिसपर इस दुनिया में वह यातना आती है जो उसे अपमानित और तिरस्कृत कर देती है तथा क़ियामत के दिन उसपर स्थायी यातना उतरेगी।
عربی تفاسیر:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُ ۙ— قُلْنَا احْمِلْ فِیْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَیْنِ اثْنَیْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَیْهِ الْقَوْلُ وَمَنْ اٰمَنَ ؕ— وَمَاۤ اٰمَنَ مَعَهٗۤ اِلَّا قَلِیْلٌ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने उस नाव को बनाने का काम संपन्न कर लिया, जिसे अल्लाह ने उन्हें बनाने का आदेश दिया था, यहाँ तक कि जब उनकी क़ौम को विनष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, और तूफ़ान (बाढ़) की शुरुआत की सूचना के तौर पर उस तन्नूर से पानी उबल पड़ा, जिसमें वे रोटियाँ पकाया करते थे, तो हमने नूह अलैहिस्सलाम से कहा : धरती पर पाए जाने वाले हर प्रकार के जीव का एक-एक जोड़ा; नर और मादा नाव में सवार कर लो। और अपने परिवार को भी उसमें चढ़ा लो, सिवाय उसके, जिसेके बारे में यह निर्णय हो चुका है कि वह डुबाया जाने वाला है, क्योंकि वह ईमान नहीं लाया। तथा अपनी जाति के हर उस व्यक्ति को सवार कर लो, जो तुम्हारे साथ ईमान लाया है। और उनकी जाति के बहुत कम ही लोग उनके साथ ईमान लाए थे। हालाँकि वह एक लंबी अवधि तक उनके बीच रहकर ईमान की ओर बुलाते रहे।
عربی تفاسیر:
وَقَالَ ارْكَبُوْا فِیْهَا بِسْمِ اللّٰهِ مَجْرٖىهَا وَمُرْسٰىهَا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَغَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और नूह ने अपनी जाति तथा अपने परिवार के ईमान लाने वाले लोगों को संबोधित करते हुए कहा : तुम लोग नाव में सवार हो जाओ। अल्लाह ही के नाम से इसका चलना और उसी के नाम से इसका ठहरना है। निःसंदेह मेरा पालनहार अपने तौबा करने वाले बंदों के गुनाहों को क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है। और मोमिनों पर उसकी दया ही का नतीजा है कि उसने उन्हें विनाश से बचा लिया।
عربی تفاسیر:
وَهِیَ تَجْرِیْ بِهِمْ فِیْ مَوْجٍ كَالْجِبَالِ ۫— وَنَادٰی نُوْحُ ١بْنَهٗ وَكَانَ فِیْ مَعْزِلٍ یّٰبُنَیَّ ارْكَبْ مَّعَنَا وَلَا تَكُنْ مَّعَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
और नाव उसपर सवार लोगों तथा अन्य चीज़ों को लेकर पर्वतों जैसी ऊँची-ऊँची लहरों में चलने लगी। नूह अलैहिस्सलाम ने पितृत्व की भावना से अपने काफ़िर पुत्र को पुकारा, जबकि वह अपने पिता तथा अपने समुदाय से अलग-थलग था : ऐ बेटे! हमारे संग नाव में सवार हो जा, ताकि तू डूबने से बच जाए और काफिरों के साथ न रह, कहीं तू भी उनके साथ डूबकर न मर जाए।
عربی تفاسیر:
قَالَ سَاٰوِیْۤ اِلٰی جَبَلٍ یَّعْصِمُنِیْ مِنَ الْمَآءِ ؕ— قَالَ لَا عَاصِمَ الْیَوْمَ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ اِلَّا مَنْ رَّحِمَ ۚ— وَحَالَ بَیْنَهُمَا الْمَوْجُ فَكَانَ مِنَ الْمُغْرَقِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम के पुत्र ने उनसे कहा : मैं किसी ऊँचे पर्वत की शरण ले लूँगा, ताकि मुझ तक पानी न पहुँच सके। नूह ने अपने बेटे से कहा : आज तूफ़ान (बाढ़) में डूबकर हलाक होने के अल्लाह के अज़ाब से बचाने वाला कोई नहीं, सिवाय इसके कि परम दयालु अल्लाह जिसे चाहे अपनी दया का पात्र बना ले, तो वह उसे डूबने से बचा लेगा। फिर लहर ने नूह और उनके काफ़िर बेटे को एक-दूसरे से अलग कर दिया। चुनाँचे उनका बेटा अपने कुफ़्र के कारण तूफ़ान (बाढ़) में डुबा दिए गए लोगों में से हो गया।
عربی تفاسیر:
وَقِیْلَ یٰۤاَرْضُ ابْلَعِیْ مَآءَكِ وَیٰسَمَآءُ اَقْلِعِیْ وَغِیْضَ الْمَآءُ وَقُضِیَ الْاَمْرُ وَاسْتَوَتْ عَلَی الْجُوْدِیِّ وَقِیْلَ بُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
जब तूफ़ान थम गया, तो अल्लाह ने धरती से कहा : ऐ धरती! तेरे ऊपर जो बाढ़ का पानी है, उसे पी जा। और आकाश से कहा : ऐ आकाश! तू थम जा और पानी मत बरसा। चुनाँचे पानी कम हो गया, यहाँ तक कि धरती सूख गई। अल्लाह ने काफिरों को विनष्ट कर दिया। नाव जूदी पर्वत पर ठहर गई और कहा गया : उन लोगों के लिए दूरी और विनाश है, जो कुफ्र के द्वारा अल्लाह की सीमाओं को लाँघते हैं।
عربی تفاسیر:
وَنَادٰی نُوْحٌ رَّبَّهٗ فَقَالَ رَبِّ اِنَّ ابْنِیْ مِنْ اَهْلِیْ وَاِنَّ وَعْدَكَ الْحَقُّ وَاَنْتَ اَحْكَمُ الْحٰكِمِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने अपने पालनहार को मदद के लिए पुकारते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरा बेटा मेरे परिवार में से है जिसे बचाने का तूने मुझसे वादा किया है। और निःसंदेह तेरा वादा वह सत्य है, जो कभी भंग नहीं हो सकता। और तू सबसे अधिक न्याय करने वाला और सबसे अधिक जानने वाला शासक है।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• بيان عادة المشركين في الاستهزاء والسخرية بالأنبياء وأتباعهم.
• नबियों और उनके अनुयायियों का मज़ाक़ उड़ाने के बारे में उमुश्रिफों की आदत का वर्णन।

• بيان سُنَّة الله في الناس وهي أن أكثرهم لا يؤمنون.
• लोगों के बीच अल्लाह के नियम का वर्णन कि उनमें से अधिकांश विश्वास नहीं करते हैं।

• لا ملجأ من الله إلا إليه، ولا عاصم من أمره إلا هو سبحانه.
• अल्लाह से उसके सिवा कोई शरण स्थल (आश्रय) नहीं है, तथा उसके आदेश से उस महिमावान के सिवा कोई बचाने वाला नहीं है।

قَالَ یٰنُوْحُ اِنَّهٗ لَیْسَ مِنْ اَهْلِكَ ۚ— اِنَّهٗ عَمَلٌ غَیْرُ صَالِحٍ ۗ— فَلَا تَسْـَٔلْنِ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— اِنِّیْۤ اَعِظُكَ اَنْ تَكُوْنَ مِنَ الْجٰهِلِیْنَ ۟
अल्लाह ने नूह से कहा : ऐ नूह़! तेरा वह बेटा जिसे बचाने के लिए तूने मुझसे प्रश्न किया है, वह तेरे परिवार में से नहीं है, जिसे मैंने बचाने का वादा किया है। क्योंकि वह एक काफिर है। ऐ नूह! तेरा यह प्रश्न तेरी ओर से एक अनुचित काम है और यह तेरी जैसी स्थिति वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। अतः तू मुझसे ऐसी चीज़ का प्रश्न न कर, जिसका तुझे कोई ज्ञान नहीं है। मैं तुझे चेतावनी देता हूँ कि कहीं तू अज्ञानियों में से न हो जाए और मुझसे ऐसी चीज़ का प्रश्न करे, जो मेरे ज्ञान और मेरी हिकमत के विपरीत है।
عربی تفاسیر:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْۤ اَعُوْذُ بِكَ اَنْ اَسْـَٔلَكَ مَا لَیْسَ لِیْ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— وَاِلَّا تَغْفِرْ لِیْ وَتَرْحَمْنِیْۤ اَكُنْ مِّنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने कहा: ऐ मेरे पालनहार! मैं तेरी शरण चाहता हूँ इस बात से कि मैं तुझसे किसी ऐसी चीज़ का प्रश्न कर बैठूँ, जिसका मुझे कोई ज्ञान न हो। यदि तूने मेरा पाप क्षमा नहीं किया और मुझपर दया नहीं की, तो मैं उन क्षतिग्रस्त लोगों में से हो जाऊँगा, जिन्होंने आख़िरत में अपना भाग खो दिया।
عربی تفاسیر:
قِیْلَ یٰنُوْحُ اهْبِطْ بِسَلٰمٍ مِّنَّا وَبَرَكٰتٍ عَلَیْكَ وَعَلٰۤی اُمَمٍ مِّمَّنْ مَّعَكَ ؕ— وَاُمَمٌ سَنُمَتِّعُهُمْ ثُمَّ یَمَسُّهُمْ مِّنَّا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
अल्लाह ने नूह अलैहिस्सलाम से फ़रमाया : ऐ नूह! अब सुरक्षा और शांति के साथ तथा अल्लाह की ओर से ढेर सारी नेमतों के साथ नाव से धरती पर उतर जाओ, जो कि तुम पर और तुम्हारे साथ नाव में सवार मोमिनों के वंशजों पर हैं, जो तुम्हारे बाद आएँगे। जबकि उनके वंशजों से कुछ अन्य काफ़िर समूह भी होंगे, जिन्हें हम इस सांसारिक जीवन में लाभ देंगे और उन्हें जीवन-यापन की सामग्री प्रदान करेंगे। फिर आख़िरत में उन्हें हमारी ओर से दर्दनाक यातना का सामना होगा।
عربی تفاسیر:
تِلْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهَاۤ اِلَیْكَ ۚ— مَا كُنْتَ تَعْلَمُهَاۤ اَنْتَ وَلَا قَوْمُكَ مِنْ قَبْلِ هٰذَا ۛؕ— فَاصْبِرْ ۛؕ— اِنَّ الْعَاقِبَةَ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟۠
नूह अलैहिस्सलाम की यह कहानी ग़ैब की सूचनाओं में से है। हमारी इस वह़्य से पहले जो हमने आपकी ओर की है, (ऐ रसूल!) न आप इसे जानते थे और न ही आपकी जाति के लोग इसे जानते थे। अतः आप अपनी क़ौम की ओर से मिलने वाले कष्ट और उनके झुठलाने पर उसी प्रकार सब्र करें, जैसे नूह अलैहिस्लाम ने सब्र किया। निःसंदेह विजय एवं सफलता उन्हीं लोगों के लिए है, जो अल्लाह के आदेशों का पालन करते और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते हैं।
عربی تفاسیر:
وَاِلٰی عَادٍ اَخَاهُمْ هُوْدًا ؕ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا مُفْتَرُوْنَ ۟
और हमने आद की ओर उनके भाई हूद अलैहिस्सलाम को भेजा। उन्होंने उनसे कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अकेले अल्लाह की इबादत करो और उसके साथ किसी अन्य को साझी मत बनाओ। उसके सिवा तुम्हारा कोई सत्य पूज्य नहीं है। और तुम लोग अपने इस दावे में झूठे हो कि उसका कोई साझी है।
عربی تفاسیر:
یٰقَوْمِ لَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ اَجْرًا ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی الَّذِیْ فَطَرَنِیْ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं अपने पालनहार की ओर से तुम्हें उपदेश देने और उसकी ओर तुम्हें आमंत्रित करने का कोई मुआवज़ा नहीं माँगता। मेरा बदला केवल उस अल्लाह पर है, जिसने मुझे पैदा किया है। तो क्या तुम यह नहीं समझते और मेरे आह्वान को स्वीकार नहीं करते?
عربی تفاسیر:
وَیٰقَوْمِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ یُرْسِلِ السَّمَآءَ عَلَیْكُمْ مِّدْرَارًا وَّیَزِدْكُمْ قُوَّةً اِلٰی قُوَّتِكُمْ وَلَا تَتَوَلَّوْا مُجْرِمِیْنَ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह से क्षमा माँगो, फिर अपने गुनाहों से - जिनमें से सबसे बड़ा शिर्क है - उसके समक्ष तौबा करो। वह उसके फलस्वरूप तुमपर बहुत बारिश बरसाएगा और तुम्हारे संतान और धन में वृद्धि करके तुम्हें अधिक शक्ति एवं सम्मान प्रदान करेगा। और मैं तुम्हें जिसकी ओर आमंत्रित कर रहा हूँ, उससे मुँह मत फेरो। अन्यथा तुम मेरे आह्वान से मुँह फेरने, अल्लाह के साथ कुफ्र करने और मेरी लाई हुई बात को झुठलाने के कारण, अपराधियों में से हो जाओगे।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا یٰهُوْدُ مَا جِئْتَنَا بِبَیِّنَةٍ وَّمَا نَحْنُ بِتَارِكِیْۤ اٰلِهَتِنَا عَنْ قَوْلِكَ وَمَا نَحْنُ لَكَ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
उनकी जाति के लोगों ने कहा : ऐ हूद! तुम हमारे पास कोई ऐसा स्पष्ट प्रमाण लेकर नहीं आए, जो हमें तुमपर ईमान लाने के लिए आमादा करे। और हम तुम्हारी बिना तर्क की बात पर अपने देवी-देवताओं की पूजा छोड़ने वाले नहीं हैं। तथा तुम जो अपने रसूल होने का दावा करते हो, उसमें हम तुमपर विश्वास नहीं कर रहे हैं।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• لا يملك الأنبياء الشفاعة لمن كفر بالله حتى لو كانوا أبناءهم.
• नबियों को अल्लाह के साथ कुफ़्र करने वालों की सिफ़ारिश करने का अधिकार नहीं है, भले ही वे उनके बेटे हों।

• عفة الداعية وتنزهه عما في أيدي الناس أقرب للقبول منه.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले व्यक्ति का लोगों के हाथों में जो कुछ है, उससे पवित्र होना इस बात के अधिक योग्य है कि उसकी बात को स्वीकार किया जाए।

• فضل الاستغفار والتوبة، وأنهما سبب إنزال المطر وزيادة الذرية والأموال.
• क्षमा याचना और तौबा की विशेषता और यह कि वे बारिश के उतरने तथा संतान और धन में वृद्धि के कारण हैं।

اِنْ نَّقُوْلُ اِلَّا اعْتَرٰىكَ بَعْضُ اٰلِهَتِنَا بِسُوْٓءٍ ؕ— قَالَ اِنِّیْۤ اُشْهِدُ اللّٰهَ وَاشْهَدُوْۤا اَنِّیْ بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تُشْرِكُوْنَ ۟ۙ
54-55- हम तो यही कहेंगे कि चूँकि तुम हमें अपने देवी-देवताओं की पूजा से रोकते थे, इसलिए हमारे किसी देवता ने तुम्हें पागल कर दिया है! हूद ने कहा : मैं अल्लाह को गवाह बनाता हूँ और तुम भी गवाह रहो कि मैं तुम्हारे उन देवी-देवताओं की पूजा से बरी हूँ, जिनकी तुम अल्लाह के सिवा पूजा करते हो। अतः तुम और तुम्हारे वे पूज्य जिनके बारे में तुम्हारा दावा है कि उन्होंने मुझे पागल कर दिया है, सब मिलकर मेरे विरुद्ध चाल चलो और मुझे कोई मोहलत न दो।
عربی تفاسیر:
مِنْ دُوْنِهٖ فَكِیْدُوْنِیْ جَمِیْعًا ثُمَّ لَا تُنْظِرُوْنِ ۟
54-55- हम तो यही कहेंगे कि चूँकि तुम हमें अपने देवी-देवताओं की पूजा से रोकते थे, इसलिए हमारे किसी देवता ने तुम्हें पागल कर दिया है! हूद ने कहा : मैं अल्लाह को गवाह बनाता हूँ और तुम भी गवाह रहो कि मैं तुम्हारे उन देवी-देवताओं की पूजा से बरी हूँ, जिनकी तुम अल्लाह के सिवा पूजा करते हो। अतः तुम और तुम्हारे वे पूज्य जिनके बारे में तुम्हारा दावा है कि उन्होंने मुझे पागल कर दिया है, सब मिलकर मेरे विरुद्ध चाल चलो और मुझे कोई मोहलत न दो।
عربی تفاسیر:
اِنِّیْ تَوَكَّلْتُ عَلَی اللّٰهِ رَبِّیْ وَرَبِّكُمْ ؕ— مَا مِنْ دَآبَّةٍ اِلَّا هُوَ اٰخِذٌ بِنَاصِیَتِهَا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ عَلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
मैंने अकेले अल्लाह पर भरोसा किया तथा अपने मामले में उसी का सहारा लिया है। क्योंकि वही मेरा और तुम्हारा पालनहार है। धरती पर जो भी जीव चलता है, वह अल्लाह के अधीन उसकी संप्रभुता और अधिकार के मातहत है। वह उसे जैसे चाहता है, फेरता है। निःसंदेह मेरा पालनहार सत्य और न्याय पर है। इसलिए वह कदापि तुम्हें मेरे ऊपर सशक्त नहीं करेगा। क्योंकि मैं सत्य पर हूँ और तुम झूठ पर हो।
عربی تفاسیر:
فَاِنْ تَوَلَّوْا فَقَدْ اَبْلَغْتُكُمْ مَّاۤ اُرْسِلْتُ بِهٖۤ اِلَیْكُمْ ؕ— وَیَسْتَخْلِفُ رَبِّیْ قَوْمًا غَیْرَكُمْ ۚ— وَلَا تَضُرُّوْنَهٗ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ حَفِیْظٌ ۟
यदि तुमने मेरे लाए हुए संदेश से उपेक्षा किया और उससे पीछे हट गए, तो मेरा काम केवल तुम्हें संदेश पहुँचा देना है। और वास्तव में, मैंने वह सब कुछ तुम्हें पहुँचा दिया है, जिसके साथ अल्लाह ने मुझे भेजा था और मुझे उसके पहुँचाने का आदेश दिया था। अब तुमपर तर्क स्थापित हो चुका है। शीघ्र ही मेरा पालनहार तुम्हें विनष्ट कर देगा और तुम्हारे अलावा दूसरी जाति को लाएगा, जो तुम्हारे उत्तराधिकारी होंगे। तुम अपने झुठलाने और मुँह मोड़ने से अल्लाह को कोई छोटा या बड़ा नुक़सान नहीं पहुँचा सकते। क्योंकि वह अपने बंदों से बेनियाज़ है। निःसंदेह, मेरा पालनहार प्रत्येक वस्तु पर संरक्षक है। इसलिए वही तुम्हारी बुरी चाल से मेरी रक्षा करता है।
عربی تفاسیر:
وَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا هُوْدًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا ۚ— وَنَجَّیْنٰهُمْ مِّنْ عَذَابٍ غَلِیْظٍ ۟
और जब उन्हें नष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, तो हमने हूद और उनके साथ ईमान लाने वालों को अपनी दया एवं कृपा से बचा लिया। तथा उन्हें उस गंभीर यातना से छुटकारा दिलाया, जिसके द्वारा हमने उनकी जाति के काफ़िर लोगों को दंडित किया था।
عربی تفاسیر:
وَتِلْكَ عَادٌ جَحَدُوْا بِاٰیٰتِ رَبِّهِمْ وَعَصَوْا رُسُلَهٗ وَاتَّبَعُوْۤا اَمْرَ كُلِّ جَبَّارٍ عَنِیْدٍ ۟
ये वही आद जाति के लोग हैं, जिन्होंने अल्लाह की निशानियों का इनकार किया, अपने रसूल हूद की अवज्ञा की और हर ऐसे व्यक्ति के आदेश का पालन किया, जो सत्य के आगे अभिमान करने वाला, उद्दंड था, न वह सत्य को स्वीकार करता और न ही उसका अनुसरण करता था।
عربی تفاسیر:
وَاُتْبِعُوْا فِیْ هٰذِهِ الدُّنْیَا لَعْنَةً وَّیَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— اَلَاۤ اِنَّ عَادًا كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّعَادٍ قَوْمِ هُوْدٍ ۟۠
उनके साथ इस दुनिया के जीवन में अल्लाह की दया से दूरी और अपमान लगा रहा तथा क़ियामत के दिन भी वे अल्लाह की दया से वंचित रहेंगे। और यह उनके कुफ्र के कारण होगा। याद रखो, अल्लाह ने उन्हें हर भलाई से दूर और हर बुराई से क़रीब कर दिया है।
عربی تفاسیر:
وَاِلٰی ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًا ۘ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— هُوَ اَنْشَاَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ وَاسْتَعْمَرَكُمْ فِیْهَا فَاسْتَغْفِرُوْهُ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ قَرِیْبٌ مُّجِیْبٌ ۟
और हमने समूद की ओर उनके भाई सालेह को भेजा। उन्होंने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अकेले अल्लाह की इबादत करो। उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं, जो इबादत का योग्य हो। उसी ने तुम्हें धरती की मिट्टी से पैदा किया, इस प्रकार कि तुम्हारे पिता आदम को उसी बनाया। और तुम्हें धरती को आबाद करने वाला बनाया। अतः तुम उससे क्षमा माँगो। और फिर अच्छे कार्य करके और गुनाहों को छोड़कर उसकी ओर पलट आओ। निःसंदेह मेरा पालनहार उससे निकट है जो निष्ठा के साथ उसकी इबादत करे, तथा उसकी प्रार्थना स्वीकार करने वाला है जो उसे पुकारे।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا یٰصٰلِحُ قَدْ كُنْتَ فِیْنَا مَرْجُوًّا قَبْلَ هٰذَاۤ اَتَنْهٰىنَاۤ اَنْ نَّعْبُدَ مَا یَعْبُدُ اٰبَآؤُنَا وَاِنَّنَا لَفِیْ شَكٍّ مِّمَّا تَدْعُوْنَاۤ اِلَیْهِ مُرِیْبٍ ۟
उनसे उनकी जाति के लोगों ने कहा : ऐ सालेह! तू अपने इस निमंत्रण से पहले हमारे बीच एक उच्च स्थिति वाला था। हम उम्मीद कर रहे थे कि तू सलाह व मशवरे वाला एक समझदार व्यक्ति होगा। ऐ सालेह! क्या तू हमें उसकी उपासना से रोक रहा है, जिसकी उपासना हमारे बाप दादा करते आए हैं? और तू जो हमें केवल एक अल्लाह की इबादत की ओर बुला रहा है, हमें उसमें संदेह है। यही कारण है कि हम तुझपर अल्लाह के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• من وسائل المشركين في التنفير من الرسل الاتهام بخفة العقل والجنون.
• लोगों को रसूलों से घृणित करने के लिए, बहुदेववादियों के साधनों में से एक, उनपर मंदबुद्धि और पागल होने का आरोप लगाना हैं।

• ضعف المشركين في كيدهم وعدائهم، فهم خاضعون لله مقهورون تحت أمره وسلطانه.
• बहुदेववादियों की अपनी शत्रुता एवं चाल में कमज़ोरी, क्योंकि वे अल्लाह के अधीन और उसके आदेश और सत्ता के तहत वशीभूत हैं।

• أدلة الربوبية من الخلق والإنشاء مقتضية لتوحيد الألوهية وترك ما سوى الله.
• अल्लाह के रब होने के प्रमाण, जैसे उसका पैदा करने और बनाने वाला होना, उसके एकमात्र पूज्य होने और उसके सिवा अन्य (की पूजा) छोड़ देने की अपेक्षा करते हैं।

قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ مِنْهُ رَحْمَةً فَمَنْ یَّنْصُرُنِیْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ عَصَیْتُهٗ ۫— فَمَا تَزِیْدُوْنَنِیْ غَیْرَ تَخْسِیْرٍ ۟
सालेह ने अपनी जाति के लोगों को उत्तर देते हुए कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! मुझे बताओ कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी ओर से दया अर्थात नुबुव्वत प्रदान की हो, फिर यदि मैं उस बात को पहुँचाना छोड़कर जिसे उसने मुझे तुम तक पहुँचाने का आदेश दिया है, उसकी अवज्ञा करूँ, तो ऐसी परिस्थिति में मुझे उसकी सज़ा से कौन बचाएगा? तुम लोग तो मुझे केवल और अधिक गुमराह और अल्लाह की प्रसन्नता से दूर ही करोगे।
عربی تفاسیر:
وَیٰقَوْمِ هٰذِهٖ نَاقَةُ اللّٰهِ لَكُمْ اٰیَةً فَذَرُوْهَا تَاْكُلْ فِیْۤ اَرْضِ اللّٰهِ وَلَا تَمَسُّوْهَا بِسُوْٓءٍ فَیَاْخُذَكُمْ عَذَابٌ قَرِیْبٌ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! यह अल्लाह की ऊँटनी तुम्हारे लिए मेरी सत्यता की निशानी है। अतः तुम इसे अल्लाह की धरती में चरने दो और उसे कोई नुकसान न पहुँचाओ। अन्यथा तुम्हारे उसको मारने के समय के निकट ही तुम्हें यातना आ घेरेगी।
عربی تفاسیر:
فَعَقَرُوْهَا فَقَالَ تَمَتَّعُوْا فِیْ دَارِكُمْ ثَلٰثَةَ اَیَّامٍ ؕ— ذٰلِكَ وَعْدٌ غَیْرُ مَكْذُوْبٍ ۟
उन लोगों ने झुठलाने में अति करते हुए उसे मार डाला। तब सालेह ने उनसे कहा : तुम इसकी हत्या करने से लेकर तीन दिन तक अपनी भूमि में जीवन के मज़े ले लो। फिर तुमपर अल्लाह की यातना आएगी। क्योंकि इसके बाद उसके अज़ाब का आना एक अपरिहार्य वादा है जो झूठा नहीं है, बल्कि वह एक सच्चा वादा है।
عربی تفاسیر:
فَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا صٰلِحًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَمِنْ خِزْیِ یَوْمِىِٕذٍ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ هُوَ الْقَوِیُّ الْعَزِیْزُ ۟
फिर जब उनको नष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, तो हमने सालेह और उनके ईमान वाले साथियों को अपनी दया से बचा लिया तथा उन्हें उस दिन के अपमान और तिरस्कार से सुरक्षित रखा। निःसंदेह (ऐ रसूल!) आपका पालनहार ही शक्तिशाली और प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता। इसीलिए उसने झुठलाने वाले समुदायों को विनष्ट कर दिया।
عربی تفاسیر:
وَاَخَذَ الَّذِیْنَ ظَلَمُوا الصَّیْحَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دِیَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟ۙ
और समूद को एक विनाशकारी भयानक ध्वनि ने पकड़ लिया, जिसकी तीव्रता से उनकी मृत्यु हो गई और वे इस तरह औंधे पड़े हुए थे कि उनके चेहरे मिट्टी से चिपक गए थे।
عربی تفاسیر:
كَاَنْ لَّمْ یَغْنَوْا فِیْهَا ؕ— اَلَاۤ اِنَّ ثَمُوْدَاۡ كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّثَمُوْدَ ۟۠
वे ऐसे हो गए, जैसे कि वे अपने देश में अनुग्रह और समृद्धि में रहे ही नहीं थे। सुन लो, समूद ने अल्लाह के साथ कुफ्र किया। वे सदैव अल्लाह कि दया से दूर रहें।
عربی تفاسیر:
وَلَقَدْ جَآءَتْ رُسُلُنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ بِالْبُشْرٰی قَالُوْا سَلٰمًا ؕ— قَالَ سَلٰمٌ فَمَا لَبِثَ اَنْ جَآءَ بِعِجْلٍ حَنِیْذٍ ۟
फ़रिश्ते इब्राहीम अलैहिस्सलाम के पास, उन्हें और उनकी पत्नी को इसहाक़ और फिर याक़ूब की शुभ सूचना देने के लिए पुरुषों के रूप में आए। फरिश्तों ने कहा : सलाम हो! तो इबराहीम अलैहिस्सलाम उन्हें यह कहकर उत्तर दिया : सलाम हो। फिर वह जल्दी से गए और उनके पास एक भुना हुआ बछड़ा लेकर आए; ताकि वे उससे खाएँ यह सोचकर कि वे पुरुष हैं।
عربی تفاسیر:
فَلَمَّا رَاٰۤ اَیْدِیَهُمْ لَا تَصِلُ اِلَیْهِ نَكِرَهُمْ وَاَوْجَسَ مِنْهُمْ خِیْفَةً ؕ— قَالُوْا لَا تَخَفْ اِنَّاۤ اُرْسِلْنَاۤ اِلٰی قَوْمِ لُوْطٍ ۟ؕ
फिर जब इबराहीम ने देखा कि उनके हाथ बछड़े की ओर नहीं बढ़ रहे हैं और उन्होंने उसे नहीं खाया, तो वह उनके प्रति अचंभे में पड़ गए और अपने दिल में उनसे भय महसूस किया। जब फरिश्तों ने उनका डर देखा तो कहा : हमसे मत डरो, हमें अल्लाह ने लूत की जाति को यातना देने के लिए भेजा है।
عربی تفاسیر:
وَامْرَاَتُهٗ قَآىِٕمَةٌ فَضَحِكَتْ فَبَشَّرْنٰهَا بِاِسْحٰقَ ۙ— وَمِنْ وَّرَآءِ اِسْحٰقَ یَعْقُوْبَ ۟
और इबराहीम की पत्नी 'सारा' खड़ी थी, तो हमने उसे यह प्रसन्न करने वाली सूचना दी कि वह इसहाक को जन्म देगी और इसहाक का एक लड़का होगा, जिसका नाम याक़ूब होगा। यह सुनकर वह हँस पड़ी और खुश हो गई।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• عناد واستكبار المشركين حيث لم يؤمنوا بآية صالح عليه السلام وهي من أعظم الآيات.
• बहुदेववादियों की हठधर्मिता और अभिमान, क्योंकि वे सालेह अलैहिस्सलाम की निशानी पर ईमान नहीं लाए। हालाँकि वह एक बहुत बड़ी निशानी थी।

• استحباب تبشير المؤمن بما هو خير له.
• मोमिन को उस बात की शुभसूचना देना अच्छा है, जो उसके लिए भली हो।

• مشروعية السلام لمن دخل على غيره، ووجوب الرد.
• किसी के पास जाते समय सलाम करने की वैधता और सलाम का जवाब देने की अनिवार्यता।

• وجوب إكرام الضيف.
• अतिथि का आदर-सत्कार करने की अनिवार्यता।

قَالَتْ یٰوَیْلَتٰۤی ءَاَلِدُ وَاَنَا عَجُوْزٌ وَّهٰذَا بَعْلِیْ شَیْخًا ؕ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ عَجِیْبٌ ۟
जब फरिश्तों ने यह शुभसूचना दी, तो सारा ने अश्चर्यचकित होकर कहा : मेरी संतान कैसे होगी, जबकि मैं बूढ़ी और संतान से निराश हो चुकी हूँ, और मेरा यह पति भी बुढ़ापे की आयु को पहुँच गया है?! इस स्थिति में बच्चा होना आश्चर्यजनक है, आम तौर पर ऐसा नहीं होता है।
عربی تفاسیر:
قَالُوْۤا اَتَعْجَبِیْنَ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ رَحْمَتُ اللّٰهِ وَبَرَكٰتُهٗ عَلَیْكُمْ اَهْلَ الْبَیْتِ ؕ— اِنَّهٗ حَمِیْدٌ مَّجِیْدٌ ۟
जब सारा शुभसूचना पर आश्चर्य प्रकट करने लगीं, तो फरिश्तों ने उनसे कहा : क्या तुझे अल्लाह के अनुमान और निर्णय पर आश्चर्य है? तुम जैसे लोगों से यह तथ्य छिपा नहीं है कि अल्लाह ऐसे कार्यों पर सामर्थ्य रखता है। ऐ इबराहीम के घर वालो! तुमपर अल्लाह की दया और उसकी बरकतें (विभूतियाँ) हों। निःसंदेह अल्लाह अपने कार्यों तथा गुणों में प्रशंसित और वैभवशाली एवं उच्च है।
عربی تفاسیر:
فَلَمَّا ذَهَبَ عَنْ اِبْرٰهِیْمَ الرَّوْعُ وَجَآءَتْهُ الْبُشْرٰی یُجَادِلُنَا فِیْ قَوْمِ لُوْطٍ ۟ؕ
फिर जब इबराहीम अलैहिस्सलाम अपने अतिथियों के बारे में, जिन्हों ने खाना नहीं खाया था, यह जान गए कि वे फ़रिश्ते हैं और भय दूर हो गया, और उन्हें शुभसूचना मिल गई कि उनके यहाँ इसहाक नामक एक पुत्र पैदा होगा और फिर याकूब का जन्म होगा, तो वह हमारे दूतों से लूत की जाति के संबंध में बहस करने लगे, शायद वे उनकी सज़ा पीछे हटा दें और शायद वे लूत और उनके घर वालों को बचा लें।
عربی تفاسیر:
اِنَّ اِبْرٰهِیْمَ لَحَلِیْمٌ اَوَّاهٌ مُّنِیْبٌ ۟
निःसंदेह इबराहीम अलैहिस्सलाम बहुत सहनशील थे, सज़ा का विलंबित किया जाना पसंद करते थे। अल्लाह के समक्ष बहुत विलाप करने वाले, बहुत दुआ करने वाले और अल्लाह की ओर पलटने वाले थे।
عربی تفاسیر:
یٰۤاِبْرٰهِیْمُ اَعْرِضْ عَنْ هٰذَا ۚ— اِنَّهٗ قَدْ جَآءَ اَمْرُ رَبِّكَ ۚ— وَاِنَّهُمْ اٰتِیْهِمْ عَذَابٌ غَیْرُ مَرْدُوْدٍ ۟
फ़रिश्तों ने कहा : ऐ इबराहीम! लूत की जाति के बारे में बहस करना छोड़ो। निःसंदेह उनपर उस यातना को लाने का अल्लाह का निर्णय आ चुका है, जो उसने उनपर मुक़द्दर किया है। निःसंदेह लूत की जाति पर बड़ा अज़ाब आने वाला है, जिसे न कोई बहस टाल सकती है और न कोई प्रार्थना।
عربی تفاسیر:
وَلَمَّا جَآءَتْ رُسُلُنَا لُوْطًا سِیْٓءَ بِهِمْ وَضَاقَ بِهِمْ ذَرْعًا وَّقَالَ هٰذَا یَوْمٌ عَصِیْبٌ ۟
और जब फ़रिश्ते लूत के पास पुरुषों की वेशभूषा में आए, तो उनका आना उन्हें बुरा लगा। और उनके संबंध में अपनी जाति के भय से उनका सीना तंग हो गया, जो महिलओं को छोड़कर परुषों से अपनी कामवासना पूरी करते थे। लूत ने कहा : यह बड़ा सख्त दिन है। क्योंकि उन्होंने सोचा कि उनकी जाति के लोग उनके अतिथियों के संबंध में उनपर हावी हो जाएँगे।
عربی تفاسیر:
وَجَآءَهٗ قَوْمُهٗ یُهْرَعُوْنَ اِلَیْهِ ؕ— وَمِنْ قَبْلُ كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ السَّیِّاٰتِ ؕ— قَالَ یٰقَوْمِ هٰۤؤُلَآءِ بَنَاتِیْ هُنَّ اَطْهَرُ لَكُمْ فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَلَا تُخْزُوْنِ فِیْ ضَیْفِیْ ؕ— اَلَیْسَ مِنْكُمْ رَجُلٌ رَّشِیْدٌ ۟
और लूत की जाति के लोग उनके अतिथियों के साथ कुकर्म के इरादे से दौड़ते हुए लूत के पास आए। और वे इससे पूर्व महिलाओं को छोड़कर पुरुषों से यौन संबंध बनाते थे। लूत ने अपनी जाति के लोगों को हटाते हुए और अपने अतिथियों के समक्ष अपना उज़्र दर्शाते हुए कहा : ये तुम्हारी महिलाओं में से मेरी बेटियाँ हैं, इसलिए इनसे शादी कर लो। ये तुम्हारे लिए बेह़याई के कार्य से अधिक पवित्र हैं। अतः तुम अल्लाह से डरो और मुझे अपने अतिथियों के संबंध में लज्जित न करो। (ऐ लोगो!) क्या तुम्हारे अंदर कोई अच्छे दिमाग का आदमी नहीं है, जो तुम्हें इस घृणित कार्य से रोक सके?
عربی تفاسیر:
قَالُوْا لَقَدْ عَلِمْتَ مَا لَنَا فِیْ بَنَاتِكَ مِنْ حَقٍّ ۚ— وَاِنَّكَ لَتَعْلَمُ مَا نُرِیْدُ ۟
उनकी जाति के लोगों ने उनसे कहा : (ऐ लूत!) तुम तो जानते ही हो कि हमें तुम्हारी बेटियों की या तुम्हारी जाति की महिाओं की न कोई ज़रूरत है, और न कोई इच्छा (वासना) है। निःसंदेह तुम भली-भाँति जानते हो कि हम क्या चाहते हैं। हम तो केवल पुरुषों को चाहते हैं।
عربی تفاسیر:
قَالَ لَوْ اَنَّ لِیْ بِكُمْ قُوَّةً اَوْ اٰوِیْۤ اِلٰی رُكْنٍ شَدِیْدٍ ۟
लूत ने कहा : काश, मेरे पास तुम्हें हटाने की शक्ति होती या मेरे पास रक्षा करने के लिए क़बीला होता, फिर मैं तुम्हारे और अपने अतिथियों के बीच दीवार बन जाता।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا یٰلُوْطُ اِنَّا رُسُلُ رَبِّكَ لَنْ یَّصِلُوْۤا اِلَیْكَ فَاَسْرِ بِاَهْلِكَ بِقِطْعٍ مِّنَ الَّیْلِ وَلَا یَلْتَفِتْ مِنْكُمْ اَحَدٌ اِلَّا امْرَاَتَكَ ؕ— اِنَّهٗ مُصِیْبُهَا مَاۤ اَصَابَهُمْ ؕ— اِنَّ مَوْعِدَهُمُ الصُّبْحُ ؕ— اَلَیْسَ الصُّبْحُ بِقَرِیْبٍ ۟
फ़रिश्तों ने लूत अलैहिस्सलाम से कहा : ऐ लूत! हम स्वर्गदूत हैं। हमें अल्लाह ने भेजा है। तेरी जाति के लोग कदापि बुराई के साथ तेरे पास नहीं पहुँच सकते। अतः तू अपने परिवार के साथ इस गाँव से रात के अंधेरे में निकल जा। और तुम में से कोई भी व्यक्ति पीछे मुड़कर न देखे। परन्तु तेरी पत्नी उल्लंघन करते हुए पीछे मुड़कर देखेगी। क्योंकि उसे भी वही यातना पहुँचने वाली है, जो तेरी जाति के लोगों को पहुँचेगी। उन्हें विनष्ट करने का समय प्रातः काल है और यह समय निकट ही है।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• بيان فضل ومنزلة خليل الله إبراهيم عليه السلام، وأهل بيته.
• अल्लाह के मित्र इबराहीम अलैहिस्सलाम और उनके घर वालों की श्रेष्ठता और प्रतिष्ठा का वर्णन।

• مشروعية الجدال عمن يُرجى له الإيمان قبل الرفع إلى الحاكم.
• जिसके ईमान लाने की आशा हो, उसका मामला शासक तक पहुँचाने से पूर्व उसके बारे में बहस करने की वैधता।

• بيان فظاعة وقبح عمل قوم لوط.
• लूत की जाति के कार्य की कुरूपता का वर्णन।

فَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا جَعَلْنَا عَالِیَهَا سَافِلَهَا وَاَمْطَرْنَا عَلَیْهَا حِجَارَةً مِّنْ سِجِّیْلٍ ۙ۬— مَّنْضُوْدٍ ۟ۙ
फिर जब लूत की जाति को विनष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, तो हमने उनकी बस्तियों को उठाकर पटख दिया और ऊपर-तले कर दिया और हमने उनपर लगातार सख्त मिट्टी के पत्थर बरसाए।
عربی تفاسیر:
مُّسَوَّمَةً عِنْدَ رَبِّكَ ؕ— وَمَا هِیَ مِنَ الظّٰلِمِیْنَ بِبَعِیْدٍ ۟۠
इन पत्थरों को एक विशेष चिह्न के साथ अल्लाह के यहाँ से चिह्नित किया गया था। और ये पत्थर कुरैश और अन्य अत्याचारियों से कुछ दूर नहीं हैं। बल्कि वे निकट ही हैं, जब भी अल्लाह उन्हें उनपर बरसाने का फ़ैसला करेगा, बरस पड़ेंगे।
عربی تفاسیر:
وَاِلٰی مَدْیَنَ اَخَاهُمْ شُعَیْبًا ؕ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— وَلَا تَنْقُصُوا الْمِكْیَالَ وَالْمِیْزَانَ اِنِّیْۤ اَرٰىكُمْ بِخَیْرٍ وَّاِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ مُّحِیْطٍ ۟
और हमने मदयन की ओर उनके भाई शुऐब को भेजा। उन्होंने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अकेले अल्लाह की इबादत करो। उसके अलावा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं जो इबादत का हक़दार हो। तथा जब लोगों को नाप या तौलकर कुछ दो, तो उसमें कमी न करो। मैं तुम्हें विस्तृत आजीविका और नेमत में देख रहा हूँ। इसलिए पाप करके अपने ऊपर अल्लाह की नेमत को मत बदलो। मैं तुमपर उस घेरने वाले दिन की यातना से डरता हूँ, जो तुम में से हर एक को पकड़ लेगी, तुम्हें उससे भागने या शरण लेने का स्थान नहीं मिलेगा।
عربی تفاسیر:
وَیٰقَوْمِ اَوْفُوا الْمِكْیَالَ وَالْمِیْزَانَ بِالْقِسْطِ وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ اَشْیَآءَهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِی الْاَرْضِ مُفْسِدِیْنَ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! जब तुम किसी को नाप-तौलकर कुछ दो, तो न्याय के साथ पूरा-पूरा नापो और तौलो। तथा नाप-तौल में कमी, धोखाधड़ी और चालबाज़ी से लोगों के हुक़ूक़ में कमी न करो। और धरती में हत्या और अन्य गुनाहों से बिगाड़ मत फैलाओ।
عربی تفاسیر:
بَقِیَّتُ اللّٰهِ خَیْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۚ۬— وَمَاۤ اَنَا عَلَیْكُمْ بِحَفِیْظٍ ۟
अल्लाह की हलाल बचत, जो वह लोगों को उनके अधिकार न्याय के साथ देने के बाद तुम्हारे लिए बाक़ी रखता है, नाप-तौल में कमी और धरती में बिगाड़ पैदा करने के द्वारा प्राप्त वृद्धि से अधिक लाभदायक और बरकत वाली है। यदि तुम सचमुच मोमिन हो, तो उस बचत से खुश रहो। और मैं तुमपर संरक्षक नहीं हूँँ कि तुम्हारे कार्यों की गिनती रखूँ और उनपर तुम्हारी पकड़ करूँ। उसपर संरक्षक तो वही है, जिसके पास भेदों और कानाफूसियों का ज्ञान है।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا یٰشُعَیْبُ اَصَلٰوتُكَ تَاْمُرُكَ اَنْ نَّتْرُكَ مَا یَعْبُدُ اٰبَآؤُنَاۤ اَوْ اَنْ نَّفْعَلَ فِیْۤ اَمْوَالِنَا مَا نَشٰٓؤُا ؕ— اِنَّكَ لَاَنْتَ الْحَلِیْمُ الرَّشِیْدُ ۟
शुऐब की जाति के लोगों ने शुऐब से कहा : ऐ शुऐब! क्या तेरी नमाज़ जो तू अल्लाह के लिए पढ़ता है, तुझे यह आदेश देती है कि हम उन मूर्तियों की पूजा छोड़ दें, जिनकी पूजा हमारे बाप-दादा किया करते थे। और तुम्हें यह आदेश देती है कि हम अपने धन का जैसे चाहें उपयोग न करें और जैसे चाहें उसे विकसित न करें?! वास्तव में, तुम बहुत सहनशील और भले आदमी हो। क्योंकि हम तुम्हें इस निमंत्रण से पूर्व समझदार और बुद्धिमान जानते थे, फिर तुम्हें क्या हुआ?!
عربی تفاسیر:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَرَزَقَنِیْ مِنْهُ رِزْقًا حَسَنًا ؕ— وَمَاۤ اُرِیْدُ اَنْ اُخَالِفَكُمْ اِلٰی مَاۤ اَنْهٰىكُمْ عَنْهُ ؕ— اِنْ اُرِیْدُ اِلَّا الْاِصْلَاحَ مَا اسْتَطَعْتُ ؕ— وَمَا تَوْفِیْقِیْۤ اِلَّا بِاللّٰهِ ؕ— عَلَیْهِ تَوَكَّلْتُ وَاِلَیْهِ اُنِیْبُ ۟
शुऐब ने अपनी जाति के लोगों से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम मुझे ज़रा यह बताओ, यदि मैं अपने पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण तथा दूरदर्शिता पर हूँ और उसने अपनी ओर से मुझे हलाल रोज़ी भी दे रखी है और नुबुव्वत प्रदान की है, तो तुम्हारा हाल क्या होगा। मेरा उद्देश्य यह नहीं है कि मैं तुम्हें किसी चीज़ से रोकूँ और तुम्हारी मुखालफत करते हुए स्वयं वही काम करूँ। मेरा उद्देश्य केवल यह है कि तुम्हें अपने पालनहार की तौहीद की ओर बुलाकर और शक्ति भर उसका आज्ञापालन करके तुम्हारा सुधार करूँ। और मुझे इसका सामर्थ्य प्रदान करने वाला केवल अल्लाह महिमावान है। मैं अपने सभी कामों में अकेले उसी पर भरोसा करता हूँ और उसी की ओर लौटता हूँ।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• من سنن الله إهلاك الظالمين بأشد العقوبات وأفظعها.
• अल्लाह के नियमों में से अत्याचारियों को सबसे गंभीर और कठोर दंड के साथ नष्ट करना है।

• حرمة نقص الكيل والوزن وبخس الناس حقوقهم.
• नाप-तौल में कमी करने और लोगों को उनके अधिकार कम देने का निषेध।

• وجوب الرضا بالحلال وإن قل.
• हलाल से संतुष्ट होने की अनिवार्यता, भले ही वह कम हो।

• فضل الأمر بالمعروف والنهي عن المنكر، ووجوب العمل بما يأمر الله به، والانتهاء عما ينهى عنه.
• भली बात का आदेश देने तथा बुराई से रोकने का महत्व और अल्लाह के आदेश पर चलने और उसकी मनाही से रुकने की अनिवार्यता।

وَیٰقَوْمِ لَا یَجْرِمَنَّكُمْ شِقَاقِیْۤ اَنْ یُّصِیْبَكُمْ مِّثْلُ مَاۤ اَصَابَ قَوْمَ نُوْحٍ اَوْ قَوْمَ هُوْدٍ اَوْ قَوْمَ صٰلِحٍ ؕ— وَمَا قَوْمُ لُوْطٍ مِّنْكُمْ بِبَعِیْدٍ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! मेरी दुश्मनी तुम्हें मेरी लाई हुई शरीयत को झुठलाने पर न उभारे। मुझे डर है कि तुम्हें उसी प्रकार का अज़ाब न आ घेरे जिस प्रकार का अज़ाब नूह की जाति, या हूद की जाति, या सालेह की जाति पर आया और लूत की जाति तो तुमसे समय एवं स्थान के हिसाब से कुछ दूर नहीं है। और तुम जानते हो कि उनके साथ क्या हुआ था। अतः कुछ सीख लो।
عربی تفاسیر:
وَاسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ رَحِیْمٌ وَّدُوْدٌ ۟
और अपने पालनहार से क्षमा माँगो, फिर अपने गुनाहों से उससे तौबा करो। मेरा पालनहार तौबा करने वालों पर दयावान् और उनसे बहुत प्रेम करने वाला है।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا یٰشُعَیْبُ مَا نَفْقَهُ كَثِیْرًا مِّمَّا تَقُوْلُ وَاِنَّا لَنَرٰىكَ فِیْنَا ضَعِیْفًا ۚ— وَلَوْلَا رَهْطُكَ لَرَجَمْنٰكَ ؗ— وَمَاۤ اَنْتَ عَلَیْنَا بِعَزِیْزٍ ۟
शुऐब अलैहिस्सलाम की जाति के लोगों ने शुऐब से कहा : हम तुम्हारी लाई हुई बहुत-सी बातें नहीं समझते हैं। और चूँकि तुम्हारी आँखों में कमज़ोरी या अंधापन आ गया है, इसलिए हम तुम्हें अपने बीच कमज़ोर समझते हैं। यदि तुम्हारा कुल हमारे धर्म पर न होता, तो हम अवश्य तुम्हें पत्थर फेंककर मार डालते। तथा तुम हमारे निकट प्रिय (प्रतिष्ठित) भी नहीं हो कि हम तुम्हारी हत्या करने से डरें। हम केवल तुम्हारे कुल के सम्मान में तुम्हारी हत्या से रुके हुए हैं।
عربی تفاسیر:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَهْطِیْۤ اَعَزُّ عَلَیْكُمْ مِّنَ اللّٰهِ ؕ— وَاتَّخَذْتُمُوْهُ وَرَآءَكُمْ ظِهْرِیًّا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ بِمَا تَعْمَلُوْنَ مُحِیْطٌ ۟
शुऐब ने अपनी जाति के लगों से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या मेरा क़बीला तुम्हारे निकट तुम्हारे पालनहार अल्लाह से अधिक सम्मानित एवं प्रभावशाली है?! और तुम लोगों ने अल्लाह को अपने पीछे छोड़ दिया, जब तुम उसके उस नबी पर ईमान नहीं लाए, जिसे उसने तुम्हारी ओर भेजा था। निश्चय ही मेरे पालनहार ने उसे अपने घेरे में ले रखा है जो कुछ तुम कर रहे हो। तुम्हारे कामों मे से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। और वह तुम्हें इस दुनिया में विनाश के साथ और आख़िरत में अज़ाब की शक्ल में बदला देगा।
عربی تفاسیر:
وَیٰقَوْمِ اعْمَلُوْا عَلٰی مَكَانَتِكُمْ اِنِّیْ عَامِلٌ ؕ— سَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ۙ— مَنْ یَّاْتِیْهِ عَذَابٌ یُّخْزِیْهِ وَمَنْ هُوَ كَاذِبٌ ؕ— وَارْتَقِبُوْۤا اِنِّیْ مَعَكُمْ رَقِیْبٌ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने मन पसंद तरीक़े पर काम करो, मैं (भी) अपने पसंद किए हुए तरीक़े पर अपने सामर्थ्य भर कार्य कर रहा हूँ। शीघ्र ही तुम्हें पता चाल जाएगा कि हममें से किसके पास, उसे दंडित करने के लिए, अपमानित करने वाली यातना आती है और हममें से कौन अपने दावे में झूठा है। अतः प्रतीक्षा करो कि अल्लाह क्या निर्णय करता है, मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा कर रहा हूँ।
عربی تفاسیر:
وَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا شُعَیْبًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَاَخَذَتِ الَّذِیْنَ ظَلَمُوا الصَّیْحَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دِیَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟ۙ
और जब शुऐब की जाति के लोगों को नष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, तो हमने अपनी दया से शुऐब और उनके साथ ईमान लाने वालों को बचा लिया। और उसकी जाति के अत्याचारियों को एक विनाशकारी भयानक ध्वनि ने पकड़ लिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई और वे इस तरह औंधे पड़े हुए थे कि उनके चेहरे मिट्टी से चिपक गए थे।
عربی تفاسیر:
كَاَنْ لَّمْ یَغْنَوْا فِیْهَا ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّمَدْیَنَ كَمَا بَعِدَتْ ثَمُوْدُ ۟۠
वे ऐसे हो गए, जैसे वे इससे पहले कभी वहाँ बसे ही नहीं थे। सुन रखो, मदयन के लोग अल्लाह के प्रकोप के उतरने के कारण उसकी दया से दूर कर दिए गए, जैसे समूद के लोग अल्लाह का क्रोध उतरने के कारण उसकी दया से दूर कर दिए गए थे।
عربی تفاسیر:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی بِاٰیٰتِنَا وَسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
और हमने मूसा को अल्लाह की तौह़ीद को दर्शाने वाली अपनी निशानियों तथा जो कुछ वह लेकर आए थे उसकी सत्यता को प्रमाणित करने वाले अपने स्पष्ट तर्कों के साथ भेजा।
عربی تفاسیر:
اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ فَاتَّبَعُوْۤا اَمْرَ فِرْعَوْنَ ۚ— وَمَاۤ اَمْرُ فِرْعَوْنَ بِرَشِیْدٍ ۟
हमने उन्हें फ़िरऔन और उसकी जाति के गणमान्य लोगों की ओर भेजा। तो इन गणमान्य लोगों ने फ़िरऔन के अल्लाह का इनकार करने के आदेश को मान लिया। जबकि फ़िरऔन का आदेश सत्य तक पहुँचाने वाला नहीं था कि उसे माना जाता।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• ذمّ الجهلة الذين لا يفقهون عن الأنبياء ما جاؤوا به من الآيات.
• ऐसे अज्ञानियों की निंदा, जो नबियों की लाई हुई निशानियों को नहीं समझते।

• ذمّ وتسفيه من اشتغل بأوامر الناس، وأعرض عن أوامر الله.
• ऐसे लोगों की निंदा की गई है और उन्हें मूर्ख बताया गया है, जो लोगों की आज्ञाओं का पालन करते हैं, और अल्लाह के आदेशों से उपेक्षा करते हैं।

• بيان دور العشيرة في نصرة الدعوة والدعاة.
• धर्म प्रचार एवं धर्म प्रचारकों के समर्थन में क़बीले की भूमिका का वर्णन।

• طرد المشركين من رحمة الله تعالى.
• मुश्रिकों का अल्लाह की दया से निष्कासन।

یَقْدُمُ قَوْمَهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فَاَوْرَدَهُمُ النَّارَ ؕ— وَبِئْسَ الْوِرْدُ الْمَوْرُوْدُ ۟
क़ियामत के दिन फिरऔन अपनी जाति की आग की ओर अगुवाई करेगा यहाँ तक कि उन्हें उसमें दाखिल कर देगा और वह बहुत ही बुरा उतरने का स्थान है जहाँ वह उन्हें ले जाएगा।
عربی تفاسیر:
وَاُتْبِعُوْا فِیْ هٰذِهٖ لَعْنَةً وَّیَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— بِئْسَ الرِّفْدُ الْمَرْفُوْدُ ۟
अल्लाह ने उन्हें डुबाकर विनष्ट करने के साथ-साथ, दुनिया के जीवन में उनपर धिक्कार, अभिशाप और अपनी दया से दूरी और निष्कासन अंकित कर दिया। तथा क़ियामत के दिन भी उनपर अपनी दया से दूरी और निष्कासन अंकित कर दिया। उनका दुनिया एवं आख़िरत दोनों जगहों में धिक्कार और अज़ाब का भागीदार बनना कितना बुरा है!
عربی تفاسیر:
ذٰلِكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْقُرٰی نَقُصُّهٗ عَلَیْكَ مِنْهَا قَآىِٕمٌ وَّحَصِیْدٌ ۟
इस सूरत में बस्तियों के समाचार में से जो उल्लेख किया गया है, हम (ऐ रसूल) आपको उसके बारे में बता रहे हैं। इनमें से कुछ बस्तियाँ ऐसी हैं, जिनके निशान अभी बाक़ी हैं और कुछ ऐसी हैं, जिनके निशान मिट चुके हैं और उनका कोई चिह्न बाक़ी नहीं है।
عربی تفاسیر:
وَمَا ظَلَمْنٰهُمْ وَلٰكِنْ ظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فَمَاۤ اَغْنَتْ عَنْهُمْ اٰلِهَتُهُمُ الَّتِیْ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ لَّمَّا جَآءَ اَمْرُ رَبِّكَ ؕ— وَمَا زَادُوْهُمْ غَیْرَ تَتْبِیْبٍ ۟
और हमने उन्हें विनष्ट करके उनपर कोई अत्याचार नहीं किया, बल्कि उन्होंने अल्लाह के साथ कुफ़्र करके अपने आपको विनाश का हक़दार बनाकर स्वयं अपने ऊपर अत्याचार किया। ऐ रसूल! जब उन्हें विनष्ट करने का आपके पालनहार का आदेश आ गया, तो वे जिन पूज्यों की पूजा किया करते थे, वे उनसे उनपर आने वाले अज़ाब को न टाल सके तथा नुक़सान एवं विनाश में वृद्धि के सिवा उनके किसी काम न आए।
عربی تفاسیر:
وَكَذٰلِكَ اَخْذُ رَبِّكَ اِذَاۤ اَخَذَ الْقُرٰی وَهِیَ ظَالِمَةٌ ؕ— اِنَّ اَخْذَهٗۤ اَلِیْمٌ شَدِیْدٌ ۟
जिस तरह अल्लाह ने झुठलाने वाली जातियों की पकड़ की और उन्हें जड़ से उखाड़कर फेंक दिया, वैसे ही उसकी पकड़ हर काल और हर स्थान में होती है। निःसंदेह अत्याचार करने वाली बस्तियों के लिए उसकी पकड़ बहुत मज़बूत और दर्दनाक होती है।
عربی تفاسیر:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّمَنْ خَافَ عَذَابَ الْاٰخِرَةِ ؕ— ذٰلِكَ یَوْمٌ مَّجْمُوْعٌ ۙ— لَّهُ النَّاسُ وَذٰلِكَ یَوْمٌ مَّشْهُوْدٌ ۟
निश्चय ही अल्लाह के उन अत्याचारी बस्तियों को पकड़ने में उसके लिए सीख और उपदेश है, जो क़ियामत के दिन के अज़ाब से डरता हो। यह वही दिन है, जिसमें अल्लाह लोगों को उनके हिसाब-किताब के लिए एकत्रित करेगा, और वह उपस्थिति का दिन है, जिसमें सभी मह्शर वाले उपस्थित होंगे।
عربی تفاسیر:
وَمَا نُؤَخِّرُهٗۤ اِلَّا لِاَجَلٍ مَّعْدُوْدٍ ۟ؕ
और हम उस उपस्थिति (क़ियामत) के दिन को केवल एक ऐसी अवधि के लिए विलंबित कर रहे हैं जिसकी संख्या (अल्लाह के यहाँ) ज्ञात है।
عربی تفاسیر:
یَوْمَ یَاْتِ لَا تَكَلَّمُ نَفْسٌ اِلَّا بِاِذْنِهٖ ۚ— فَمِنْهُمْ شَقِیٌّ وَّسَعِیْدٌ ۟
जिस दिन वह दिन आ जाएगा, तो कोई भी प्राणी किसी तर्क अथवा अनुशंसा की बात उसकी अनुमति के बाद ही कर सकेगा। उस दिन लोग दो प्रकार के होंगे : एक अभागा जो दोज़ख में जाएगा और एक भाग्यशाली जो जन्नत में प्रवेश करेगा।
عربی تفاسیر:
فَاَمَّا الَّذِیْنَ شَقُوْا فَفِی النَّارِ لَهُمْ فِیْهَا زَفِیْرٌ وَّشَهِیْقٌ ۟ۙ
जहाँ तक अपने कुफ्र और भ्रष्ट कर्मों के कारण अभागा ठहरने वाले लोगों की बात है, तो वे नरक में प्रवेश करेंगे। जिसमें, आग की लपटों से ग्रस्त होने की गंभीरता से, उनकी आवाज़ें और साँसें ऊँची हो जाएँगी।
عربی تفاسیر:
خٰلِدِیْنَ فِیْهَا مَا دَامَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ اِلَّا مَا شَآءَ رَبُّكَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ فَعَّالٌ لِّمَا یُرِیْدُ ۟
वे उसमें सदैव रहेंगे, जब तक आकाश और धरती विद्यमान् हैं, वे उससे बाहर नहीं निकलेंगे। परन्तु अल्लाह एकेश्वरवादी अवज्ञाकारियों में से जिसे निकालना चाहे (उसे निकाल सकता है)। निःसंदेह (ऐ रसूल) आपका पालनहार जो चाहे, उसे कर गुज़रने वाला है। उसे कोई विवश नहीं कर सकता।
عربی تفاسیر:
وَاَمَّا الَّذِیْنَ سُعِدُوْا فَفِی الْجَنَّةِ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا مَا دَامَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ اِلَّا مَا شَآءَ رَبُّكَ ؕ— عَطَآءً غَیْرَ مَجْذُوْذٍ ۟
जहाँ तक भाग्यशाली लोगों की बात है, जिनके लिए उनके ईमान और अच्छे कार्यों के कारण पहले ही से अल्लाह की ओर से भाग्यशाली होना लिख दिया गया है, वे सदैव जन्नत में रहेंगे जब तक आकाश और धरती विद्यमान् हैं, सिवाय इसके कि अल्लाह अवज्ञाकारी मोमिनों में से जिसे जन्नत से पूर्व दोज़ख में डालना चाहे। जन्नत वालों को मिलने वाली अल्लाह की नेमतें कभी ख़त्म नहीं होंगी।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• التحذير من اتّباع رؤساء الشر والفساد، وبيان شؤم اتباعهم في الدارين.
• बुराई और भ्रष्टाचार के प्रमुखों के पीछे चलने के खिलाफ चेतावनी और दोनों लोक में उनके अनुयायियों के दुर्भाग्य का वर्णन।

• تنزه الله تعالى عن الظلم في إهلاك أهل الشرك والمعاصي.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान का बहुदेववादियों और पापियों को नष्ट करने में अन्याय से पवित्र होना।

• لا تنفع آلهة المشركين عابديها يوم القيامة، ولا تدفع عنهم العذاب.
• बहुदेववादियों के पूज्य क़ियामत के दिन अपने उपासकों को न कुछ लाभ पहुँचाएँगे और न उनसे अज़ाब दूर कर सकेंगे।

• انقسام الناس يوم القيامة إلى: سعيد خالد في الجنان، وشقي خالد في النيران.
• क़यामत के दिन लोगों का दो गिरोहों में विभाजित होना : एक गिरोह भाग्यवानों का होगा, जो सदैव जन्नत में होगा और दूसरा अभागों का, जो सदैव दोज़ख में होगा।

فَلَا تَكُ فِیْ مِرْیَةٍ مِّمَّا یَعْبُدُ هٰۤؤُلَآءِ ؕ— مَا یَعْبُدُوْنَ اِلَّا كَمَا یَعْبُدُ اٰبَآؤُهُمْ مِّنْ قَبْلُ ؕ— وَاِنَّا لَمُوَفُّوْهُمْ نَصِیْبَهُمْ غَیْرَ مَنْقُوْصٍ ۟۠
(ऐ रसूल) ये मुश्रिक लोग जिन (मूर्तियों) की पूजा कर रहे हैं, उनके भ्रष्ट होने के संबंध में आपको कोई संदेह नहीं होना चाहिए। क्योंकि उनके पास उसके सही होने पर कोई बौद्धिक या शरई प्रमाण नहीं है। बल्कि, उनके अल्लाह के अलावा अन्य को पूजने का कारण, मात्र अपने बाप-दादा का अनुकरण (नकल) है। निःसंदेह हम बिना कमी के उन्हें उनकी यातना का पूरा-पूरा हिस्सा देने वाले हैं।
عربی تفاسیر:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ فَاخْتُلِفَ فِیْهِ ؕ— وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَّبِّكَ لَقُضِیَ بَیْنَهُمْ ؕ— وَاِنَّهُمْ لَفِیْ شَكٍّ مِّنْهُ مُرِیْبٍ ۟
और हमने मूसा को तौरात दी थी, फिर लोगों ने उसमें विभेद किया। कुछ लोग उसपर ईमान लाए और कुछ लोगों ने उसका इनकार किया। यदि अल्लाह का यह पूर्व निर्धारित निर्णय न होता कि वह शीघ्र ही (दुनिया में) यातना नहीं देगा, बल्कि अपनी हिकमत के तहत उसे क़ियामत तक के लिए विलंबित रखेगा, तो दुनिया ही में वह अज़ाब आ जाता, जिसके वे हक़दार हैं। यहूदियों तथा बहुदेववादियों में से काफ़िर लोग कुरआन के संबंध में संदेह में पड़े हुए हैं, जो असमंजस में डालने वाला है।
عربی تفاسیر:
وَاِنَّ كُلًّا لَّمَّا لَیُوَفِّیَنَّهُمْ رَبُّكَ اَعْمَالَهُمْ ؕ— اِنَّهٗ بِمَا یَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ ۟
जिन मतभेद करने वालों का भी उल्लेख किया गया है, उनमें से प्रत्येक को (ऐ रसूल!) आपका पालनहार उसके कर्मों का अवश्य पूरा बदला देगा। चुनाँचे जिसका कर्म अच्छा था, उसका बदला अच्छा होगा और जिसका कर्म बुरा था, उसका बदला बुरा होगा। निःसंदेह अल्लाह उनके छोटे-छोटे कर्मों से भी सूचित है, उनके कामों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
عربی تفاسیر:
فَاسْتَقِمْ كَمَاۤ اُمِرْتَ وَمَنْ تَابَ مَعَكَ وَلَا تَطْغَوْا ؕ— اِنَّهٗ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
(ऐ रसूल) हमेशा सीधे रास्ते पर जमे रहें, जैसा कि अल्लाह ने आपको आदेश दिया है। अतः उसके आदेशों का पालन करें और उसके निषेधों से बचें। इसी तरह आपके साथ तौबा करने वाले मोमिन भी सीधे रास्ते पर जमे रहें। तथा तुम गुनाहों में पड़कर सीमा का उल्लंघन न करो। निश्चय ही वह तुम्हारे कर्मों को देख रहा है। उससे तुम्हारा कोई काम छिपा नहीं है और वह तुम्हें उसका बदला देगा।
عربی تفاسیر:
وَلَا تَرْكَنُوْۤا اِلَی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا فَتَمَسَّكُمُ النَّارُ ۙ— وَمَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ اَوْلِیَآءَ ثُمَّ لَا تُنْصَرُوْنَ ۟
चाटुकारिता या स्नेह के साथ अत्याचारी काफ़िरों की ओर झुकाव न करें, अन्यथा इस झुकाव के कारण तुम्हें (भी) आग पकड़ लेगी। और अल्लाह के सिवा तुम्हारा कोई सहायक न होगा, जो तुम्हें उससे बचा सके। फिर तुम्हें कोई ऐसा नहीं मिलेगा जो तुम्हारी सहायता कर सके।
عربی تفاسیر:
وَاَقِمِ الصَّلٰوةَ طَرَفَیِ النَّهَارِ وَزُلَفًا مِّنَ الَّیْلِ ؕ— اِنَّ الْحَسَنٰتِ یُذْهِبْنَ السَّیِّاٰتِ ؕ— ذٰلِكَ ذِكْرٰی لِلذّٰكِرِیْنَ ۟ۚ
(ऐ रसूल) आप दिन के दोनों सिरों में अर्थात दिन की शुरुआत और उसके अंत में अच्छे ढंग से नमाज़ क़ायम कीजिए। तथा रात के कुछ क्षणों में भी उसकी स्थापना कीजिए। निःसंदेह अच्छे कार्य छोटे गुनाहों को मिटा देते हैं। उपर्युक्त बातें सीख लेने वालों के लिए, एक सीख हैं।
عربی تفاسیر:
وَاصْبِرْ فَاِنَّ اللّٰهَ لَا یُضِیْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
तथा आपको सीधे मार्ग पर जमे रहने आदि का जो आदेश दिया गया है, उसे करने और सीमोल्लंघन एवं अत्याचारियों की ओर झुकाव से जो रोका गया है, उसे छोड़ने पर धैर्य से काम लें। निःसंदेह अल्लाह सदाचारियों का प्रतिफल नष्ट नहीं करता, बल्कि उनके अच्छे कर्मों को स्वीकार करता है और उनका बहुत अच्छा बदला देता है।
عربی تفاسیر:
فَلَوْلَا كَانَ مِنَ الْقُرُوْنِ مِنْ قَبْلِكُمْ اُولُوْا بَقِیَّةٍ یَّنْهَوْنَ عَنِ الْفَسَادِ فِی الْاَرْضِ اِلَّا قَلِیْلًا مِّمَّنْ اَنْجَیْنَا مِنْهُمْ ۚ— وَاتَّبَعَ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مَاۤ اُتْرِفُوْا فِیْهِ وَكَانُوْا مُجْرِمِیْنَ ۟
ऐसा क्यों न हुआ कि पहले के यातना ग्रस्त समुदायों में कुछ सदाचारी होते, जो उन समुदायों को कुफ्र से तथा गुनाहों के द्वारा धरती पर उपद्रव करने से रोकते। उनके अंदर ऐसे लोग नहीं रह गए थे, सिवाय उनमें से कुछ के जो भ्रष्टाचार से मना कर रहे थे। अतः उनकी अत्याचारी जाति को विनष्ट करते समय हमने उनको बचा लिया। जबकि उन जातियों के अत्याचारी लोग सुख और आनंद के पीछे लगे रहे। और ऐसा करके वे अन्याय कर रहे थे।
عربی تفاسیر:
وَمَا كَانَ رَبُّكَ لِیُهْلِكَ الْقُرٰی بِظُلْمٍ وَّاَهْلُهَا مُصْلِحُوْنَ ۟
और आपका पालनहार (ऐ रसूल) ऐसा नहीं है कि वह बस्तियों में से किसी बस्ती को विनष्ट कर दे, जबकि उसके वासी धरती में सुधार का करने वाले हों। बल्कि वह उसे उसी समय विनष्ट करता है, जब उसके वासी कुफ्र, अत्याचार और गुनाहों के द्वारा बिगाड़ पैदा करने वाले हों।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• وجوب الاستقامة على دين الله تعالى.
• अल्लाह के धर्म पर जमे रहने की अनिवार्यता।

• التحذير من الركون إلى الكفار الظالمين بمداهنة أو مودة.
• चापलूसी या स्नेह के साथ अन्यायी काफिरों की ओर झुकने से चेतावनी।

• بيان سُنَّة الله تعالى في أن الحسنة تمحو السيئة.
• अल्लाह के इस नियम का वर्णन कि नेकी गुनाह को मिटा देती है।

• الحث على إيجاد جماعة من أولي الفضل يأمرون بالمعروف، وينهون عن الفساد والشر، وأنهم عصمة من عذاب الله.
• सदाचारी लोगों के एक समूह के निर्माण का आग्रह, जो अच्छी बातों का आदेश दे तथा भ्रष्टाचार और बुराई से रोके। और यह कि वे अल्लाह के अज़ाब से प्रतिरक्षा हैं।

وَلَوْ شَآءَ رَبُّكَ لَجَعَلَ النَّاسَ اُمَّةً وَّاحِدَةً وَّلَا یَزَالُوْنَ مُخْتَلِفِیْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल) यदि आपका पालनहार चाहता कि सभी लोगों को सत्य के पथ पर चलने वाला एक समुदाय बना दे, तो ऐसा कर सकता था। परन्तु उसने ऐसा नहीं चाहा। अतः वे इच्छाओं के पीछे चलने और अत्याचार के कारण सत्य के बारे में हमेशा मतभेद करते रहेंगे।
عربی تفاسیر:
اِلَّا مَنْ رَّحِمَ رَبُّكَ ؕ— وَلِذٰلِكَ خَلَقَهُمْ ؕ— وَتَمَّتْ كَلِمَةُ رَبِّكَ لَاَمْلَـَٔنَّ جَهَنَّمَ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ اَجْمَعِیْنَ ۟
परन्तु जिन्हें अल्लाह सीधे मार्ग का सामर्थ्य प्रदानकर उनपर दया करे, तो वे अल्लाह महिमावान के एकेश्वरवाद में विभेद नहीं करेंगे। और इसी विभेद के द्वारा परीक्षण के लिए अल्लाह ने उन्हें पैदा किया है। चुनाँचे उनमें से कुछ अभागे हैं और कुछ भाग्यशाली। और (ऐ रसूल) आपके पालनहार की वह बात पूरी हुई, जिसका निर्णय उसने अनादिकाल में किया था कि वह जहन्नम को जिन्नों और इनसानों में से शैतान के अनुयायियों से भर देगा।
عربی تفاسیر:
وَكُلًّا نَّقُصُّ عَلَیْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الرُّسُلِ مَا نُثَبِّتُ بِهٖ فُؤَادَكَ ۚ— وَجَآءَكَ فِیْ هٰذِهِ الْحَقُّ وَمَوْعِظَةٌ وَّذِكْرٰی لِلْمُؤْمِنِیْنَ ۟
(ऐ रसूल) आपसे पूर्व नबियों की ख़बरों में से जो भी ख़बर हम आपको सुना रहे हैं, उसका उद्देश्य यह है कि हम उसके द्वारा आपके ह्रदय को सत्य पर सुदृढ़ कर दें और उसे मज़बूत कर दें। तथा इस सूरत में आपके पास वह सत्य आ गया, जिसमें कोई संदेह नहीं है। और इसमें आपके पास काफिरों के लिए उपदेश और उन मोमिनों के लिए स्मरण आया है, जो स्मरण से लाभ उठाते हैं।
عربی تفاسیر:
وَقُلْ لِّلَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ اعْمَلُوْا عَلٰی مَكَانَتِكُمْ ؕ— اِنَّا عٰمِلُوْنَ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) आप उन लोगों से, जो न अल्लाह पर ईमान रखते हैं और न उसे एक मानते हैं, कह दीजिए कि : तुम सत्य से मुँह फेरने और उससे रोकने के अपने रास्ते पर काम करो, हम अपने सत्य पर सुदृढ़ रहने, उसकी ओर लोगों को बुलाने और उसपर सब्र करने के रास्ते पर काम कर रहे हैं।
عربی تفاسیر:
وَانْتَظِرُوْا ۚ— اِنَّا مُنْتَظِرُوْنَ ۟
और तुम हमपर आने वाले अज़ाब की प्रतीक्षा करो, निःसंदेह हम भी प्रतीक्षा करते हैं कि तुमपर क्या कुछ आता है।
عربی تفاسیر:
وَلِلّٰهِ غَیْبُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَاِلَیْهِ یُرْجَعُ الْاَمْرُ كُلُّهٗ فَاعْبُدْهُ وَتَوَكَّلْ عَلَیْهِ ؕ— وَمَا رَبُّكَ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟۠
और केवल अल्लाह ही के पास आकाशों तथा धरती कि छिपी चीज़ों का ज्ञान है। उससे इनमें से कुछ भी छिपा नहीं है। तथा अकेले उसी की ओर क़ियामत के दिन सभी मामले लौटाए जाएँगे। अतः (ऐ रसूल) आप अकेले उसी की इबादत करें और अपने सभी मामलों में उसी पर भरोसा करें। आपका पालनहार उससे अनजान नहीं है जो कुछ तुम करते हो, बल्कि वह उससे अवगत है और हर एक को उसके कर्मों का बदला देगा।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• بيان الحكمة من القصص القرآني، وهي تثبيت قلب النبي صلى الله عليه وسلم وموعظة المؤمنين.
• क़ुरआन में वर्णित कहानियों की हिकमत का वर्णन और वह नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दिल को मज़बूत करना तथा मोमिनों को उपदेश करना है।

• انفراد الله تعالى بعلم الغيب لا يشركه فيه أحد.
• ग़ैब का ज्ञान केवस अल्लाह के पास है, इसमें उसका कोई साझी नहीं।

• الحكمة من نزول القرآن عربيًّا أن يعقله العرب؛ ليبلغوه إلى غيرهم.
• कुरआन के अरबी भाषा में उतरने की हिकमत यह है कि अरब उसे समझ सकें; ताकि वे उसे दूसरों तक पहुँचाएँ।

• اشتمال القرآن على أحسن القصص.
• कुरआन में सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ शामिल हैं।

 
معانی کا ترجمہ سورت: سورۂ ھود
سورتوں کی لسٹ صفحہ نمبر
 
قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ترجمے کی لسٹ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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